मितानिनों की प्रोत्साहन राशि और नर्सों की भर्ती पर हंगामा, विपक्ष का बहिर्गमन

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विधानसभा में भाजपा ने सरकार को घोषणापत्र पर घेरा

रायपुर। विधानसभा में भाजपा विधायकों ने सरकार को चुनावी घोषणा-पत्र पर घेरा। मितानिनों की प्रोत्साहन राशि और नर्सों की भर्ती के सवाल पर खूब हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने कांग्रेस के चुनावी घोषणा-पत्र का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आत्मसात जन घोषणापत्र में मितानिनों के संबंध में क्या घोषणाएं की गई थीं। उसमें से कितनी पूरी हुई। मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा, कि सरकार इसे पूरा करने कार्ययोजना बना रही है। विपक्ष का आरोप था कि तीन साल पूरे होने के बाद कई घोषणाएं पूरी नहीं हुई है। मंत्री के जवाब असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।

प्रश्नकाल में उठे इस मामले का स्वास्थ्य मंत्री की अनुपस्थिति में जवाब दे रहे वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि मितानिनों को कमीशन के अतिरिक्त पांच हजार रुपए प्रति माह मानदेय की घोषणा थी। वहीं पांच हजार नए मितानिनों की भर्ती की जाने की बात थी। सरकार की ओर से मानदेय के संबंध में कोई बात नहीं आई, जबकि नई भर्ती के संबंध में बताया गया, 1362 मितानिनों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें से 1199 की भर्ती की गई है।

तीन महीनों का प्राेत्याहन राशि भुगतान

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने स्टाफ नर्सों की भर्ती का सवाल उठाया। जवाब में मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि यह प्रक्रिया जल्दी ही पूरी की जाएगी। भाजपा विधायक रंजना डीपेंद्र साहू ने पूछा कि कोरोना काल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 6 महीनों तक प्रोत्साहन राशि देने का आदेश दिया था, यहां मितानिनों को यह राशि क्यों नहीं दी जा रही है? मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, अभी तक तीन महीनों का भुगतान किया जा चुका है।

सरकार कटिबद्ध, पूरा किया जाएगा

भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने घोषणा-पत्र में यूनिवर्सल हेल्थ केयर की बात की गई थी, वह लागू हो गई क्या? जवाब में मोहम्मद अकबर ने कहा, इसमें कई काम पूरे हो गए हैं, कुछ हो रहे हैं। इसके बाद विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया। सरकार पर घोषणापत्र को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया। मंत्री का कहना था कि घोषणा-पत्र के वादों का यह मतलब नहीं कि सब कुछ एक झटके से कर दिया जाए। सरकार इसे लेकर कटिबद्ध है और इसे पूरा किया जाएगा। भाजपा विधायक मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन कर गए।