मुख्यमंत्री ने कहा – छत्तीसगढ़ देश का हार्ट, सभी सुविधा मिलेगी, छत्तीसगढ़ के खनिज और वन उत्पादों के एक्सपोर्ट पर जोर, मंत्री लखमा का दावा-दो गुना हुआ निर्यात

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, कोरोना काल में बड़ी चुनौतियां थी । हमारी कुशल रणनीति के कारण हमने सफलताएँ अर्जित की…

रायपुर – निर्यात के मामले में छत्तीसगढ़ भरपूर सम्भावनाओं वाला राज्य है। देश में सबसे ज्यादा लघु वनोपज इकट्ठा करने वाले राज्य हैं और इसका वैल्यू एडिशन भी कर रहे हैं। पूरे देश का 74 प्रतिशत लघु वनोपज संग्रहित किया। यह लैंड लॉक स्टेट है, लगातार कार्गो की मांग कर रहे हैं। यहाँ 23 हजार प्रकार के धान हैं, पूरे देश मे कहीं नही होगा। वनौषधि यहाँ बहुत है, जो लोग उस पर काम करना चाहते बहुत सम्भावनायें हैं। 2019 की बहुत बढ़िया पॉलिसी है हमारी , इसलिए हमने 70 हजार करोड़ का एमओयू हुआ। एक उद्योग पति ने कहा कि आपकी पॉलिसी के कारण कोई एनपीए नहीं होगा। जैविक खेती की ओर छत्तीसगढ़ बढ़ रहा है। गोबर से अब बिजली उत्पादन का कार्य भी किया जाएगा, भाभा एटॉमिक सेंटर से हमारा एमओयू हुआ है। गोबर से अब हमारी स्व सहायता समूह की महिलाएं गुलाल भी बना रहीं है। इस माध्यम से देश भर के उद्यमियों को आमंत्रित करता हूँ, जिससे उनको लाभ भी होगा और छत्तीसगढ़ भी एक्सपोर्ट में आगे आएगा । हमने 14 जिलों को ऑर्गेनिक जिले के रूप में घोषित किया है। आप दो कदम छत्तीसगढ़ की ओर आएं।

चाहे रेलमार्ग हो, हवाई मार्ग हो , सड़क मार्ग हो आप यहाँ आ सकते हैं। छत्तीसगढ़ देश का हार्ट है। आपको सारी सुविधाएं एवँ सहयोग यहाँ उपलब्ध कराई जाएंगी |

कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प उत्पादों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है

शनिवार को एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव की शुरुआत हुई है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गोनाइजेशन की ओर से आयोजित इस कॉन्क्लेव में प्रदेश से निर्यात की संभावना और सुविधा आदि पर चर्चा होनी है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा, छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधन, वनोपज और खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। जिसके प्रसंस्करण उद्योग स्थापित कर निर्यात की संभावनाएं बढ़ाई जा सकती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य का कुल निर्यात 2 गुना हो गया है।

रायपुर के होटल में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री कवासी लखमा ने कहा, छत्तीसगढ़ से उत्पादन और निर्यात को बढ़ाने के लिए नई उद्योग नीति 2019-24 लागू की गई है। जिसमें फूड प्रोसेसिंग इकाई और वनोपज को भी उद्योग से जोड़ने के लिए बेहतर कार्य योजना की शुरुआत हुई है। जिसका सुखद परिणाम भी अब मिल रहा है। देश के कुल निर्यात में छत्तीसगढ़ राज्य का योगदान पिछले 2 वर्ष में 2 गुना हुआ है। इसे और बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है।

लखमा ने कहा कि बस्तर सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में वनोपज, रागी, कोदो, कुटकी एवं स्थानीय उत्पाद की प्रोसेसिंग के लिए सभी जिलों में फूड पार्क स्थापित किया जा रहा है। आवश्यकता अनुसार इसका विस्तार भी किया जाएगा। जिससे लोगों को स्थानीय स्तर ही रोजगार उपलब्ध होगा। कार्यक्रम को फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गोनाइजेशन के रीजनल चेयरमेन नंद किशोर कांग्लीवाल, वाइस प्रेसीडेंट खालिद खान और सीईओ डॉ. अजय सहाय ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ में निर्यात की संभावनाओं और केंद्र सरकार की उद्योग नीति की विस्तृत जानकारी सामने रखी।

रायपुर में एक्सपोर्ट कार्यालय की मांग

उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने केन्द्र सरकार से रायपुर में एक्सपोर्ट कार्यालय खोलने की मांग की है। उनका कहना था कि कार्यालय बन जाने से निर्यातकों की समस्याओं का निराकरण सरलता से हो सकेगा।

अधिक लचीली उद्योग नीति

वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ ने कहा, राज्य सरकार के समुचित प्रयास से हम निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मजबूती से प्रयास कर रहे हैं। राज्य की उद्योग नीति को अधिक लचीला बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे अधिक से अधिक उद्योगपतियों की भागीदारी संभव हो सके। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयास से निर्यात की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए सतत प्रयास किया जा रहा है।

निर्यात के लिए परिवहन अनुदान भी

प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने बताया, नई नीति से राज्य में उपलब्ध खनिज और वन उपज जैसे संसाधनों का समुचित दोहन हो सकेगा। जिसका लाभ राज्य के लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि निर्यात करने वाले उद्योगों एवं व्यापारियों को राज्य सरकार के द्वारा निकटतम बंदरगाह तक पहुंचाने के लिए परिवहन अनुदान दिया जा रहा है।