जनता के बीच विकास कार्यों को पहुंचाने थपथपाई गई पीठ, कार्यकर्ताओं की सुधि लेने का अल्टिमेटम

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रेखचंद को कथित शुभचिंतकों से खतरा के लिए किया गया ताकीद, उत्तरप्रदेश चुनाव जाने के पूर्व बंद लिफाफा मिला

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव आगामी 2023 के नवंबर में प्रस्तावित है और इसके पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने सरकार के कामकाज की समीक्षा करने निकलने वाले हैं। इन सबके बीच कथित सर्वे रिपोर्ट के आधार पर विधायकों के परफारमेंस जांचने की बात भी सामने आ रही है। वहीं एक चर्चा भी सामने आई है कि विधायक रेखचंद जैन को उत्तरप्रदेश जाने के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक लिफाफा सौंपा है जिसमें उनको अपने कथित शुभचिंतकों से खतरा बताया गया है साथ ही व्यक्ति विशेष के लोगों से दूरी बनाने को कहा गया है वहीं इस रिपोर्ट में कार्यकर्ताओं को साधने की वकालत भी की गई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बस्तर संभाग के दौरे को लेकर समय सारिणी तय हो गई है। 19 मई को कोंटा विधानसभा क्षेत्र से बस्तर संभाग के विधानसभा क्षेत्रों का दौरा शुरू होगा, उसके पूर्व ही कई अफवाहों को बल मिल रहा है जिसमें तरह-तरह के सर्वे को आधार बनाया गया है।इसी तारतम्य में बस्तर संभाग की एकलौती सामान्य विधानसभा सीट जगदलपुर विधानसभा में 26 मई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दौरा कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम की घोषणा होते ही कांग्रेसी ही अफवाहों को बल दे रहें हैं कि वर्तमान विधायक रेखचंद जैन की टिकट कट सकती है। वहीं एक चर्चा जोरों पर यह है कि पूरे 90 विधानसभा की तरह जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र में भी कांग्रेसी नेताओं व कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप भी लगाए जा रहें हैं जिस पर भी चौक चौराहों पर बहस छिड़ी हुई है।

एक अन्य स्रोत से यह ज्ञात हुआ है कि विधायक रेखचंद जैन के लिए कुछ लोगों को खतरा बताया गया है और नामजद जानकारी बंद लिफाफा में दी गई है जिसके कारण वह अब दूरी बनाने से भी परहेज़ नहीं कर रहें हैं। सूत्रों ने दावा किया है कि उत्तरप्रदेश जाने के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे 90 विधानसभा क्षेत्र के विधायकों को आमंत्रित किया था और इस बैठक टीएस सिंहदेव समर्थकों कुछ विधायक को छोड़कर बाकी विधायक पहुंचे थे जिन्हें दो प्रकार की लिफाफा दी गई जिसमें उनके परफामेंस वह उनकी नकारात्मक छवि को लेकर टिप्पणी की गई है जिसके आधार पर जनता के बीच विकास कार्यों को लेकर उनकी सक्रियता पर खुशी जाहिर किया गया है तो उन्हें अपने ही पार्टी के मीरजाफर वह जयचंदों से दूरी बनाने को कहा गया है। इसके साथ ही यह भी ताकीद किया गया है कि नेताओं व कार्यकर्ताओं के प्रति व्यवहार में रुखापन ना लाये और उनके समस्याओं का समाधान करें।