दिव्यांग वो हैं, जो स्वस्थ होकर भी कर्महीन होते हैं : सुमन कार्तिक

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  • स्पेशल स्कूल आड़ावल में हुआ मोटिवेशनल स्पीच =

जगदलपुर शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय आड़ावल जगदलपुर में 27 जनवरी को मोटिवेशनल स्पीकर सुमन कार्तिक द्वारा मोटिवेशनल स्पीच दिया गया। कार्यक्रम में दृष्टि बाधित एवं श्रवण बाधित विद्यार्थी एवं शिक्षक शामिल हुए। श्रवण बाधित विद्यार्थियों को साइन लैंग्वेज एवं स्मार्ट टीवी के माध्यम से समझाया गया।

सुमन कार्तिक ने अपने प्रेरणात्मक स्पीच में बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि शारीरिक दिव्यांगता जीवन में आगे बढ़ने में बाधक नहीं होती है, क्योंकि हम कर्म योगी हैं। कर्महीन व्यक्ति ही असल में दिव्यांग होता है, जो शारीरिक क्षमता से भरपूर रहने के बावजूद मानसिक रूप से दिव्यांग और कर्महीन बना रहता है। अगर हम अपने से छोटे और शारीरिक रूप से ज्यादा अक्षम दिव्यांग को देखें तो हमें यह सोचना चाहिए कि मेरे पास जो है, वह बहुत अच्छा है और अपने से बड़ों से प्रेरित होकर प्रेरणा लेनी चाहिए। मैं कर्मयोगी हूं और यथार्थवादी हूं, मेरी सोच, ध्यान और निरंतर अभ्यास ही मुझे अपना लक्ष्य प्राप्त करने में सहायक होगा। संस्था के प्रशासनिक अधिकारी तोमेश्वर सिन्हा ने छात्र- छात्राओं से कहा कि भविष्य में भी ऐसा ही मोटिवेशनल स्पीच आयोजित करेंगे, ताकि विद्यालय के दिव्यांग छात्र -छात्राएं प्रोत्साहित होकर अपना जीवन सफल बना सकें।कार्यक्रम में विद्यालय के विशेष शिक्षक शैलेंद्र मिश्रा, अंजलि सिन्हा, हीरालाल परते एवं विद्यालय के समस्त शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थे।