बुथों में पहुंचे भाजपाई तो कांग्रेस संगठन में चुनाव की बयार 2023 के चुनाव को बचे मात्र डेढ़ वर्ष

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जगदलपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश में 2023 का चुनाव होना है जिसके लिए सत्तारुढ़ दल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा में कितनी तैयारी चल रही है, उसकी चर्चा इन दिनों चल रहा है। मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने बड़े नेताओं को जमीन पर उतार दिया है जो गली गली घुमकर लोगों को जोड़ने में लगे हैं जिससे कार्यकर्ताओं में नए ऊर्जा का संचार हो रहा है तो कांग्रेस संगठन चुनाव में मशगूल हैं, ब्लाक से लेकर प्रदेश स्तरीय चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। इन सबके बीच यह बात सामने आई है कि भाजपा में सभी बड़े पदाधिकारियों को चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है तो कांग्रेस में एकला चलो का मंजर दिखाई देता है। कुल मिलाकर भाजपा 20 साबित हो रही है तो कांग्रेस 10 भी नहीं दिख रही जिसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है क्या कांग्रेसियों में उत्सुकता कम हो गई है या जानबूझकर यह किया जा रहा है।

कैंडरबेस और मासबेस पार्टी का फर्क

भारतीय जनता पार्टी को कैडर आधारित पार्टी माना जाता है, राज्य या प्रदेश स्तर पर जो ज़िम्मेदारियां दी जाती है उसका अक्षरशः पालन किया कार्यकर्ता से लेकर पदाधिकारी तक करते हैं किंतु कांग्रेस पार्टी चेहरे आधारित पार्टी है जोकि एक नेता की पिछलग्गू बन कर रह जाती है और संगठन में किसी प्रकार के कार्यवाही के अभाव में कार्यकर्ता भी बेलगाम हो जाते हैं।