छत्तीसगढ़ में कर्ज पर सवाल उठाने वाली भाजपा केंद्र में ले रही हर रोज 4000 करोड़ का कर्ज

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मोदी सरकार छत्तीसगढ़ का 55 हजार करोड़ का कर्जदार

देश पर कर्ज के साथ-साथ बढ़ रहा गरीबी,महंगाई और बेरोजगारी का बोझ

रायपुर/17 मई 2022। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कर्ज पर सवाल खड़ा कर रहे भाजपा पर प्रहार करते हुये कहा कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ का 55 हजार करोड़ का कर्जदार है छत्तीसगढ़ सरकार के कर्ज लेने पर उंगली उठा रही भाजपा की केंद्र सरकार रोज 4000 करोड़ का कर्ज़ ले रही है। मोदी सरकार छत्तीसगढ़ सरकार के 55 हजार करोड़ को एकमुश्त दे दे तो कांग्रेस सरकार के द्वारा लिया गया कर्ज चूक जाएगा और अतिरिक्त फंड राशि भी सरकार के खजाने में आ जाएगी। 2014 से लेकर अब तक मोदी सरकार 8 साल में 135 लाख करोड़ का कर्ज देशवासियो के सिर पर चढ़ा दिया है देश के प्रत्येक नागरिक के सिर पर एक लाख रु का कर्ज हो गया है। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने 41,000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था लेकिन उस पैसे का उपयोग जनहित में नही किया। किसानों को धान की कीमत 2100 रु 300 रु बोनस नही दिया, आदिवासियों को 10 लीटर दूध देने वाली जर्सी गाय और उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा पूरा नही किया। मोदी सरकार उद्योगपतियों की उंगलियों पर बेशर्मी से नाच रही नकारा मोदी सरकार द्वारा देश की जनता पर इतना बड़ा बोझ डालने के बावजूद देश में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी ने उत्पात मचा रखा है। हर चीज की कीमतें आसमान छू रही हैं, किचन से लेकर सड़क तक महंगाई के कारण आम जनजीवन नर्क बन चुका है। केंद्र सरकार के ही आंकड़ों के अनुसार मार्च में खाद्य महंगाई दर 7.68 प्रतिशत थी जबकि अप्रैल में 8.38 प्रतिशत हो चुकी है। खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 7.79 प्रतिशत हो गई है जो कि 8 साल का सबसे ऊंचा स्तर है। कांग्रेस सरकार में 410 रु में मिलने वाला गैस सिलेंडर 1000 रु का हो गया है, पेट्रोल 71रु प्रति लीटर था आज 105.41रु प्रति लीटर हो गया है, डीजल 56रु प्रति लीटर था आज 95.87 रु प्रति लीटर हो गया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 8 प्रतिशत से अधिक हो गई है। हर साल 2 करोड़ रोजगार देने की बात करने वाली लफ्फाज मोदी सरकार के राज में करोड़ों लोगों के हाथ से रोजगार छिन गया है। हर रोज सैकड़ों उद्योगों और उपक्रमों पर ताला लग रहा है। 135 लाख करोड़ रुपए कर्ज लेने के बावजूद कोरोना महामारी के दौरान अपनी अदूरदर्शिता, कुप्रबंधन और निकम्मेपन के कारण मोदी सरकार ने 45 लाख देशवासियों की जान ले ली। इन जानों को बचाने के लिए न तो प्रधानमंत्री राहत कोष का उपयोग हुआ और ना ही सरकार द्वारा लिए गए इस विशाल कर्ज का।

देश की कृषि को प्राइवेट कंपनियों का गुलाम बनाने का षड्यंत्र जारी है। खाद, कृषि उपकरण, कीटनाशक सभी पर जीएसटी लगाया जा रहा है और सब्सिडी काटी जा रही है। किसानों की आय दोगुनी होने की जगह आधी होती जा रही है।
135 लाख करोड़ रुपए का कर्ज़ देश की सुरक्षा के भी काम नहीं आ रहा है। चीनी ने लद्दाख में हमारी भारत भूमि पर कब्जा कर रखा है। अरुणाचल की सीमा पर अतिक्रमण कर चीन रोज ठिकाने बना रहा है। डोकलाम में चीन द्वारा तोपखानों और सैन्य ठिकानों का निर्माण हमारे देश के गरिमामयी इतिहास को लज्जित कर रहा है। 135 लाख करोड़ के कर्ज का बोझ देशवासियों पर है मगर मुनाफाखोरी मोदी सरकार और उनके उद्योगपति मित्र कर रहे हैं।