आजादी के 74 वर्षो बाद भी ग्राम भोथली मे रूढ़ी वादी प्रथा प्रचलित है।

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बालोद ब्लॉक के ग्राम भोथली जो जिला मुख्यालय से मात्र 6किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
घटना जहाँ पर ग्रामीण न्याय के नियम के तहत दो लोगो का ग्राम भोथली में कोतवाल द्वारा मुनियादी करा कर हुका पानी बंद कर दिया गया है। जो लगभग डेढ़ माह से आज तक इस नियम के चलते गाँव से अलग जिंदगी जीने पर मजबूर है। आखिर कार अपराधीयों के लिए गाँव का नियम क्या है? जो प्रशासन के नियमों के विरुद्ध है, जिसके वजह से आज भी हुबलाल जैसे निशक्त लोग मज़बूरी की जिंदगी जीने पर मजबूर है।जिस पर मानसिक और आर्थिक रूप से दबाव बनाया जा रहा है। जो एक सायकल रिपेरिंग की दुकान से अपने परिवार का भरण पोषण करता था। लेकिन आज वह अपने जीवकोपार्जन के लिए गाँव मे कोई भी काम नहीं कर सकता। अपराध को किस तरह बढ़ावा दिया जा रहा है, वह इस नियम से पता चलता है। जब अपराध के दो लोगो को एक ही समान सजा गाँव के प्रमुख सदस्यों द्वारा सुनाया गया है। जिसमे हुबलाल हरदेल पिता सखा राम हरदेल जाति कुर्मी को गाँव से बहिष्कृत कर दिया गया है। जो रूढ़ी वादी प्रथा को बढ़ावा देकर समाज मे अपराध को बढ़ावा दिया जा रहा है। जो संविधान के कानून विरुद्ध है।
आज भी इस गाँव मे इस तरह के नियम जो है, मानव जीवन के लिए एक बड़ी परेशानियों का कारण है जिसके चलते आम नागरिक दबाव की जिन्दगी जीने पर मजबूर है। और इस तरह के दबाव के चलते आत्महत्या जैसे जघन्य अपराध करने पर मजबूर हो जाते है।