गौवंश की अवैध तस्करी के रोकथाम हेतु बालोद जिला पुलिस द्वारा विशेष टीम गठित

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बालोद – जिला बालोद में गौवंश की अवैध तस्करी के रोकथाम हेतु मान पुलिस अधीक्षक  जितेन्द्र सिंह मीणा के निर्देशन में तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दौलत राम पोर्ते के मार्गदर्षन एवं उप पुलिस अधीक्षक  दिनेष कुमार सिन्हा के नेतृत्व में एक विषेष टीम गठित कर योजनाबद्ध तरीके से ऐसे प्रकरण के आरोपियों को गिरफ्तारी के लिए पहल किया गया है। जिले में घटित विभिन्न अपराध के विवेचना के दौरान अपराध के फरार आरोपीगण के निवास नागपुर क्षेत्र में होने पर उनकी गिरफ्तारी हेतु उप निरीक्षक शिशिर पाण्डेय के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम गठित कर अपराध विवेचना हेतू भेजी गई थी। टीम के द्वारा थाना रनचिरई के अपराध क्रमांक 56/2020 के आरोपी वाहन स्वामी सत्तार खान के डॉ0 शेख बुनकर कालोनी कामटी, नागपुर स्थित निवास पर पता तलाश किया गया। जो कि सकूनत पर नहीं होना तथा बाहर राज्य छत्तीसगढ़ जाना बताया गया। पूछताछ विभिन्न सूचना माध्यम ज्ञात हुआ कि प्रकरण के संदेहीगण थाना गुण्डरदेही रनचिरई क्षेत्र में सक्रिय हुए हैं। अतः उक्त सूचना के आधार पर उनके ऊपर सतत निगरानी रखी गई तथा उनकी धर पकड़ हेतु थाना रनचिरई स्टाफ को ब्रीफ किया गया।

प्राप्त सूचना पर की उक्त प्रकरण के आरोपीगण थाना रनचिरई क्षेत्र के ग्राम तवेरा के आसपास अपने आई-20 वाहन क्रमांक डभ् 49 दृ ठठ दृ 7413 में पषुओं के खरीदी हेतु संपर्क कर रहे है। तत्पष्चात् थाना रनचिरई थाना प्रभारी चेतन कुमार साहू के हमराह स्टॉफ के साथ ग्राम तवेरा पहुंचकर उक्त वाहन को रोककर चेक किया गया तथा संदेहियों को पूछताछ हेतु थाना लाया गया। थाना में विवेचना के तकनीकी तथ्यों के साक्ष्य के आधार पर सख्ती से पूछताछ करने पर तीनों व्यक्तियों ने अपना नाम क्रमषः नदीम अंसारी, निजाजुद्दीन तथा शेख इरफान बताया तथा 20-21.03.2020 के दरम्यानी रात्रि में थाना रनचिरई के ग्राम मुण्डरा में उनके द्वारा भेजी गई ट्रक क्रमांक एमएच-40-एन 1965 पकड़ी गई थी तथा उनके द्वारा भेजे गये ड्रायवर व हमाल मौके से फरार हो गये थे।

पूछताछ पर नदीम अंसारी ने कहा कि वह लगभग 05 वर्षों से छत्तीसगढ़ से पषु की अवैध परिवहन करने का कार्य करते आ रहा है। सन् 2018 में उसने एक ट्रक क्रमांक डभ् 40 ठठदृ6108 खरीदा था, जिसे मोबीन खान के माध्यम से छत्तीसगढ़ क्षेत्र में पषु तस्करी के लिए लगाया था। माह मार्च 2018 को वह गाड़ी पषु तस्करी करते थाना धमधा जिला दुर्ग छ0ग0 में पकड़ा गया था, जिससे धमधा पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर नदीम अंसारी को जेल भेजा गया था। जमानत में रिहा होने के बाद स्वयं की गाड़ी पकड़ी जाने से वह साजिद शेख उर्फ बबलू पिता अकिल शेख उम्र 32 वर्ष साकिन अषोक नगर आजाद कालोनी टेका जिला-नागपुर के माध्यम सत्तार खान पिता सुभान खान उम्र 42 वर्ष साकिन डॉ0 शेख बुनकर कालोनी कामटी जिला-नागपुर के ट्रक क्रमांक डभ् 40दृछ.1965 को प्राप्त कर हम वे तीनों साजिद शेख उर्फ बबलू, तथा सत्तार खान, छत्तीसगढ से नागपुर महाराष्ट्र मवेषी तस्करी का योजना बनाकर ट्रक ड्रायवर तिलक पिता भागवत बोरकर पता प्लांट न.798 मजिस्द के पास उपडवाली नागपुर महाराष्ट्र से उक्त ट्रक को चलवाते थे। दिनांक 19.03.2020 को मवेषी लाने के लिए नागपुर से ड्रायवर तिलक बोरकर, मजदूर नियाजुद्दीन तथा शेख इमरान को

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छत्तीसगढ़ के अण्डा-गुण्डरदेही क्षेत्र में उक्त ट्रक लेकर भेजा था। कि दिनांक 20.03.2020 के रात्रि लगभग 10ः30 बजे मवेषी लेने गई उक्त ट्रक को थाना रनचिरई क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम मुण्डरा में पकड़ा गया। जिसकी सूचना नदीम को फोन के माध्यम से ड्राईवर तिलक बोरकर, नियाजुद्दीन तथा ग्राम मुण्डरा के होरी सोनी से प्राप्त हुआ। तब उसने उन्हे ट्रक को छोड़कर भागने के लिए कहा तथा उन्हे यह भी कहा कि वह उन तीनों को लेने के लिए आ रहा है। फिर तिलक बोरकर, नियाजुद्दीन तथा इमरान पैदल चलते व वाहन का लिफ्ट लेते हुये राजनांदगांव तक पहुंचे थे, जहां नदीम अंसारी अपने भाई के आई-20 कार क्रमांक डभ् 49 दृ ठठ . 7413 से उन्हे लेने राजनांदगांव आया जहां लगभग सुबह 05ः00 बजे पहुंचकर वहां से इन तीनों को अपने कार में बैठाकर वापस नागपुर लेकर गया। होरी सोनी तथा इस क्षेत्र के कुछ व्यक्ति नदीम को मवेशी दिलाने में सहायता करते हैं। जिनसे उसके द्वारा भेजे गये व्यक्तियों के माध्यम से रूपये पैसे देकर मवेषी की व्यवस्था करवाते हैं और अवैध परिवहन करते हुए नागपुर ले जाकर कत्लखाना में बेच देते हैं। होरी सोनी पूर्व में इस अपराध में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। उक्त तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत पर भेजा गया है।              

उक्त कार्यवाही में उप पिलस अधीक्षक  दिनेष कुमार सिन्हा, निरीक्षक  चेतन सिंह साहू, उप निरीक्षक षिषिर पाण्डेय, सहायक उप निरीक्षक  कमलेष साहू, सउनि लेखराम साहू, आरक्षक योगेष सिन्हा, संदीप यादव, विवेक शाही तथा अन्य थाना स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।