मुख्यमंत्री खाद्यान्न से लदी ट्रक पार ,कार्यवाही से विभाग ने खिंचा हांथ

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अमरेश झा

मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना के तहत हितग्राहियों को मिलने वाले राशन सामग्रियों की जिले में अवैध खरीद फरोख्त का खेल धड़ल्ले से जारी है। जबकि मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना के तहत मिलने वाले राशन के अवैध खरीद-फरोख्त करने वाले कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री द्वारा बीते कुछ माह पहले विभागीय अधिकारियों को निर्देश भी जारी किया गया था। लेकिन विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण जिले में मुख्यमंत्री खाद्यान्न सामग्रियों के खरीद-फरोख्त का कारोबार बेखौफ चल रहा।अवैध खरीद-फरोख्त को लेकर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को समय पर सूचना मिलने के बाद भी खरीद-फरोख्त के छोटे कारोबारियों पर कार्यवाही कर खानापूर्ति कर रहे ,जबकि बडे कारोबारियों पर अधिकारी कार्यवाही नहीं कर रहे।जिसके कारण


समाचार प्रकाशित करने वाले प्रेस प्रतिनिधियों को ही कारोबारियों के लोगों द्वारा समाचार प्रकाशित करने से अंजाम भुगतने की धमकी भी मिल रही।

मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना के तहत हितग्राहियों को मिलने वाले राशन चावल की अवैध परिवहन का मामला कोंडागांव से बुधवार को सामने आया ।केसकाल के चावल कारोबारी बुधवार को नगर स्थानी दुकानदारों से चावल खरीद ट्रक क्रमांक सीजी 17 केआर 9991में भरकर केशकाल की ओर ले जाने वाला था, उसी दौरान स्थानीय प्रेस प्रतिनिधि ने विभाग के उच्च अधिकारियों को सूचना दी। सूचना देने के दो घंटे भर बाद भी विभागीय अमला नहीं पहुंचा और चावल से भरा वाहन निकलने लगा तो विभाग कें ना पहुंचने से प्रेस प्रतिनिधियों ने ही वाहन का फोटो वीडियो तैयार कर अधिकारियों को भेजा। फिर भी अधिकारियों ने कारोबारी के ठिकाने तक पहुंचने को लेकर सक्रियता नहीं दिखाई।

वहीं प्रेस प्रतिनिधियों ने दावा किया जिले में बड़े पैमाने पर मुख्यमंत्री खाद्यान्न चावल की अवैध खरीद-फरोख्त सहित अवैध परिवहन की सूचना विभाग के अधिकारियों को देने के बाद भी कारोबारियों पर कार्यवाही नहीं कर उन्हें संरक्षण दे रहे। उल्टे विभाग को जानकारी मिलते ही कारोबारियों से सेटिंग कर मामले को दबा रहे जबकि संबंधित कारोबारियों के ठिकानों पर विभागीय टीम द्वारा दबिस देने से बड़े राज उजागर हो सकती है।

दिनेश्वर प्रसाद ,जिला खाद्य अधिकारी ,कोंडागांव।

  • खाद्यान्न योजना के चावल अवैध परिवहन की सूचना मिली थी, हमने जाकर देखा वाहन वहां नहीं थी, जब गाड़ी ही नहीं मिली तो हम क्या प्रयास करें, मामले को हम क्या दबाएंगे ,वाहन जगदलपुर की ओर जाने की सूचना मिली।