डौंडी :- बालोद जिला में निरंतर कोरोना केस सामने आने के बाद भी आखिर डौंडी जनपद पंचायत में सामान्य सभा की बैठक क्यूँ ली गई इसकी जमकर चर्चा क्षेत्र सहित जिले भर में चल रही है। वही उक्त बैठक में वन अमला दल्लीराजहरा के रेंजर का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आ जाने से बैठक में शामिल करीब 50 अधिकारी व जनपद सदस्य पाँच दिनों के लिए कोरेण्टाईन हो गए है। स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ नरेंद्र ठाकुर के अनुसार बैठक में शामिल होने पर वे स्वयं आइसोलेशन में है बीएमओ ठाकुर के अनुसार बैठक में रेंजर के करीब बैठे अधिकारी कोरोना संक्रमित हो सकते है। खबर है कि डौंडी बीईओ उनके सबसे करीब बैठे थे तथा रेंजर के बोलने बाद वही माईक पकड़े थे। बीएमओ ने कहा कि रेंजर के राजहरा आफिस कर्मचारी व वन महकमा से जो भी उनके संपर्क में आये हो उन्हें कोरोना संक्रमित होने की ज्यादा आशंका बनी हुई है। संपर्क में आने वालों को अपना कोरोना टेस्ट करा लेना चाहिए अन्यथा समस्या बढ़ सकती है।
लापरवाही किसकी ..? बैठक जरूरी थी ।
जनपद पंचायत डौंडी में सामान्य सभा की बैठक कितनी अहम थी इस संबंध में डौंडी सीईओ प्रकाश राज से वर्जन चाही जाने पर उन्होंने फोन अटेंड नही किया लेकिन जनपद पंचायत उपाध्यक्ष पुनीत सेन जो स्वयं कोरेण्टाईन सेंटर में है उन्होंने बैठक के संदर्भ में कहा कि क्षेत्रवासियों का पेंशन, जनपद के 15 वे वित्त राशि व विकास कार्यो की प्रस्ताव के अलावा फंड संबंधी बैठक निहायत जरूरी था। इससे पूर्व भी जनपद में अन्य बैठक ली जा चुकी है किंतु इस तरह कोई केस सामने नही आया। उन्होंने कहा कि जब दल्लीराजहरा रेंजर पिछले एक सप्ताह से सर्दी खांसी बुखार से पीड़ित थे तब उन्हें अपना कोरोना चेकअप पहले ही करा लेना था तथा इस बैठक में हिस्सा ना लेकर किसी डिप्टी रेंजर को ही भेजना था यह उनकी लापरवाही को दर्शाता है। यही बात बैठक में शामिल अन्य लोग भी कह रहे है।
ऐसे पता चला कि रेंजर को कोरोना हो सकता है।
दरअसल जनपद पंचायत में जब 26 अगस्त को बैठक शुरू हुई तब दल्लीराजहरा रेंजर को बोलने की बारी आई तो वे धीरे स्वर में बोलने लगे जिसे ऊंची आवाज में बोलने कहे जाने पर उन्होंने अपना स्वास्थ्य सर्दी खांसी बुखार से खराब बताया गया। तब बैठक में उपस्थित डॉ बीएमओ ने तत्काल चेकअप कराने की बात कही जहां पौन घंटे में उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ गया तब बैठक में उपस्थित सभी के होश उड़ गए। यदि रेंजर को बोलने की अपेक्षा केवल सुनने की बात रहती तो स्तिथि भयावह हो सकती थी।