कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण एवं संक्रमण के प्रसार के रोकथाम हेतु रक्षात्मक उपायों का पालन कराने अधिकारियों को दिए निर्देश

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बालोद.कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जनमेजय महोबे ने पुलिस अधीक्षक, समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी कर कहा है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण हेतु दिशानिर्देश जारी किया गया है:- सार्वजनिक स्थलों, कार्यालयों, अस्पतालों, कार्यस्थलों, यात्रा के दौरान, बाजारों एवं भीड़-भाड़ वाले स्थानों, गलियों में आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मास्क/फेस कवर धारण किया जाना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग/फिजिकल डिस्टेंसिंग (छह फीट की दूरी) का पालन कराया जाना अनिवार्य होगा। दुकानों/व्यवसायिक संस्थानों द्वारा ग्राहकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग/फिजिकल डिस्टेंसिंग (छह फीट की दूरी) का पालन कराया जाना अनिवार्य होगा। वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण पर प्रभावी रोक हेतु निजी आयोजन सामान्यतः न किए जाने हेतु जनसाधारण को सलाह दी जाए। यदि अपरिहार्य कारणों से ऐसे आयोजन किए जाने की आवश्यकता हो तो सोशल/फिजिकल डिस्टेंस, फेसमास्क, थर्मल स्क्रीनिंग, हैण्डवाश तथा सेनिटाईजर सहित सावधानियॉ बरतते हुए आयोजन किए जाने की सलाह दी जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि आयोजन स्थल पर सीमित संख्या में व्यक्तियों की उपस्थिति हो।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जनमेजय महोबे ने पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को पत्र जारी कर कहा है कि नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से फैलाव को देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर द्वारा अधिसूचना जारी कर विस्तृत निर्देश

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प्रसारित किए गए हैं। जारी अधिसूचना के अनुसार महामारी रोग अधिनियम 1897(1897 का 3) की धारा 2, 3 एवं 4 के अधीन निर्मित छत्तीसगढ़ महामारी रोग कोविड-19 विनियम, 2020 के विनियम 12 (प्ग्) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग लाते हुए राज्य सरकार द्वारा राज्य में कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार के रोकथाम हेतु रक्षात्मक उपायों को अपनाने एवं उसका पालन कराए जाने को अनिवार्य घोषित की है:- सार्वजनिक स्थलों, कार्यालयों, अस्पतालों, बाजारों एवं भीड़-भाड़ वाले स्थानों, गलियों में आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मास्क/फेस कवर धारण किया जाना अनिवार्य होगा। कार्यालय, कार्यस्थलों एवं फैक्ट्री आदि में कार्य करने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मास्क/फेस कवर धारण किया जाना अनिवार्य होगा। दो पहिया/चार पहिया वाहन के द्वारा यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। उपरोक्त हेतु डिस्पोजेबल मास्क तथा कपड़े के मास्क का प्रयोग किया जा सकता है। फेस कवर/मास्क उपलब्ध न होने की स्थिति में गमछा/रूमाल/दुपट्टा इत्यादि का भी फेस कवर के रूप में प्रयोग किया जा सकता है बशर्ते मुंह एवं नाक पूरी तरह से ढका हो। कपड़े का मास्क/फेस कवर/गमछा/रूमाल/दुपट्टा इत्यादि का पुनः प्रयोग साबुन से अच्छी तरह से साफ किए बिना न किया जाए। सार्वजनिक स्थलों पर थुकना प्रतिबंधित है। होम क्वारेंटाईन में रहने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा समय-समय पर जारी होम क्वारेंटाईन संबंधी समस्त दिशानिर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। दुकानों/व्यवसायिक संस्थानों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग/फिजिकल डिस्टेंसिंग संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन कराया जाना अनिवार्य होगा।
कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम एवं नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों का पालन नहीं किए जाने की दशा में महामारी रोग अधिनियम 1897(1897 का 3) के अधीन निर्मित विनियम के तहत निम्नानुसार जुर्माना अधिरोपित किया जाएगा, अर्थात:- सार्वजनिक स्थलों में मास्क/फेस कवर नहीं पहनने की स्थिति में एक सौ रूपए, होम क्वारेंटाईन के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किए जाने की स्थिति में एक हजार रूपए, सार्वजनिक स्थलों पर थूकते हुए पाए जाने की स्थिति में एक सौ रूपए, दुकानों/व्यवसायिक संस्थानों के मालिकों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग/फिजिकल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किए जाने की स्थिति में दो सौ रूपए। महामारी रोग अधिनियम 1897 (1897 का 3) के प्रावधानों के अधीन जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्राधिकृत अधिकारी, नायब तहसीलदार, सहायक उप-निरीक्षक (ए.एस.आई.) से अनिम्न अधिकारी द्वारा ही उपरोक्त जुर्माने की राशि की वसूली की जा सकेगी तथा जुर्माना अदा न करने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध महामारी रोग अधिनियम 1897 (1897 का 3) के अधीन निर्मित विनियम, 2020 के विनियम 14 एवं भारतीय दण्ड संहिता, 1860 (1860 का 45) की धारा 188 के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।