जर्जर हो चुके बीएसपी आवासों की जगह नये आवासों निर्माण किया जावे,बी एम एस

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आज भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष महोदय स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के नगर आगमन पर सर्वप्रथम उनका हार्दिक अभिनन्दन एवं स्वागत किया तत्पश्चात संघ के प्रतिनिधिमंडल में शामिल राजहरा शाखा के सचिव लखनलाल चौधरी और राजहरा शाखा के उपाध्यक्ष संजय यादव ने सेल चैयरमैन को
महारत्न सेल के इकाई भिलाई इस्पात संयंत्र के बंधक खदानों में कार्यरत कर्मियों के हितार्थ ज्ञापन सौंपा।
लखन लाल चौधरी ने बताया कि संघ ने अपना ज्ञापन सौंपकर सेलचैयरमैन को कहा की

किसी भी इस्पात उद्योग के सुचारु संचालन एवं संवर्धन हेतु खदानों की भूमिका अहम् होती है और आज भिलाई इस्पात संयंत्र के चहुंमुखी उत्थान में इसके बंधक खदानों एवं उसमें कार्यरत कर्मियों का अहम योगदान रहा है। किन्तु सेल प्रबंधन एवं स्थानीय प्रबंधन द्वारा हमेशा से खदान कर्मियों को दोयम दर्जा दिया जाता रहा है जिसका प्रमाण सेल निगमित कार्यालय द्वारा समय समय पर बनाये जाने वाले विभिन्न नीति हैं जिसमें खदान कर्मियों की हमेशा से उपेक्षा की जाती रही है और प्राथमिकता केवल स्टील प्लांट को ही दी जाती रही है।
आज आपके इस प्रवास पर भारतीय मजदूर संघ की तरफ से खदान कर्मियों के साथ साथ सभी कर्मियों के हितार्थ कुछ मांगें इस ज्ञापन के माध्यम से आपके समक्ष प्रेषित की जाती है और यह आशा की जाती है कि आप एवं सेल निगमित कार्यालय इनपर विचार करते हुए समुचित सकारात्मक कदम उठावेगा। संघ द्वारा की जा रही मांगें इस प्रकार से हैं –

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(1) NJCS में एक वर्ष से अधिक समय से लंबित आधे अधूरे वेतन समझौते के MOU का पुनरीक्षण करते हुए भा.म.सं. के28% पर्क्स की मांग को स्वीकार किया जावे तथा लंबित एचआरए, रात्रि पाली भत्ता, 39 माह के एरियर्स, आदि पर जल्द से जल्द निर्णय लेते हुए वेतन समझौते को अंतिम रूप प्रदान कर लागू किया जावे।
(2) आज स्थानीय प्रबंधन द्वारा कार्यस्थल पर कर्मियों की सुरक्षा को नजरअंदाज करते हुए केवल उत्पादन को ही प्राथमिकता दी जा रही है। कई प्रकरणों में कार्यस्थल पर घटी दुर्घटना को छुपाने का भी प्रयास किया जाता है और कर्मियों को अनफिट अवधि की हाजिरी देकर उनका मुँह बंद करवाते हुए दुर्घटना को छुपा लिया जाता है जिसके फलस्वरूप भविष्य में दुर्घटना से होने वाले किसी भी नुकसान पर कर्मियों को किसी तरह का लाभ मिलने की सम्भावना खत्म हो जाती है। संघ, प्रबंधन के इस अमानवीय कृत्य की निंदा करता है और आशा करता है कि आप एवं सेल निगमित कार्यालय के अधिकारीगण इस प्रथा को बंद करेंगे और कार्यस्थल पर कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।


(3) प्रबंधन द्वारा असुरक्षित कार्यप्रणाली अपनाने के वजह कई दुर्घटनाएं घट चूँकि हैं जिसमें कुछ में कर्मियों की असामयिक मृत्यु भी हुई है और कुछ में कर्मी बाल बाल बचे हैं किन्तु प्रबंधन द्वारा किसी तरह के सुरक्षात्मक कदम उठाने से अबतक परहेज किया जाता रहा है और अभी भी लापरवाही बरतना जारी है। सर्वे ऑफ गाड़ियों का परिचालन, कार्यस्थल पर सुरक्षा के मापदंडों की अवहेलना करना, विस्फोटकों के उपयोग में सुरक्षा के मापदंडों का पालन नहीं करना, आदि आदि ऐसे कई उद्धरण हैं जिसके फलस्वरूप कार्यस्थल पर कर्मियों की जान हमेशा खतरे में रहती है किन्तु प्रबंधन के दवाब में कर्मीगण असुरक्षित कार्य करने हेतु मजबूर होते हैं।
(4) आज खदानों में कंपनी के आवास पूर्ण रूप से जर्जर हो चुके हैं और उनकी मरम्मत करवाने में कंपनी की कोई रूचि भी नहीं दिखती है। सेल प्रबंधन द्वारा कर्मियों को हाउस मेंटेनेंस के नाम पर दी जाने वाली राशि से इन जर्जर हुए आवासों की मरम्मत संभव नहीं है और स्थानीय प्रबंधन द्वारा स्टाफ और सामानों की कमी की बात कहते हुए मेंटेनेंस से पल्ला झाड़ लिया जाता है। इस तारतम्य में संघ आपसे यह मांग करता है कि नए आवासों को बनाने की स्वीकृति दी जावे जिससे कि कर्मियों को सुरक्षित एवं सुविधाजनक आवास की सुविधा मुहैया हो सके।
(5) एक कंपनी एक नियम की नीति का कड़ाई के साथ पालन किया जावे जिसके तहत सभी कर्मियों के लिए समान छुट्टी, समान सुविधा आदि उपलब्ध हो सके।
(7) सेल प्रबंधन द्वारा एक तरफा निर्णय लेते हुए ग्रेचुटी पर जो सीलिंग की गयी है उसे तत्काल हटाया जावे।
(8) अस्पतालों की जर्जर व्यवस्था, डॉक्टरों एवं स्टाफ की कमी, आदि आदि समस्याओं के वजह से आज खदान कर्मियों को समुचित और सही स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। कई बार इस सम्बन्ध में स्थानीय प्रबंधन से चर्चा की जा चुकी है किन्तु उनके द्वारा केवल आश्वासन ही दिया जाता रहा है। स्वाथ्य सेवा के इस जर्जर व्यवस्था का खामियाजा कर्मियों को भुगतना पड़ता है जिसमें कार्यरत कर्मियों अथवा उनके परिजनों की कई बार मौत भी हुई है। इस तारतम्य में संघ यह पुरजोर मांग करता है कि सभी कर्मियों एवं उनके वैध आश्रित परिजनों के लिए कंपनी द्वारा मेडिक्लेम की सुविधा उपलब्ध कराइ जावे जिससे कि कर्मी अपना अथवा अपने परिजनों का इलाज सही तरीके से करा सकें।
(9) आज वेतन समझौता में 15% एमजीबी और 35% पर्क्स की बात हो, बोनस समझौता में अधिकारीयों की तरह पीबीटी में से एक निश्चित प्रतिशत की बात हो अथवा कर्मियों के सुविधा में बढ़ोतरी की बात हो सेल निगमित कार्यालय द्वारा यही कहा जाता रहा है कि ऐसा करने से कंपनी को नुकसान होगा और कंपनी बिक जावेगी। संघ निगमित कार्यालय के इस कर्मी विरोधी सिद्धांत का पुरजोर विरोध करता है और स्पष्ट रूप से आपके समक्ष यह कहने में कोई हिचक नहीं करता है कि कर्मियों को उनके सही अधिकार और सुविधा मुहैया कराने से कंपनी ना तो बिकेगी और न ही घाटे में जावेगी बल्कि इससे कंपनी के उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोतरी ही होगी। आज अगर कंपनी को नुकसान हो रहा है तो उसकी वजह कर्मचारी नहीं बल्कि वो अधिकारी हैं जो खुलकर भ्रष्टाचार का रहे हैं, अपने चहेते ठेकेदार के लिए किसी भी कानून को मानने से परहेज करते हैं, और प्रमाणिकता के साथ शिकायत करने पर भी न तो कंपनी के विजिलेंस विभाग द्वारा कारवाई की जाती है और न ही प्रबंधन में बैठे अधिकारीगण कोई कारवाई करते हैं। दूसरी तरफ अगर कोई कर्मी थोड़ी सी भी गलती कर दते है तो उसपर कंपनी के हितों के विरुद्ध काम करने की बात कहते हुए अनुशासनात्मक कारवाई
कर दी जाती है और उसका स्थानांतरण तक कर दिया जाता है जिसे की रूटीन ट्रांसफर कहने में कंपनी के मुखिया को कोई परहेज नहीं होता। वही मुखिया अधिकारीयों के द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से चुप्पी साध लेता है। प्रबंधन के इस दोहरे मापदंड के वजह से आज खदान के उच्च अधिकारीयों के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायलय में खदान के उच्च अधिकारीयों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण से लेकर PIL तक दर्ज की गयी है जिसकी सुनवाई चल रही है। अगर सेल एवं स्थानीय प्रबंधन का यही दोहरा मापदंड चलता रहा तो संघ को यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि आने वाले समय में संभवतः स्थानीय प्रबंधन के 50% से अधिक अधिकारी भ्रष्टाचार के मामले में न्यायलय का चक्कर काटते नजर आवेंगे। अतः संघ आपसे यह मांग और अपेक्षा करता है कि आप भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त अधिकारीयों की शिकायत होने पर स्थानीय प्रबंधन द्वारा कठोर कदम उठाया जाना सुनिश्चित करें।
(10) आज महारत्न सेल के इकाई भिलाई इस्पात संयंत्र एवं उसके बंधक खदानों में ठेका श्रमिकों का महत्वपूर्ण योगदान होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। किन्तु यह बड़े ही खेद की बात है कि नियमित कर्मियों की संख्या में निरंतर गिरावट करते हुए सेल निगमित कार्यालय एवं स्थानीय प्रबंधन द्वारा लगातार ठेका श्रमिकों से नियमित प्रकृति के कार्य भी कराये जा रहे हैं किन्तु आज भी ठेका श्रमिकों को कई ठेके में सही वेतन, सही सुविधाएं, वैधानिक रूप से मिलने वाले सुविधाएं आदि से वंचित रखा जा रहा है और शिकायत करने पर भी प्रबंधन द्वारा समुचित कारवाई नहीं की जाती हैं। आज भी कई ठेके के समाप्ति के बाद भी श्रमिकों को वेतन भुगतान नहीं हुआ है, बोनस और छुट्टी के पैसे का भुगतान नहीं होता है और ठेकेदार द्वारा प्रबंधन को यही कहा जाता है कि चूँकि ठेके के शर्तों में इनका उल्लेख नहीं है अतः वे इसे देने के लिए बाध्य नहीं हैं। महोदया, संघ आपसे यह मांग करता है कि सेल निगमित कार्यालय द्वारा यह सुनिश्चित किया जावे कि प्रत्येक ठेके में श्रमिकों के वैधानक हक का उल्लंघन न हो जिससे कि औद्योगिक सौहार्द बना रहे एवं किसी तरह का कोई विवाद न हो जिससे उत्पादन एवं उत्पादकता पर किसी तरह का विपरीत प्रभाव पड़े।
अंत में संघ की तरफ से आपको यह आश्वस्त किया जाता है कि अगर सेल एवं स्थानीय इकाई प्रबंधन संघ के साथ परस्परिक सहयोग की नीति अपनाते हुए कर्मियों के हितार्थ नीतियां बनावेगा, अथवा कंपनी के उन्नति में कर्मी हित को सर्वोपरि मानते हुए किसी भी बदलाव को क्रियान्वित करना चाहेगा तो संघ का पूर्ण समर्थन हमेशा मिलता रहेगा किन्तु कर्मी हितों पर कुठाराघात करते हुए एवं एक वर्ग विशेष को अधिकाधिक लाभ पहुंचाने की नीति पर चलने का प्रयास करेगा तो संघ प्रबंधन का हर संभव तरीके से विरोध करेगा। इन मुद्दों पर अगर निगमित कार्यालय संघ से चर्चा करना छाएगा तो संघ का प्रतिनिधिमण्डल इसका स्वागत करते हुए चर्चा के लिए हमेशा तैयार रहेगा।
लखन लाल चौधरी
सचिव राजहरा शाखा