- इंद्रावती विकास प्राधिकारण के उपाध्यक्ष पद के साथ दिया गया केबिनेट मंत्री का दर्जा
- प्राधिकरण अध्यक्ष की जिम्मेदारी खुद सम्हालेंगे सीएम भूपेश बघेल
- विस चुनावों से पहले इस नियुक्ति के निकाले जा रहे हैं कई मायने
जगदलपुर छत्तीसगढ़ शासन ने बस्तर के एक और कांग्रेस नेता को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. शहर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजीव शर्मा को इंद्रावती विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष नियुक्त कर केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. प्राधिकरण के अध्यक्ष का दायित्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं सम्हालेंगे. श्री शर्मा को नई जिम्मेदारी दी जाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में ख़ुशी की लहर फैल गई है. उनकी नियुक्ति की खबर मिलते ही यहां जमकर आतिशबाजी की गई और मिठाई बांटी गई.
बस्तरवासियों की लंबित मांग अंततः पूरी हो गई है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इंद्रावती विकास प्राधिकरण का गठन काफी पहले ही कर दिया था, लेकिन इसमें नियुक्तियों का मामला लटका हुआ था. अब इंद्रावती विकास प्राधिकरण में नियुक्तियां भी कर दी गई हैं। इस मामले में खास बात यह है कि प्राधिकरण के अध्यक्ष का पद खुद सीएम ने अपने पास रखा है। वहीं बस्तर के लोकप्रिय व दबंग नेता माने जाने वाले कांग्रेस के शहर जिला अध्यक्ष राजीव शर्मा को प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है. श्री शर्मा को केबिनेट मंत्री का भी दर्जा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि राजीव शर्मा को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बेहद करीबी माना जाता है. ठीक विधानसभा चुनावों से पहले श्री शर्मा को सौंपी गई इस बड़ी जिम्मेदारी के कई मायने भी निकाले जा रहे हैं। राजैनितिक गलियारों में चर्चा है कि राजीव शर्मा के पास संगठन की ताकत तो पहले से थी ही, अब उन्हें इस पद पर बिठाकर संवैधानिक ताकत भी सीएम ने दे दी है। राजीव शर्मा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद के साथ-साथ शहर कांग्रेस जिलाध्यक्ष का काम भी पूर्ववत देखते रहेंगे। इधर नियुक्ति के बाद राजीव शर्मा ने कहा है कि विपक्ष और सरकार में रहने के बाद जनता की भलाई के लिए जो काम किए गए हैं उसी तर्ज पर आगे भी इंद्रावती के लिए काम किया जाएगा। इधर श्री शर्मा की नियुक्ति की खबर आने के बाद बस्तर में जश्न का माहौल है। कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस भवन के बाहर जमकर पटाखे छोड़े, एक दूसरे का मुंह मीठा कराया और खूब जश्न मनाया। इंद्रावती विकास प्रधिकरण के गठन से आम जनता भी खुश नजर आ रही है. लोगों को उमीद है कि अब इंद्रावती नदी से जुड़ी समस्याओं का जल्द समाधान निकलेगा।
इंद्रावती को मिलेगा जीवनदान
दम तोड़ती इंद्रावती नदी को बचाने के लिए प्राधिकारण का गठन किया गया है. प्राधिकरण में नियुक्तियों के बाद उम्मीद की जा रही है कि इस नदी को नया जीवन देने की दिशा में अब तेजी से काम होगा. इंद्रावती नदी को बस्तर की जीवनदायिनी कहा जाता है, लेकिन ओड़िशा सरकार ने जोरानाला के पास एक एनिकेट बनाकर इसकी धार को कमजोर बना दिया है। जोरा नाला एनिकट के चलते गर्मी के दिनों में तो इंद्रावती पूरी तरह से सूख जाती है। यह स्थिति पिछले एक दशक से बनी हुई है। ऐसे में बस्तर के लोग लगातार इंद्रावती को बचाने के लिए प्रयासरत थे। पूर्ववर्ती सरकारों ने इस ओर से कोई ध्यान नहीं दिया. प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के तत्काल बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर के लोगों की मांगों को देखते हुए 30 मई 2019 को इंद्रावती विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा की थी और 26 अगस्त 2021 को इसे कानूनी रूप से दस्तावेजों में अंकित भी कर दिया। इसके बाद अब प्राधिकरण की कमान सीएम ने खुद अपने हाथों में ले ली है।
इसलिए राजीव को कमान
विधानसभा चुनावों से ठीक से पहले राजीव शर्मा को संवैधानिक ताकत देने के पीछे के कई मायने हैं। दरअसल प्रदेश में जब भाजपा की सरकार थी तब राजीव शर्मा ने पूरी ताकत से भाजपा के खिलाफ काम किया था। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद भी राजीव ने कोई नया पद नहीं लिया और संगठन के लिए काम करते रहे। इस दौरान कई उपचुनावों, निकायों और पंचायतों चुनावो में बस्तर से बेहतर नतीजे दिए। इसके अलावा गंभीर राजनैतिक मुद्दों का भी बड़ी कुशलता के साथ उन्होंने समाधान निकाल दिया। अब ठीक चुनावों से पहले इंद्रावती नदी से जुड़े गंभीर मामले में भी उनके अनुभव का लाभ लेकर समाधान निकालने के लिए ही उन्हें उपाध्यक्ष बनाया गया है। माना जा रहा है कि वे प्राधिकरण में सीएम के प्रतिनिधि के तौर पर ओड़िशा सरकार से भी लड़ाई लड़ेंगे। चूंकि यह पूरा मामला दो राज्यों के बीच का है। ऐसे में सीएम भी चाह रहे थे कि उनके प्रतिनिधि के तौर पर कोई दमदार व योग्य नेता ओड़िशा सरकार से बात करे। ओड़िशा सरकार के समक्ष छत्तीसगढ़ का पक्ष पूरी दमदारी के साथ रखने में राजीव शर्मा को सक्षम माना जाता है. यहीं कारण है कि राजीव को प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है और उन्हें केबिनेट मंत्री के दर्जे से भी नवाजा गया है।