- गांवों का दौरा कर अनुविभागीय दंडाधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता परखी
- एसडीएम ने ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी, छात्राओं ने कन्या आश्रम खोलने की उठाई मांग
जगदलपुर अनुविभागीय दंडाधिकारी और विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने अचानक ककनार गांव के स्कूल में पहुंचकर विद्यार्थियों की क्लास ली। उन्हें विभिन्न विषयों की पढ़ाई कराई और उनसे सामान्य ज्ञान तथा विषयों से संबंधित सवाल पूछे। स्कूल का शैक्षणिक वातावरण बेहतर पाया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान जिले की सभी शालाओं में शिक्षक शिक्षिकाओं की समय पर और नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा अध्यापन सेवा को बेहतर बनाने के लिए सभी विकास खंड शिक्षा अधिकारियों, संकुल समन्वयकों और संकुल प्रभारियों को हमेशा अलर्ट मोड पर रहने के विशेष निर्देश दे रखे हैं। इसी के अनुपालन में बस्तर के खंड शिक्षा अधिकारी अपने मातहत अधिकारियों के साथ शालाओं का लगातार औचक निरीक्षण कर रहे हैं। वहीं कलेक्टर ने भी सभी अफसरों को जिले के स्कूलों में उत्कृष्ट शैक्षणिक वतावरण बनाने तथा ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए गांवों का दौरा करते रहने की हिदायत दे रखी है। कलेक्टर के निर्देशानुसार शिक्षा के क्षेत्र में कसावट, गुणवत्ता सुधार की दृष्टि से लोहंडीगुडा के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मयाराम चंद्रा और विकास खंड शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर यादव ने धर्माबेड़ा, पालम, चंदेला, ककनार के शैक्षणिक संस्थानों व ग्रामीण सचिवालयों का निरीक्षण किया। धर्माबेड़ा के सचिवालय का निरीक्षण कर अनुविभागीय अधिकारी ने ग्रामीणों से संवाद किया तथा गांव की समस्याओं का जायजा लिया।धर्माबेड़ा में निरीक्षण के दरमियान ग्रामीणों व स्थानीय बच्चियों ने कन्या आश्रम खोलने का अनुरोध किया। अनुविभागीय अधिकारी ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को कलेक्टर के संज्ञान में लाया जाएगा एवं आवश्यक पत्र व्यवहार किया जाएगा। ककनार हाई स्कूल का निरीक्षण अधिकारी द्वय ने किया। स्कूल की शैक्षणिक व्यवस्था का अवलोकन कर अनुविभागीय अधिकारी व विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूल के बच्चों को पढ़ाया तथा बच्चों से सामान्य ज्ञान व उनसे विषय से सम्बन्धी चर्चा की। बच्चों का ज्ञान स्तर व व स्कूल का शैक्षणिक वातावरण संतोषजनक पाया गया। बच्चों ने बताया कि पूर्व में ककनार स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहा था। कलेक्टर द्वारा संज्ञान में लिए जाने के बाद वर्तमान में शिक्षकों व्यवस्था कर दी गई है। अधिकारियों ने पालम आश्रम, चंदेला आश्रम का निरीक्षण किया। आश्रम की साफ सफाई व्यवस्था के लिए अनुविभागीय अधिकारी ने आश्रम अधीक्षक की प्रशंसा की। भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने व बच्चों का समय समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश दिए। सभी आश्रम अधीक्षकों को नियमित रूप से आश्रम में रहने के निर्देश देते हुए कहा कि बच्चों के लिए अधीक्षक पालक होता है अतः वे अपने दायित्व का निर्वहन सजगता से करें। स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण के शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति हेतु कलेक्टर के निर्देश को ज़मीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाने के लिए अनुविभागीय अधिकारी ने सभी शिक्षकों को बच्चों के पालकों से संपर्क कर आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराते हुए अपलोडिंग करने निर्देशित किया। उन्होंने आश्वस्त किया कि किसी भी प्रकार की दुविधा की स्थिति में राजस्व विभाग का अमला सहयोग हेतु तत्पर रहेगा। चंद्रा ने इस बाबत त्वरित कार्रवाई हेतु अपने विभागीय अमले को भी निर्देशित किया है। विकास खंड शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर यादव ने भी शत-प्रतिशत जाति प्रमाण पत्र लक्ष्य प्राप्ति हेतु खंड स्तर पर संकुल शैक्षिक समन्वयकों को दायित्व सौंपते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। हर सप्ताहांत में सभी संकुल शैक्षिक समन्वयकों को जाति प्रमाण पत्र फॉर्म अपलोडिंग की अद्यतन स्थिति से अवगत कराने के भी निर्देश दिए। बीईओ यादव ने बताया कि अनुविभागीय अधिकारी के सहयोग से जाति प्रमाण पत्र कार्य मैं आशातीत सफलता मिल रही है। अनुभागीय अधिकारी द्वारा समय-समय पर किए जा रहे स्कूलों के भ्रमण से शिक्षा की गुणवत्ता में भी कसावट आ रही है।