केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न सार्वजानिक क्षेत्रों के उद्यमों का लगातार विनिवेश किया जा रहा है एवं उनके निजीकरण के लिए मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्र सरकार के इस विनिवेश और निजीकरण की नीति के विरोध में भारतीय मजदूर संघ द्वारा आज दिनांक 17.11.2022 को दिल्ली के जंतर मंतर पर विशाल धरना प्रदर्शन किया गया जिसमें भिलाई इस्पात संयंत्र एवं उसके बंधक खदानों में कार्यरत श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
राजहरा, नंदिनी एवं हिर्री खदान से खदान मजदूर संघ भिलाई के केंद्रीय अध्यक्ष और महामंत्री सर्वश्री एम.पी.सिंह और उमेश मिश्रा के नेतृत्व में 24 कार्यकर्ताओं ने इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता निभाई। भा.म.सं. के बालोद जिला मंत्री एवं बालोद जिला के संविदा मजदूर महासंघ के अध्यक्ष मुस्ताक अहमद के नेतृत्व में संविदा/ठेका श्रमिकों ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
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इस सम्बन्ध में खदान मजदूर संघ भिलाई के केंद्रीय अध्यक्ष एम.पी.सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय मजदूर संघ का यह स्पष्ट मानना है कि कुछ सार्वजानिक उद्यम में प्रबंधन के अधिकारीयों एवं राजनैतिक पहुँच रखने वाले नेताओं और व्यक्तियों द्वारा कुछ ऐसा षड्यंत्र किया जा रहा है जिससे ये उद्यम लगातार घाटे में जा रहे हैं। घाटे में जा रहे इन उद्यमों को आधार बनाकर देश में मौजूद कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा केंद्र सरकार को गुमराह किया जा रहा है और यह साबित करने का प्रयास किया जा रहा है कि समस्त सार्वजानिक उपक्रम देश के लिए घाटे का सौदा है और इसलिए इनका विनिवेश और निजीकरण कर दिया जाना चाहिए। जबकि आज वास्तविकता यह है कि देश में मौजूद 300 से अधिक सार्वजनिक उपक्रमों में से कुछ ही उपक्रम हैं जो घाटे में चल रहे हैं। इन उपक्रमों से होने वाले घाटे की भरपाई बचे हुए उपक्रमों और उद्यमों से बड़े ही आसानी से हो रही है। फिर भी विनिवेश, निजीकरण/निगमीकरण हेतु नीति बनाने के लिए केंद्र सरकार का जो प्रयास है वह निंदनीय है।
भारतीय मजदूर संघ का यह स्पष्ट मानना है कि विनिवेश और निजीकरण/निगमीकरण के इस नीति की वजह से आज स्थायी नौकरी की उपलब्धता कम हो रही है और ठेका श्रमिकों की संख्या में लगातार बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है। केंद्र की मौजूदा सरकार ने निश्चित ही इन ठेका श्रमिकों के हितार्थ कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं जैसे की दशकों से लंबित मूल वेतन में बढ़ोतरी वर्तमान सरकार की देन है, ठेका श्रमिकों के लिए बोनस सीलिंग में बढ़ोतरी, उनके सामाजिक सुरक्षा हेतु कई तरह के योजनाओं की घोषणा आदि ऐसे कार्य हैं जिनसे ठेका श्रमिकों को लाभ मिलना चाहिए किन्तु भा.म.सं. ने अपने अवलोकन में यह पाया कि इतने लाभदायक योजनाओं के बावजूद आज ठेका श्रमिक की स्थिति में अपेक्षाकृत सुधार नहीं हुआ है। इसके विपरीत आज उद्योगों में ठेका श्रमिकों के लिए बने नियमों और कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, उनका शोषण किया जा रहा है और ऐसे नियमित और चिरस्थाई प्रकृति के कार्यों में भी ठेका श्रमिकों का उपयोग किया जा रहा है जिनमें इनका उपयोग कानूनी तौर पर वर्जित है।
इन सब मुद्दों को समग्र रूप से उठाते हुए भा.म.सं. ने केंद्र सरकार को चेतावनी स्वरुप आज दिल्ली के जंतर मंतर पर केंद्र सरकार के नीतिओं के विरोध में विशाल प्रदर्शन का कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें स्टील उद्योग, बैंकिंग सेक्टर, डिफेन्स उद्योग, रेलवे, कोयला, अंतरिक्ष, बीमा, बिजली, टेलीकॉम, बंदरगाह, आदि जैसे विभिन्न सरकारी सार्वजानिक उपक्रमों के उद्यमों से भारी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लेते हुए केंद्र सरकार के नीतिओं के विरोध में नारे लगाए। कार्यक्रम में उपस्थित कार्यकर्ताओं को भा.म.सं. के राष्ट्रिय महामंत्री श्री रविंद्र हिम्मते, एवं राष्ट्रिय स्तर के विभिन्न पदाधिकारियों सर्वश्री एस. मल्लेशम, अशोक शुक्ला, सुरेंद्र पांडेय, गिरीश आर्या, रामनाथ गणेशे, डी.के.पांडेय, एम.पी. सिंह, एवं विभिन्न महासंघों के महामंत्रियों ने सम्बोधित करते हुए भारतीय मजदूर संघ द्वारा केंद्र सरकार के समक्ष रखी गयी निम्न मांगों से अवगत कराया –
(1) पब्लिक सेक्टर तथा सरकारी उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगायी जावे।
(2) बीमार उद्योगों को पुनर्जीवित किया जावे।
(3) प्रतिरक्षा एवं रेलवे के निगमीकरण पर रोक लगायी जावे।
(4) बैंकों के विलय तथा पब्लिक सेक्टर और बीमा कंपनी के निजीकरण पर रोक लगायी जावे।
(5) कोल् ब्लॉक हेतु कमर्शियल माइनिंग की प्रक्रिया पर रोक लगयी जावे।
(6) स्थायी कामगारों की भर्ती की प्रक्रिया पब्लिक सेक्टर तथा सरकारी क्षेत्रों में प्रारम्भ किया जावे।
(7) पब्लिक सेक्टर तथा सरकारी संस्थानों में कार्यरत ठेका श्रमिकों को स्थायी किया जावे।
कार्यक्रम के अंत में भा.म.सं. के राष्ट्रिय महामंत्री श्री रविंद्र हिम्मते के अगुवाई में संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने माननीय श्री राजनाथ सिंह केंद्रीय रक्षामंत्री भारत सरकार तथा माननीय श्री महेंद्र नाथ पांडेय भारी उद्योग तथा सार्वजानिक उपक्रम केंद्रीय मंत्री से मुलाकत की एवं ज्ञापन सौंप चर्चा की। इस प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री एस. मल्लेशम, अशोक शुक्ला, सुरेंद्र पांडेय, गिरीश आर्या, रामनाथ गणेशे, डी.के.पांडेय, एम.पी. सिंह, लक्ष्मा रेड्डी, मुकेश सिंह, आर.वेंगल राव, पवन कुमार, मगल देश पांडेय, अनंत पाल उपस्थित थे।