वन विभाग में मंत्री के चहेते ठेकेदार पर अधिकारी मेहरबान

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स्थानीय ठेकेदारों को काम नहीं मिला तो प्रदर्शन के चेतावनी

मामला शांत होने तक कार्य आबंटन पर रोक

जगदलपुर – वन विभाग में इन दिनों सारे नियम कायदों को दरकिनार कर मंत्री के चहेते ठेकेदार पर विभाग के अधिकारी भी मेहरबान है। हाल ही में बस्तर डिविजन में गुपचुप ढंग से टेण्डर बलाकार चेहते ठेकेदार को ठेका देने की तैयारी थी। मामला उजागर होने पर स्थानीय ठेकेदारों ने भी काम नहीं मिलने पर विभाग को आंदोलन की चेतावनी दी है। मामला उजागर होने पर विभाग की मुसीबत बढ़ती जा रही है वही जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे है। मामला शांत होने तक कार्य आवंटन आदेश जारी करने की प्रक्रिया रोक दी गई है। खबर है कि अब सहायक पीसीसीएफ के जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

ज्ञातव्य हो कि बीजापुर, दंतेवाड़ा,बस्तर सहित वन विभाग के कई डिविजनो में मंत्री के चहेते ठेकेदारों ने कब्जा जमा रखा है। दिखाने के लिए टेण्डर बुलाया जाता है लेकिन कार्यों का विभाजन उपर से ही कर दिया जाता है। बचा कुछ कार्य अधिकारी अपने चहेतो को देकर अपनी नैय्या पार करने में जुटे है।

स्थानीय ठेकेदारों को प्राथमिकता दी जाए

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उमाशंकर शुक्ला ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में स्थानीय स्तर के ठेकेदारों को काम दिया जाये जिससे स्थानीय को रोजगार उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि बाहरी ठेकेदार मंत्री एवं अधिकारी चहेतो को निनय विरूद्ध ठेका दिया जाना गलत है जो भी अधिकारी नियम विरूद्ध कार्य को अंजाम देकर शासन की छवि को धूमिल करने में जुटे है ऐसे अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना चाहिए

बस्तर वन मंडल में कई निर्माण कार्य मंत्री एवं अधिकारी के चहेतो ने गुणवत्ताविहिन कार्यों को अंजाम देकर लाखों करोड़ों डकार गये जिसमें कमीशन का बंटवारा नीचे से लेकर उपर तक किया जाता है।

चार ठेकेदारों में कार्य विभाजन की तैयारी: हाल ही में बस्तर डिविजन में टेण्डर बुलाया गया था जिसमें 19 लोगों ने आवेदन जमा कराया था जिसमें से 15 आवेदनों को किसी कारणवश निरस्त किया गया था। बताया जा रहा है कि चहेते चार ठेकेदारों को पात्र मानते हुए कार्य देने की तैयारी थी किसी कार्य दिया गया है इसकी जानकारी देने में विभगा के जिम्मेदार अधिकारी आनाकानी कर रहे है।

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स्थानीय ठेकेदारों के विरोध की चेतावनी: विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हर बार की तरह इसबार भी स्थानीय ठेकेदारों को अपात्र घोषित किया गया है। स्थानीय ठेकेदार ने बताया कि कार्य नहीं मिला तो इसको लेकर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। स्थानीय ठेकेदार आंदोलन की तैयारी के साथ मुख्यमंत्री से भी शिकायत करने की तैयारी में है।

विवादित बाबू हटाए गयेः इस टेण्डर प्रक्रिया में अहम भूमिका देखते हुए एक विवादित बाबू को हटा दिया गया है। उसके स्थान पर दूसरे बाबू देवांगन को जिम्मेदारी दी गई है। टेण्डर को लेकर यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि सभी टेण्डर डीएफओ के देखरेख में किया जाता था ऐसी क्या वजह थी कि सेवानिवृत्त के दहलीज पर खड़े एक उपवन मंडल अधिकारी को टेण्डर की प्रक्रिया की जिम्मेदारी दी गद जो जांच का विषय है।

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