एक मां और बेहतरीन पालक की भूमिका निभा रही हैं भारती मैडम

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  • कार्यालयीन कामकाज के कुशल संचालन के साथ – साथ बच्चों का भविष्य संवारने में भी जुटी हैं बस्तर की जिला शिक्षा अधिकारी
  • जिले की शालाओं में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए की जा रही है शानदार पहल


-अर्जुन झा-
जगदलपुर। बस्तर जिले को हर मामले में पिछड़ा माना जाता रहा है। शिक्षा के मामले में तो यह जिला अभागा ही कहा जाता रहा है, लेकिन अब काफी तब्दीली आ चुकी है। यहां के बच्चों को भी अब गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिलने लगी है। जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान शिक्षा की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए तरह – तरह के जतन कर रही हैं। बेसहारा बच्चों की पढ़ाई लिखाई का इंतजाम कर डीईओ भारती प्रधान जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सपनों को साकार करने में जुटी हुई हैं, वहीं बच्चों को स्तरीय शिक्षा दिलाने के लिए भी वे प्रण प्राण से समर्पित होकर काम कर रही हैं। इस तरह भारती मैडम एक मां और बेहतरीन पालक की भूमिका अच्छे ढंग से निभाने में लगी हुई हैं। इन कोशिशों के सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं।
बस्तर जिला ही नहीं अपितु समूचा बस्तर संभाग को शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी, चिकित्सा आदि जन सुविधाओं के मामले में छत्तीसगढ़ के दीगर जिलों और संभागों से कमतर ही आंका जाता रहा है। लेकिन अब इतिहास करवट ले चुका है, समूचा परिदृश्य बदलने लगा है। जनजातीय आबादी की बहुलता वाले बस्तर संभाग में भी बदलाव की बयार बहने लगी है। ऐसी बयार चंद छोटे – बड़े अधिकारियों की कोशिशों के दम पर बह रही है। इन्हीं कर्मनिष्ठ अफसरों में शामिल हैं बस्तर की जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान। सुश्री प्रधान विभागीय कामकाज के सफलता पूर्वक निपटान में तो अहम भूमिका निभा ही रही हैं, जिले की शालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों का भविष्य संवारने की दिशा में भी अच्छा परफॉरमेंस दिखा रही हैं। कोरोना काल में इस महामारी ने बस्तर जिले के न सिर्फ पचासों लोगों की जिंदगी छीन ली, बल्कि अनगिनत बच्चों को बेसहारा भी कर दिया। कोरोना के चलते किसी बच्चे के पिता की मौत हो गई, तो किसी की मां का निधन हो गया। अनेक बच्चों के तो मां बाप दोनों की ही मृत्यु हो गई। इन बेसहारा बच्चों के लिए ऐन वक्त पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देवदूत बनकर सामने आए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ऐसे बच्चों के लालन पालन और शिक्षा दीक्षा के लिए महतारी दुलार योजना शुरू की। यह योजना बस्तर के बेसहारा बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। बस्तर की जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने मुख्यमंत्री श्री बघेल के सपने को साकार करते हुए जिले में महतारी दुलार योजना को सफलता पूर्वक अंजाम दिया। शिक्षा विभाग के ब्लॉक व संकुल स्तर के अधिकारियों, शिक्षकों तथा गांवों के जनप्रतिनिधियों की मदद लेकर बेसहारा बच्चों का पता लगाया गया और उनकी शिक्षा तथा भरण पोषण के पुख्ता इंतजाम किए गए। ये बच्चे अब आवसीय विद्यालयों तथा अपने गांव की शाला में नियमित रूप से पढ़ाई कर रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी सुश्री प्रधान ने इन बच्चों की सभी आवश्यकताओं का बराबर ध्यान रख रही हैं। समय – समय पर वे इन बच्चों से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई भी करती रहती हैं। जगदलपुर के विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन भी इन बच्चों की जरूरतों से परिचित हैं और उनकी पूर्ति के लिए प्रबंध करने में योगदान देते रहते हैं। बेसहारा बच्चों को अब सुश्री प्रधान में अपनी मां की छवि नजर आने लगी है। नजर आए भी क्यों न, भारती मां उन पर वात्सल्य उंडेलती जो रहती हैं।
स्कूलों की हो रही है मॉनिटरिंग
शिक्षा विभाग तथा आदिम जाति विकास विभाग की शालाओं और आश्रम शालाओं में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए भी जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर रखा है। उन्होंने सभी विकास खंड शिक्षा अधिकारियों, संकुल समन्वयकों, संकुल प्रभारियों, प्राचार्यों, प्रधान पाठकों और शिक्षक शिक्षिकाओं को स्पष्ट निर्देश दे रखा है कि विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने तथा उन्हें उत्कृष्ट अध्यापन सेवा देने में कोई कसर बाकी ना रखी जाए। यही वजह है कि सभी खंड शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य, संकुल समन्वयक, संकुल प्रभारी, प्रधान पाठक और शिक्षक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए पूरी लगन से जुटे हैं। खंड शिक्षा अधिकारी आए दिन शालाओं का निरीक्षण करने जा धमकते हैं। स्वयं जिला शिक्षा अधिकारी भी गाहे बगाहे स्कूलों में जाकर मॉनिटरिंग करती हैं। अब बस्तरिहा बच्चे भी मैदानी इलाकों के शहरी बच्चों की तरह अच्छी तालीम हासिल करने लगे हैं। शहरी व कस्बाई बच्चे तो कोचिंग और ट्यूशन का सहारा लेते हैं, घर में उनके पैरेंट्स भी पढ़ाई व होमवर्क में उनकी मदद करते हैं, मगर बस्तरिहा बच्चों को अपनी शाला में ही अपने ज्ञान का परिमार्जन करने और उत्कृष्ट अध्यापन सेवा का लाभ मिलने लगा है।
धरोहर बन गई अबकी दिवाली
कोरोना काल में बेसहारा हो चुके बच्चों के लिए इस साल की दीपावली धरोहर बन गई। क्षेत्रीय विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन, उनकी धर्मपत्नी संगीता जैन तथा अन्य कांग्रेस नेताओं ने इन बच्चों के साथ दिवाली मनाई। जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान व खंड शिक्षा अधिकारी दीपावली से एक दिन पहले इन बच्चों को लेकर विधायक कार्यालय पहुंचे थे। जैन दंपत्ति, कांग्रेस नेताओं और जिला शिक्षा अधिकारी ने इन बच्चों के साथ धूमधाम से दिवाली मनाई। बच्चों को नए वस्त्र, मिठाई और पटाखे गिफ्ट किए गए। बच्चों ने विधायक कार्यालय परिसर में उल्लास के साथ आतिशबाजी की। विधायक श्री जैन ने बच्चों से तब कहा था कि अब से मैं आप सभी का अभिभावक हूं, जब भी किसी तरह की जरूरत पड़े मेरे पास बेझिझक चले आना। बच्चों ने तालियां बजाकर श्री जैन का आभार प्रकट किया। इस तरह इस दफे की दिवाली इन बच्चों के जीवन bhr के लिए धरोहर बन गई।