- यज्ञशाला में भागवत कथा श्रवण करते श्रोता गण ज्ञानयज्ञ: किसी को छोटा समझना सबसे बड़ी गलती
जगदलपुर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा गोवा मुक्ति संगठन सदस्य खूबीराम कश्यप जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर मां दंतेश्वरी मंदिर की यज्ञशाला में भागवत महापुराण जारी है। शनिवार को भागवत कथा के चौथे दिन गज – ग्राह और राजा बलि – वामन अवतार की कथा बाचते हुए व्यास पीठ से भागवताचार्य पं. कृष्ण कुमार तिवारी ने कहा कि जिसने अहंकार पाला, उसका नाश निश्चित है। कभी किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए।
![](https://i0.wp.com/citymediacg.com/wp-content/uploads/2022/12/bhagavat-1.jpg?resize=578%2C325&ssl=1)
जोड़ने का जो काम सुई कर सकती है। वह तलवार नहीं कर सकती। चिंता मुक्त होना है तो भगवान को अपने हृदय में बसा लें।कथा प्रारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि मां दंतेश्वरी मंदिर परिसर में कथा वाचन करना सौभाग्य की बात है। मनुष्य जीवन सत कर्मों के लिए है। कृष्ण भक्त रसखान कहते हैं। कान्हा, अगर मनुष्य जन्म दिए तो गोकुल का गोप- गोपिका बनाना। पशु जन्म दिए तो नंद बाबा की गो शाला की गाय बनाना। इस लायक भी नहीं हुआ तो यमुना किनारे कदंब का वृक्ष बना देना। गज -ग्राह की कथा बाचते हुए उन्होने बताया कि इंद्रदुम नामक राजा ने एक ऋषि का अनादर किया इसलिए वह बलशाली हाथी हुआ। हूहू नामक गंधर्व ने पानी में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य दे रहे साधु के पैर पकड़ कर ठिठोली की थी। वह श्रापवश ग्राह (मगरमच्छ) बना। भगवान ने दोनों को मोक्ष प्रदान कर समाज को शिक्षा दी कि अहंकार और क्रोध नाश का प्रमुख कारक है।राजा बलि और भगवान के वामन अवतार की कथा के माध्यम से जन समुदाय को समझाने का प्रयास किया कि बिना किसी का आंकलन किए उन्हे छोटा नहीं समझना चाहिए। वामन जी अपने नन्हे दो पग से ही तीनों लोकों को नाप लिया और राजा बलि को पाताल लोक में रहने विवश कर दिया। इस मौके पर वामन अवतार की सजीव झांकी प्रस्तुत कर विधिवत पूजा अर्चना की गई। बताया गया कि रविवार शाम यज्ञशाला में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा।