सी मार्ट की आड़ में आदिवासी विकास विभाग कर रहा मनमानी

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  • सी मार्ट की सामग्री जबरिया भेजी जा रही आश्रमों और छात्रावासों में
  • सी मार्ट में सामग्री की दरें ज्यादा, गुणवत्ता पर भी उठ रहे हैं सवाल

जगदलपुर आदिवासी विकास विभाग जगदलपुर मनमानी करते हुए विभागीय आश्रमों एवं छात्रावासों में सी मार्ट के माध्यम से राशन सामग्रियां जबरदस्ती भेजी जा रही है। इसकी शिकायत बड़े पैमाने पर सामने आ रही है।विगत 5 वर्षों से छात्रों के भोजन हेतु शिष्यवृत्ति की राशि में कोई वृद्धि नहीं हुई है। केवल एक हजार रु. में छात्रों को भोजन, नाश्ता, चिकित्सा एवं अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने की व्यवस्था पांच साल से चली आ रही है। इन पांच सालों के दौरान दाल, आटा, चावल, तेल, साबुन, रसोई ईंधन समेत दैनिक उपयोग की तमाम वस्तुओं की कीमतें पांच – सात गुणा बढ़ चुकी हैं। आज की इस भीषण महंगाई के दौर में इतनी सारी जरूरतों की पूर्ति के लिए एक हजार छोटी राशि हरगिज पर्याप्त नहीं है। ऊपर से तुर्रा यह कि अब सी- मार्ट के माध्यम से छात्रावासों एवं आश्रमों में जबरदस्ती अपनी मनमर्जी चलाते हुए सामग्रियों का उठाव करने का आदेश जारी किया जा रहा है। इसके कारण छात्रावासों और आश्रमों की संचालन व्यवस्था चरमरा गई है। छात्रावास अधीक्षक संघ सी- मार्ट से राशन व अन्य सामग्री की खरीदी बंद कराने हेतु उच्च अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुका है, लेकिन किसी भी अधिकारी द्वारा इस विषय पर कोई भी सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है।*वहन करना पड़ता है भाड़े का भार भी*विभाग के अधिकारियों की यह मनमानी आदिवासी विकास विभाग को भ्रष्टाचार की गर्त में धकेलती नजर आ रही है। जगदलपुर से आश्रमों और छात्रावासों तक सामग्री छोड़ने के किराये का भार भी छात्रावासों और आश्रमों को ही वहन करना पड़ता है। इसके अलावा सामग्रियों की दरों में भी काफी अंतर देखने को मिल रहा है। सामग्रियों की गुणवत्ता पर भी प्रश्न चिन्ह लगाया जा रहा है। सी- मार्ट की आड़ में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच के लिए कलेक्टर जगदलपुर से गुहार लगाई गई है।