नई दिल्ली/जगदलपुर। बस्तर सांसद दीपक बैज ने लोकसभा में तारांकित प्रश्न के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य कानूनी गारंटी का मुद्दा उठाया। इस पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने जवाब दिया। सांसद दीपक बैज ने अपने सवाल में कहा कि क्या कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा एसकेएम को दिसंबर 2021 के दौरान किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी हेतु कानूनी गारंटी प्रदान करने के लिए एक समिति गठित करने का आश्वासन दिया था और यदि हां तो सच संबंधी ब्यौरा क्या है? उपर्युक्त समिति के गठन हेतु संयुक्त किसान मोर्चा को आश्वस्त की गई समय सीमा तथा किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी प्रदान करने हेतु समिति गठित करने के लिए किए गए प्रयासों का तारीख वार ब्यौरा क्या है? क्या सरकार इस समिति में प्रत्येक राज्य सरकार से सदस्यों को सम्मिलित करेगी और यदि हां तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है? क्या सरकार का विचार किसानों के उत्थान हेतु एमएसपी के लिए कोई कानून बनाने का है? यदि हां तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं? और क्या सरकार की योजना एमएसपी व्यवस्था का विस्तार 22 अनिवार्य कृषि फसलों के अलावा अन्य फसलों तक करने का है? यदि हां, तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं? जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि सरकार ने एमएसपी को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए फसल पैटर्न में बदलाव करने के लिए समिति का गठन करने का आश्वासन दिया था।
तदनुसार एक समिति गठित की गई है जिसमें किसानों, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, कृषि अर्थशास्त्री और वैज्ञानिक आदि के प्रतिनिधि शामिल हैं। सरकार राज्य सरकारों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों विभागों के विचारों और अन्य प्रासंगिक कारकों पर विचार करने के बाद कृषि लागत और मूल्य आयोग सीएसीपी की सिफारिशों के आधार पर 22 अधिदेशित कृषि फसलों हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी और गन्ने के लिए उचित और लाभकारी मूल्य एफआरपी निर्धारित करती है। 22 अनिवार्य फसलों में 14 खरीफ फसलें तय हैं- धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी, अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, नाइजरसीड कपास और 6 रबि फसलें गेहूं, जौ, चना, मसूर, रेपसीड और सरसों, कुसुम और दो व्यवसायिक फसलें जूट और खोपरा शामिल हैं। इसके अलावा तोरिया और छिलका रहित नारियल के लिए एमएसपी भी क्रमशः रेपसीड/ सरसों और खोपरा के एमएसपी के आधार पर निर्धारित किया जाता है। सरकार ने वर्ष 2018 -19 से उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत पर न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभ के साथ सभी अधिदेशित खरीफ रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि की है।