कारनामा दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं वन परिक्षेत्र अधिकारी वन के निर्माण कार्य में फिर कर रहे हैं जमकर गड़बड़ घोटाला

0
170
  • राजनीतिक गतिविधियों में बहुत ज्यादा रूचि लेते हैं ये साहब


बकावंड इस क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी कारनामा दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं। शायद वे विभागीय कार्यों में गड़बड़ी का नया रिकार्ड बनाने पर आमादा हैं। इन दिनों इस अधिकारी की देखरेख में कराए जा रहे एक विभागीय निर्माण कार्य में भी जमकर गड़बड़ी की जा रही है।विकासखंड बकावंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत सरगीपाल में वन परिक्षेत्र बकावंड द्वारा केंद्रीय कैंपा मद के 9 लाख रु. की लागत से कराए जा रहे तेंदूपत्ता गोदाम निर्माण कार्य में वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग कर शासन को लाखों का चूना लगाया जा रहा है। सीमेंट का उपयोग बहुत ही कम मात्रा में किया जा रहा है। दीवारों की मोटाई भी मापदंड के अनुरूप नहीं है। मजदूरों को शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जा रही है। निर्माण स्थल पर कार्य से संबंधित जानकारी वाला बोर्ड भी नहीं लगाया गया है, ताकि भ्रष्टाचार की पोल न खुल जाए। वन परिक्षेत्र अधिकारी राजनीतिक रसूख रखते हैं, इसलिए उनके खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। वन परिक्षेत्र अधिकारी ज्यादातर राजनीतिक गतिविधियों मेंदिलचस्पी दिखाते हैं और राजनीति में व्यस्त रहते हैं। अपने विभागीय कार्यों के प्रति लापरवाही और भ्रष्टाचार कर शासन की राशि की गड़बड़ी कर रहे हैं। पहले भी इस वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा कराए गए तमाम निर्माण कार्यों में भी ऐसी ही गड़बड़ी की जा चुकी है। ग्रामीण इन घटिया निर्माण कार्यों को लेकर सवाल उठाते रहे हैं।


पेड़ों की छंटाई की आड़ में नोटों की छपाई
वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा पेड़ों की छंटाई और शाख कर्तन की आड़ में भी बड़े पैमाने पर अवैध कमाई की गई है। बकावंड विकासखंड के ही जंगलों के पेड़ों की छंटाई कराने के नाम पर उन्होंने लकड़ी माफियाओं को पेड़ों की बेतहाशा अवैध कटाई की खुली छूट दे दी थी। लकड़ी माफिया ने सागौन, बीजा व अन्य कीमती प्रजातियों के सैकड़ों विशाल पेड़ों को धाराशाई कर डाला। इन पेड़ों के गोलों की बाहर तस्करी की गई। संबंधित गांवों के ग्रामीणों ने मामले की शिकायत भी की थी, लेकिन न तो जांच हुई और ना ही वन परिक्षेत्र अधिकारी पर किसी तरह की कार्रवाई। वहीं दूसरी ओर जलावन के लिए जंगलों से गिरी पड़ी सूखी लकड़ियां लाने वाले ग्रामीणों को वन विभाग के अधिकारी पकड़ लेते हैं और प्रताड़ित करते हैं।


धर्म स्थल को भी नहीं छोड़ा
वन परिक्षेत्र अधिकारी पर अवैध कमाई का नशा इस कदर हावी है, कि वे धर्म स्थल के निर्माण और संरक्षण कार्य के लिए स्वीकृत राशि में भी गड़बड़ी करने में गुरेज नहीं करते। बकावंड के नजदीक एक गांव में स्थित मातागुड़ी के जीर्णोद्धार और सुरक्षा संबंधी निर्माण कार्य के लिए क्षेत्रीय विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने राशि की स्वीकृति प्रदान की थी। इस कार्य की जिम्मेदारी इसी वन परिक्षेत्र अधिकारी को सौंपी गई थी। वन परिक्षेत्र अधिकारी ने देवगुड़ी की चारदीवारी का बहुत ही घटिया निर्माण कराया। अन्य कार्य भी गुणवत्ता के अनुरूप नहीं हुए। ग्रामीणों ने गांव के दौरे पर पहुंचे विधायक लखेश्वर बघेल से जब इसकी शिकायत की, तब बघेल ने स्थल निरीक्षण किया। घटिया निर्माण पर वन परिक्षेत्र अधिकारी को ग्रामीणों के सामने ही कड़ी फटकार लगाई थी। इसके बाद भी वन परिक्षेत्र अधिकारी ने अपना ढर्रा नहीं बदला है। वे अब भी अन्य निर्माण कार्यों में भी गोलमाल करते आ रहे हैं।