धान खरीदी केंद्र मूली में सूखत के नाम पर किसानों को चपत

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  • प्रति क्विंटल तीन किलो से अधिक धान लिया जा रहा है किसानों से
  • प्रबंधक और खरीदी केंद्र प्रभारी कर रहे हैं लाखों के वारे- न्यारे

जगदलपुर बिचौलियों पर नकेल कसने एवं अवैध रूप से धान की आवक रोकने में जिला प्रशासन भले ही सफल रहा हो, लेकिन खरीदी केंद्रों की जिम्मेदारी जिन्हें सौपी गई है, वे अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ये लोग भोले भाले किसानों को चूना लगाते हुए अपनी झोली भरने में लगे हुए हैं। धान की तौलाई में जमकर डंडीमारी की जा रही है।

सूखत के नाम पर तीन – चार किलो अधिक धान किसानों से लिया जा रहा है। ऐसा कर प्रबंधक और खरीदी केंद्र प्रभारी लाखों के वारे न्यारे कर रहे हैं। ऐसा ही कारनामा धान खरीदी केंद्र मूली में चल रहा है, जहां प्रति क्विंटल 3 किलो से भी अधिक धान की चपत किसानों को लगाई जा रही है। 40 किलो की क्षमता वाले प्रत्येक बोरे में 41 किलो 6 सौ ग्राम धान भरकर तौला जा रहा है। यानि एक क्विंटल धान की जगह एक क्विंटल तीन किलो 200 ग्राम धान किसानों से लिया जा रहा है। इस तरह मापतौल में जमकर गड़बड़ी की जा रही है। यह कारनामा प्रबंधक एवं खरीदी प्रभारी की सांठगांठ पर किया जा रहा है। तौलाई के काम में लगे मजदूर अपने प्रबंधक और खरीदी प्रभारी से मिले निर्देश के अनुसार धान की ज्यादा तौलाई कर रहे हैं। दरअसल सूखत की आड़ में किसानों को चूना लगाने का खेल खरीदी केंद्र मूली में सरेआम चल रहा है। वर्तमान में जब धान पूरी तरह सूख चुका है एवं अब और सूखत की संभावना न के बराबर रह गई है, तब प्रबंधक और खरीदी प्रभारी सूखत का बहाना बनाकर किसानों के पसीने की कमाई को डकारने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ये लोग किसानों को छल रहे हैं कि धान में काफी सूखत आ जाएगी, इसलिए ज्यादा धान देना होगा। बेचारे किसान उनके बहकावे में आकर प्रति क्विंटल धान के पीछे तीन से साढ़े तीन किलो तक अतिरिक्त धान देने विवश हो गए हैं। ना नुकर करने वाले किसानों का धान तौलने व खरीदने से ही इंकार कर दिया जाता है। इस तरह सूखत के नाम पर लाखों के वारे न्यारे का खेल चल रहा है। ज्ञातव्य हो कि शासन द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि सभी किसानों का पूरे धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी कर अधिक से अधिक किसानों को फायदा पहुंचाया जाए, लेकिन खरीदी प्रभारी एवं प्रबंधक तौलाई में सरेआम डंडीमारी कर शासन को बदनाम करने में लगे हैं।

अब तक हो चुका है लाखों का खेल

जिला मुख्यालय से लगभग 25 किमी दूर मूली धान खरीदी केंद्र में किसानों से की जा रही लूट का नजारा कभी भी देखा जा सकता है। शासन द्वारा प्रत्येक बारदाने में 40 किलोग्राम भर्ती का धान किसानों से क्रय किया जाना है, लेकिन मूली खरीदी केंद्र में प्रत्येक बोरे में 41 किलो 6 सौ ग्राम धान लिया जा रहा है। मूली धान खरीदी केंद्र में 29 दिसंबर तक 19 हजार 573 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी थी। इसमें से 6 हजार 480 क्विंटल धान का उठाव किया जा चुका है और वहां खुले में 13 हजार क्विंटल धान पड़ा हुआ है। प्रत्येक बारदाना में किसानों से निर्धारित मात्रा से डेढ़ किलो धान अधिक लिया जा रहा है। सभी किसानों से प्रति क्विंटल के पीछे साढ़े तीन किलो धान ज्यादा लिया जा रहा है। इस अतिरिक्त धान का मूल्य बोनस राशि सहित 75 रूपए होता है। 29 दिसंबर के खरीदी के आंकड़ों पर नजर डालें, तो किसानों को लाखों की चपत लगने का अनुमान है। केंद्र में रखे भरे हुए बारदानों की जांच की जाएगी, तो खरीदी प्रभारी एवं प्रबंधक के कारनामे सामने आ सकते हैं।

सूखत के कारण लेना पड़ता है ज्यादा धान

प्रबंधक सदानंद सेठिया ने बताया कि धान सूखत आने के कारण 2 सौ से 3 सौ ग्राम ज्यादा धान लेना पड़ता है।

सदानंद सेठिया प्रबंधक, धान खरीदी केंद्र मूली.

कराएंगे मामले की जांच

किसानों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। अधिक धान लिया जाना अनुचित है। मामले की जांच कराएंगे। चंदन कुमार कलेक्टर, बस्तर