बस्तर की ये छोरियां भी कतई कम नहीं हैं हमारे शहरी छोरों से

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  •  ट्रेक्टर, बाईक रिपेयरिंग में दक्ष हैं बेटियां भी 
    -अर्जुन झा-
    बकावंड हाथों में पाना पेंचिस थामे ट्रेक्टर और बाईक रिपेयर करती बेटियों को देख यकबयक यकीन नहीं हुआ कि ये बस्तर की छोरियां हैं। करीब जाकर देखा, तो दिल में जो जज्बात उठे, उन्हें चंद अल्फाजों में बयां कर पाना मुमकिन नहीं है। हां हमारे बस्तर की छोरियां अब शहरी छोरों को भी मात देने के लिए कमर कस चुकी हैं। आत्मनिर्भरता की राह पर अब बस्तर की बेटियां भी अग्रसर हो रही हैं। वह भी बिना आईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त किए।
    बस्तर जिले के बकावंड विकासखंड के ग्राम जैबेल -1 में बाइक से लेकर फोर व्हीलर, ट्रेक्टर तक की रिपेयरिंग और सर्विसिंग की एक वर्कशॉप है प्रकाश ऑटो। बस्तर की दो कर्मठ बेटियां रामशीला बघेल और मीना बघेल बीते पांच माह से जैबेल के प्रकाश ऑटो सर्विस में अपने हुनर का जादू दिखा रही हैं।

रमशीला और मीना पक्की सहेलियां हैं। वे हाथों में पाना पेंचिस थामकर अपने हुनर का बखूबी प्रदर्शन कर रही हैं। दोनों किशोरियां हर तरह की बाईक, ट्रेक्टर और फोर व्हीलर की रिपेयरिंग कर अच्छी खासी कमाई कर लेती हैं। उनका हुनर देख कर आप उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह सकते। बाइक से लेकर सभी तरह के फोर व्हीलर की वे रिपेयरिंग अच्छे से कर लेती हैं। उन्हें यह काम बहुत पसंद है और वे इसी फील्ड में अपना करियर बनाना चाहती हैं। रमशीला और मीना बताती हैं कि हमें इस कार्य से अच्छी कमाई हो जाती है और हम अपने परिवार की आजीविका में बेहतर योगदान दे पा रही हैं। हमें गर्व है कि हमारे माता पिता ने कभी यह काम करने से रोका नहीं, बल्कि हमारा हौसला बढ़ाने का ही काम किया है।

कलेकर को पसंद हैं ऐसी बेटियां
बस्तर के कलेक्टर विजय दयाराम के. रमशीला और मीना सरीखी बेटियों को खूब पसंद करते हैं और उनका हौसला बढ़ाने के मामले में जरा भी कंजूसी नहीं करते। उनकी इस नेकदिली की मिसालें गाहे बगाहे सामने आती रहती हैं। उम्मीद है रमशीला बघेल और मीना बघेल को भी कलेक्टर विजय दयाराम के. का आशीर्वाद जरूर मिलेगा। वैसे रमशीला और मीना भी कलेक्टर से मिलना चाहती हैं, मगर इसके लिए उनका जगदलपुर जा पाना संभव नहीं है।