- न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर हुई पहल के संबंध में मांगी जानकारी
- किसानों की मांगों पर उठाए गए कदमों के बारे में भी पूछा बैज ने
बस्तर अपने निर्वाचन क्षेत्र और प्रदेश के लोगों तथा किसानों के हितों को लेकर संसद में हमेशा मुखर रहने वाले बस्तर के सांसद दीपक बैज ने लोकसभा के मौजूदा सत्र के दौरान किसानों के हक में जोरदार ढंग से आवाज उठाई। श्री बैज ने कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और किसानों की मांगों के संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी चाही। संसद के जारी सत्र में अडानी समूह के लोन एक्सपोजर को लेकर सरकार को घेर चुके बस्तर के शेर कहे जाने वाले सांसद दीपक बैज के तेवर किसानों से जुड़े मसलों को लेकर 14 मार्च को बेहद तलख नजर आए। उन्होंने तारांकित प्रश्न के जरिए सरकार से पूछा कि सरकार द्वारा गठित किसान कल्याण समिति की अब तक कितनी बैठकें हुई हैं, इस समिति ने कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी सहित कृषक हितों से जुड़े क्या क्या परिणाम दिए हैं, समिति की बैठकों में न्यूनतम समर्थन मूल्य और फाइबर रीइन्फ़ोर्सड पालिमर संबंधी किसानों की मांगों पर क्या निर्णय हुए हैं, क्या सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने से बच रही है? इसके जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को और अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी बनाने, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, देश की बदलती खाद्यान्न जरूरतों और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए फसल पद्धति में बदलाव के दृष्टिगत ही समिति और उप समितियों का गठन किया गया है। अब तक समिति की दो बैठकें हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप सरकार कृषि को जीरो बजट वाली बनाने की दिशा में काम कर रही है। तोमर ने किसान कल्याण समिति में शामिल सदस्यों का ब्यौरा भी दिया। उन्होंने बताया कि समिति और उप समितियों में कृषि विशेषज्ञ, किसान नेता, प्रगतिशील किसान और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल किए गए हैं। कृषि मंत्री तोमर ने सदन को भरोसा दिलाया कि समिति के सुझावों पर अमल करने सरकार प्रतिबद्ध है।