पांच गुना बढ़ गई जगदलपुर से रावघाट रेल लाईन की लागत

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  • बस्तर रेल्वे प्रालि को दिया गया है इस रेल लाईन को बिछाने का काम
  • सांसद दीपक बैज के सवाल पर केंद्र सरकार का संसद में जवाब
  • नक्सली उत्पात के मद्देनजर संगीनों के साये में चल रहा है निर्माण कार्य

बस्तर जगदलपुर से राव घाट तक प्रस्तावित रेल लाईन की लागत 18 साल में पांच गुना से भी ज्यादा बढ़ गई है। इसकी शुरूआती लागत 304.29 करोड़ थी, जो अब 1627. 56 करोड़ तक पहुंच गई है। इस रेल लाईन को बिछाने की जिम्मेदारी बस्तर रेल्वे प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने बस्तर के सांसद दीपक बैज द्वारा संसद में पूछे गए प्रश्न के जवाब में दी सांसद दीपक बैज ने संसद के बजट सत्र के दौरान रावघाट – जगदलपुर रेल लाईन के निर्माण में हो रही देरी, इस रेल लाईन के लिए मौजूदा वर्ष के बजट में किए गए प्रावधान, इसकी वर्तमान लागत, छत्तीसगढ़ में रेल लाइनों के विस्तार, दोहरीकरण आदि के बारे में केंद्र सरकार से जानकारी मांगी थी। श्री बैज द्वारा उठाए गए प्रश्न के जवाब में रेल, संचार एवं इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री अश्वनी उपाध्याय ने विस्तार से जानकारी दी। उपाध्याय ने बताया कि दल्ली राजहरा से रावघाट होते हुए अंतागढ़ तक रेल लाईन बिछाने का कार्य पूरा हो चुका है। रावघाट से जगदलपुर तक 140 किमी लंबी रेल लाईन बिछाने का काम बस्तर रेलवे प्रा. लि. को दिया गया है। वैष्णव ने बताया कि वर्ष 2003 – 04 में इस रेल लाईन की अनुमानित लागत 304. 29 करोड़ रुपए थी। वर्तमान में लागत राशि 1627.56 करोड़ रु. हो चुकी है। इस खंड का कार्य अंतागढ़ तक 60 किमी लंबाई में पूर्ण हो चुका है और शेष भाग में कार्य जारी है। उपाध्याय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में रेलवे से संबंधित कार्यों के लिए बजट में हर साल पर्याप्त वृद्धि की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 से 2014 की अवधि में हर साल छत्तीसगढ़ के लिए रेल्वे संबंधी कार्यों के लिए औसतन 311 करोड़ का प्रावधान किया जाता था। वर्ष 2014 के बाद हर साल 2274 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा रहा है। रेलमंत्री ने सांसद दीपक बैज को जानकारी दी कि वर्ष 2014 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में कुल 744 किमी रेल लाईन बिछाने का कार्य किया गया है। इसमें 145 किमी नई रेल लाईन और 599 किमी दोहरीकरण कार्य शामिल है।

संगीनों के साये में कराया जा रहा है काम

इस रेल परियोजना के कार्य में हो रहे विलंब को लेकर सांसद दीपक बैज द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में रेलमंत्री अश्वनी उपाध्याय ने बताया कि रावघाट से जगदलपुर तक वन आच्छादित क्षेत्र है। पर्यावरणीय व कुछ अन्य तकनीकी कारणों से कार्य में विलंब हुआ है। वहीं संबंधित इलाका नक्सल उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र है, इसलिए भी कार्य में व्यावधान स्वाभाविक है। नक्सल उग्रवाद की चुनौतियों के मद्देनजर अर्धसैनिक बलों तथा अन्य सुरक्षा बलों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही कड़ी सुरक्षा के बीच रेल लाईन बिछाने का कार्य कराया जा रहा है। मंत्री ने बताया कि रेल लाईन पर इस वर्ष पांच सौ करोड़ रु. व्यय का प्रावधान किया गया है।