क्षेत्र को रौशन करता यह दीपक अपने तले का भी हर रहा अंधेरा

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अर्जुन झा
बस्तर लोक प्रचलित कहावत ‘दीया तले अंधेरा’ के मिथक को बस्तर के ‘दीपक’ ने तोड़ दिया है। यह दीपक न सिर्फ समूचे बस्तर लोकसभा क्षेत्र के बाशिंदों की अंधेरी जिंदगी में उजियारा बिखेर रहा है और गांवों में व्याप्त समस्याओं की स्याह दाग को हटा रहा है, बल्कि अपने तले को भी रौशन कर रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं बस्तर के सपूत एवं सबके चहेते सांसद दीपक बैज की। दीपक बैज की कर्मशीलता की कोई सानी नहीं है। बैज जिस लगन और कर्मनिष्ठा के साथ अपने निर्वाचन क्षेत्र की जनता की भलाई के लिए दिन रात लगे रहते हैं, उतने ही समर्पण भाव से वे अपने घर यानि कांग्रेस पार्टी की सेवा में भी सदैव तत्पर नजर आते हैं।


बस्तर के कांग्रेस सांसद दीपक बैज की सक्रियता, जनता के प्रति जवाबदेही और कांग्रेस पार्टी के प्रति लगन और कर्तव्यनिष्ठा को कतई नकारा नहीं जा सकता। श्री बैज क्षेत्र की जन समस्याओं के निराकरण और नागरिकों को अधिकाधिक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जमकर पसीना बहाते रहते हैं। वे यहां अपने गृह शहर में उपलब्ध हों और अपने निर्वाचन क्षेत्र को बिसरा कर अपने निवास में एसी की शीतल हवा के बीच आराम फरमाते रहें, ऐसा तो मुमकिन ही नहीं है। चिलचिलाती धूप हो, हांड़ कंपाती ठंड हो या फिर घनघोर बारिश हो रही हो, दीपक बैज बिना रुके, बिना थके निकल पड़ते हैं क्षेत्र के गांवों के दौरे पर। सांसद दीपक बैज किसी गांव में जब पहुंचते हैं, तब प्रतिकूल से प्रतिकूल मौसम में भी गांव के लोग श्री बैज का सानिध्य पाने, उन्हें अपना दुखड़ा सुनाने और उनके मृदु व्यवहार से निहाल होने जमा हो जाते हैं। श्री बैज भी दलगत भावना से ऊपर उठकर अपने निर्वाचन क्षेत्र के हर नागरिक के सुख दुख में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो जाते हैं। संसद के सत्रों में भी दीपक बैज की उपस्थिति और उनके द्वारा जनहित के मुद्दे उठाते रहना विशेष उल्लेखनीय है। पार्टी की हर गतिविधि और कार्यक्रमों में बैज की शत प्रतिशत भागीदारी रहती है। नई दिल्ली में अडानी मामले को लेकर चले विपक्षी सांसदों के हर विरोध प्रदर्शन में उनकी सहभागिता रही। दिल्ली से लौटते ही दीपक बैज अपने क्षेत्र में सक्रिय हो गए। अपने गृहग्राम गढ़िया में चल रहे गढ़िया महोत्सव को सफल बनाने वे जी जान से जुट गए थे। इसमें वे अभी भी व्यस्त हैं। यह महोत्सव 11 अप्रैल तक चलेगा, लेकिन उसके समापन से पहले ही सांसद दीपक बैज कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के 13 अप्रैल को प्रस्तावित बस्तर जिला प्रवास की व्यवस्था में जुट गए। इसी सिलसिले में बैज मंगलवार को जगदलपुर के विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन के कार्यालय में पहुंच गए। वहां उन्होंने प्रियंका गांधी के बस्तर प्रवास को लेकर रेखचंद जैन से चर्चा की और वहां मौजूद लोगों के साथ विचार विमर्श किया। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव शंकर राव, मलकीत सिंह गैंदू, नगर निगम सभापति कविता साहू और सांसद के मीडिया चीफ अनुराग महतो भी थे। बैज, रेखचंद जैन, मलकीत सिंह गैंदू, शंकर राव और कविता के साथ प्रियंका गांधी के कार्यक्रम को सफल बनाने के मसले पर गंभीर मंत्रणा की।

बस्तर को नया आयाम दे रही है यह चौकड़ी
बस्तर में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की एक चौकड़ी की खूब चर्चा है। इस चौकड़ी में शामिल हैं छत्तीसगढ़ सरकार में उद्योग एवं आबकारी मंत्री तथा बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, संसद दीपक बैज, जगदलपुर के विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन और बस्तर के विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल। राजनेताओं की यह चौकड़ी बस्तर को नया आयाम देने में लगी हुई है। इस चौकड़ी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। बस्तर के समग्र विकास, जनता को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराने और पार्टी संगठन को मजबूत बनाने के लिए ये चारों नेता प्रणप्राण से जुटे हुए हैं। इनकी मेहनत और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष कृपादृष्टि की बदौलत आज बस्तर लगातार विकास का नया आयाम रच रहा है। हाल ही में पेश किए गए राज्य सरकार के बजट में बस्तर को ढेरों सौगातें मुख्यमंत्री ने दी है।
प्रियंका के प्रवास पर दिखेगी नई मिसाल
प्रियंका गांधी के प्रवास से पहले ही छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी काफूर हो गई है। अपनी शीर्ष नेत्री के बस्तर प्रवास के सिलसिले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम भी जगदलपुर पहुंचे। उनके साथ यहां के सारे कांग्रेस नेता ताल से ताल मिलाते नजर आए। श्री मरकाम के साथ सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव शंकर राव, निगम सभापति कविता साहू, सांसद के मीडिया प्रमुख अनुराग महतो तथा अन्य नेताओं ने कार्यक्रम स्थल पर जाकर तैयारियों का जायजा लिया। मंच और दर्शक दीर्घा में की जा रही व्यवस्थाओं को देखा। इसके पहले इन सभी नेताओं की बैठक भी हुई। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि प्रियंका गांधी का आगमन कांग्रेस में नेताओं के बीच बनी खाई को पाटने में सहायक साबित होगी।