- पूर्व विधायक कश्यप और मंडल अध्यक्ष ठाकुर ने ग्रामीणों के साथ किया डॉ. अंबेडकर को नमन
- संविधान शिल्पी के चित्र के लिए एक टेबल या कुर्सी भी नहीं मिली भाजपाइयों को ?
लोहंडीगुड़ा मंडल भाजपा लोहंडीगुड़ा द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई। पूर्व विधायक लच्छूराम कश्यप, मंडल भाजपा अध्यक्ष नरसिंह ठाकुर तथा अन्य भाजपा नेताओं ने बाबा साहेब को नमन किया।मंडल भाजपा ने यहां पचासों ग्रामीणों की मौजूदगी में जयंती समारोह का आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक लच्छूराम कश्यप थे। समारोह की अध्यक्षता मंडल भाजपा अध्यक्ष नरसिंह ठाकुर ने की। विशिष्ट अतिथि भाजपा नेता चंद्रभान कश्यप थे।
इन तीनों नेताओं ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें भावांजलि दी। पूर्व विधायक लच्छूराम कश्यप ने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बाबा साहेब ने देश के संविधान रूपी महान ग्रंथ की रचना कर भारत का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने समाज के वंचित और शोषित तबके को बराबरी का दर्जा और समान अधिकार दिलाए। अपनी इस अनमोल कृति को गढ़कर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर अजर अमर हो गए। समूचा भारतवर्ष उनका ऋणी है। नरसिंह ठाकुर ने बाबा साहेब के प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर एक ऐसे समतामूलक समाज और राष्ट्र निर्माण के पक्षधर थे, जहां सभी जाति धर्मों के लोग बराबरी से रह सकें, उनमें जात पात का भेद न हो। श्री ठाकुर ने कहा कि बाबा साहेब द्वारा रचे गए संविधान के दम पर ही हमारे देश का लोकतंत्र मजबूत है। चंद्रभान कश्यप ने कहा कि दुनिया का एकमात्र हस्तलिखित संविधान वाला देश भारत है। दूसरे देशों के संविधान में अन्य देशों के संविधानों के अंश सम्मिलित हैं, लेकिन बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित भारतीय संविधान पूरी तरह मौलिक है। अन्य नेताओं ने भी समारोह को संबोधित किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
बाबा साहेब के सम्मान में रह गई थोड़ी कमी
मंडल भाजपा ने डॉ. अंबेडकर की जयंती को आदर के साथ मनाया। भाजपा नेताओं ने उनके योगदान का अच्छे तरीके से बखान किया। मगर बाबा साहेब के सम्मान में थोड़ी कमी रह गई। भाजपा नेताओं ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र को एक सोलर पैनल पोल के सहारे के लिए बनाए गए छोटे से चबूतरे पर पोल से टिका कर रखा था। यह बात वहां मौजूद डॉ. अंबेडकर के कुछ अनुयायियों को नागवार गुजरी। उनका कहना था कि बाबा साहेब की तस्वीर को ऊंची टेबल या कुर्सी पर रखा जाता, तो बेहतर होता। इन अनुयायियों ने यह भी कहा कि राष्ट्रवाद की दुहाई देने वाले भाजपा नेताओं ने प्रखर राष्ट्रभक्त डॉ. अंबेडकर के सम्मान में थोड़ी कमी कर दी। इस बात का उन्हें ध्यान रखना चाहिए था।