बालोद – राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आगाज खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ जी आर रावटे द्वारा विकास खंड गुरूर में किया गया। जिनका मुख्य उद्देश्य कुपोषण, रक्त अल्पता की बचाव कराना कुपोषण व रक्त अल्पता से बच्चों का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाता।
रक्त अल्पता से बच्चों में थकान, कमजोरी, स्मरण शक्ति की कमी व पढ़ाई में मन न लगना, एवम् बार बार बीमार पड़ना जिनके कारण पेट दर्द व दस्त की शिकायत जिनसे स्कूलों में उपस्थिति कम हो जाती है।
कृमि संक्रमण गम्भीर समस्या है जो हमारे गलत जीवन शैली खान पान व जानकारी की कमी मुख्य है कृमि संक्रमण से कैसे बचे व्यक्तिगत स्वच्छता के अन्तर्गत भोजन के पहले व शौच के बाद साबुन और पानी से हाथो की धुलाई, शौचालय में नंगे पैर जाने से बचें, खुले में शौच न करे, घरों के आसपास नियमित साफ सफाई करे।
खान पान संबंधी आदते पीने के पानी को हमेशा ढक कर रखें, हैंडल वाले जग का उपयोग,
सड़े गले फल , सब्जी व बासी भोजन न खाए , एवम् फल सब्जी को अच्छी तरह धोकर व पकाकर खाए।
एलबेंडाजोल की गोली मीठी होती है जिनको चबाकर खिलाई जाने से ज्यादा फायदे मंद होती है
यह दवाई समुदाय में ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिनों द्वारा गृह भ्रमण कर खिलाई जा रही है साथ ही साथ कोरोना काल में सामाजिक दूरियां बनाएं रखने मास्क का उपयोग हाथों की नियमित धुलाई, एवम् संक्रमण से कैसे बचा जा सके उक्त विषयों पर भी समुदाय के लोगो को जागरूक किया जा रहा है।