खदान मजदुर संघ राजहरा द्वारा SKMS के कार्यकारी अध्यक्ष पर श्रमिकों के शोषण करने का आरोप, जाने क्या है मामला

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भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध खदान मजदूर भिलाई के राजहरा शाखा के सचिव लखन लाल चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए M/s राजहरा इंजीनियरिंग वर्कस सहकारी समिति मर्यादित के संचालक एवं खदान में कार्यरत एटक से संबद्ध श्रमिक संघ SKMS के कार्यकारी अध्यक्ष अनिल यादव पर श्रमिकों के शोषण करने का आरोप लगाया गया है।उन्होंने कहा कि संघ को कुछ कर्मियों की लिखित शिकायत मिली है कि ठेकेदार अनिल यादव द्वारा उन्हें अर्ध कुशल श्रेणी के जगह अकुशल श्रेणी का वेतन भुगतान किया जा रहा है।शिकायत मिलने पर संघ ने इस संबंध में जांच शुरू की तो ऐसे कई तथ्य सामने आए हैं जिससे लगता है कि शोषण के इस खेल में ठेकेदार के साथ उक्त कार्य के देखरेख में लगे कुछ अधिकारीगण भी शामिल है।

घटना की पूर्ण जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि उक्त कार्य का पहला ठेका 3 माह का हुआ था जिसमें संघ के 9 कर्मी कार्य में लगे थे और उन्हें ठेका शर्तों के मुताबिक अर्ध कुशल श्रेणी का वेतन भुगतान किया गया था जिसे कोई भी जांच कर सकता है।इसके बाद उक्त कार्य का निविदा 1 साल के लिए हुआ जिसे एसकेएमएस के कार्यकारी अध्यक्ष अनिल यादव द्वारा संचालित सहकारी समिति द्वारा लिया गया।उस समय भी अनिल यादव द्वारा सभी कर्मियों को बुलाकर कहा गया कि क्योंकि उन्होंने कार्य विभागीय रेट से कम में लिया है अतः वह चाहता है कि कर्मी उन्हें सहयोग करें और 1 साल के लिए अकुशल श्रेणी का पैसा लेवे और

अगर अगला निविदा भी उन्हें मिलता है तो वह कर्मियों को पूरा वेतन देवेंगे।कर्मियों ने उनकी बात मानते हुए पूरे ठेके में अकुशल का वेतन लिया जबकि अनिल यादव द्वारा इस कार्य के मस्टररोल में उन्हें अर्ध कुशल कामगार दर्शाया गया। इसके बाद पुनः यही ठेका 2 वर्षों के लिए निकला जिसे पुनः प्रबंधन के अधिकारियों के साथ सांठगांठ करके और खुद ही 3 पार्टी लाकर अच्छे दाम में अनिल यादव द्वारा लिया गया और प्रबंधन द्वारा इस सहकारी समिति को राजहरा प्लांट में अवार्ड लेकर क्रमांक- CCNW/PO-4270009384 /PR.No. 1130016028/610, Dated-29/02/2020 के माध्यम से उक्त सपोर्ट सर्विसेज का काम दिया गया।

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विस्तृत जांच करने पर संघ के समक्ष जो जानकारियां आई है वह एसकेएमएस के कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा किए जा रहे गोरखधंधे को उजागर करती है और यह साबित करती है कि एसकेएमएस के कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है।पिछले ठेके में एसकेएमएस के कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा खुलेआम ठेका श्रमिकों का शोषण किया गया लेकिन इस श्रम संगठन के किसी भी पदाधिकारी के मुंह से कोई आवाज नहीं निकली जबकि इनके पूर्णकालिक अध्यक्ष,कार्यकारी अध्यक्ष और महामंत्री के नेतृत्व में कई बार इस संगठन ने सड़क पर धरना प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन के समक्ष ठेका कर्मियों का शोषण बंद करने का ढकोसला किया। वर्तमान ठेके में भी एसकेएमएस के कार्यकारी अध्यक्ष अनिल यादव ने अपने आप को कानूनी तौर पर बचाने के लिए मस्टर रोल में कर्मियों के हाजिरी संख्या के साथ छेड़छाड़ की और पूरे माह कार्य करने वाले कर्मियों को कम दिन की हाजिरी दी।

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इस संबंध में जब संघ ने महाप्रबंधक राजहरा यंत्री कृत खदान से चर्चा करते हुए ठेका कर्मियों के हाजिरी व्यवस्था के बाबत जानकारी लेनी चाही तो पता चला कि इस ठेके में कार्यरत ठेका कर्मियों की हाजिरी प्रमाणित करने का कार्य साइट इंचार्ज एवं उप प्रबंधक राजहरा प्लांट एस.आर .बास्की द्वारा किया जाता है जिसके आधार पर ठेकेदार मस्टररोल बनता है और उनके समक्ष कार्रवाई हेतु रखता है। क्योंकि मस्टररोल में कर्मियों को अर्ध कुशल श्रेणी का वेतन भुगतान करना दर्शाया जाता है अतः कर कार्मिक विभाग के अधिकारी एवं उन्हें इस संबंध में हो रहे त्रुटि की जानकारी नहीं हो पाई है।इस बीच इस ठेके में कार्यरत ठेका कर्मियों ने यह भी जानकारी दी कि जब ठेकेदार को पता चला कि कर्मियों ने लिखित रूप से कम वेतन भुगतान होने की शिकायत की है तब ठेकेदार एवं एसकेएमएस के कार्यकारी अध्यक्ष अनिल यादव ने कर्मियों को बुलाकर धमकाया कि अगर कर्मियों ने मामले को आगे बढ़ाया तो कर्मियों का ट्रांसफर अन्यत्र कर दिया जावेगा या नौकरी से निकाल दिया जावेगा।

इस पूरे प्रकरण में यह साफ हो जाता है कि अपने आप को ठेका कर्मियों के मसीहा कहने वाले एसकेएमएस संगठन के नाक के नीचे उन्हीं के कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा खुलेआम कर्मियों का शोषण और गुंडागर्दी की जा रही है जिसका भा.म.सं कड़े शब्दों में निंदा करता है और पूछता है कि आखिर क्यों एसकेएमएस के पदाधिकारी गण चुप हैं? और आखिर ऐसा कौन सा कारण है कि ठेके के देखरेख करने वाले बीएसपी अधिकारी एस.आर. बास्की भी खुलकर ठेकेदार का साथ दे रहे हैं और ठेका कर्मियों के हाजिरी में कटौती करते हुए ठेकेदार को फायदा पहुंचा रहे हैं? क्या ठेकेदार को होने वाले फायदे में उप प्रबंधक प्लांट एस.आर. बास्की का भी कोई हिस्सा है? संघ के इस आरोप की पुष्टि इस बात से भी होती है कि जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि इस ठेके में कार्य करने वाले कर्मियों को इस ठेके में कार्य न करते हुए दूसरे ठेके में कार्य कराया जा रहा है जिससे कर्मियों की सुरक्षा और अन्य मुद्दों पर भी राजहरा खदान समूह प्रबंधन के दृष्टिकोण पर भी कई सवाल उठते हैं और संघ इन सब मामलों पर कानूनी सलाह ले रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर ठेकेदार और संबंधित बीएसपी अधिकारी पर श्रमिकों का शोषण करने और हाजिरी में छेड़छाड़ करने के लिए आईपीसी के तहत एफआईआर दायर की जा सके।