निलंबित ने पटवारी दो साल तक घर में छुपाए रखे दस्तावेज, गया जेल

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  • तहसीलदार की शिकायत पर शहर कोतवाली पुलिस ने लिया एक्शन


जगदलपुर राजस्व विभाग का एक निलंबित पटवारी दो साल तक विभागीय दस्तावेजों को अपने घर में दबाए रखा। वह न तो नए पटवारी को चार्ज सौंप रहा था और न ही दस्तावेज उपलब्ध करा रहा था। अंततः तहसीलदार को पुलिस की मदद लेनी पड़ी और पुलिस ने तहसीलदार की तहरीर के आधार पर निलंबित पटवारी के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया है।
तहसीलदार कार्यालय जगदलपुर द्वारा पटवारी प्रेमकांत पांडे को 9 नवंबर 2021 को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन पश्चात शासकीय दस्तावेज, धरमपुरा पटवारी हल्का नं.30 के राजस्व अभिलेख, नक्शा खसरा तथा बी-1 आदि दस्तावेजों के साथ नए पटवारी को चार्ज दिलाने का निर्देश जारी किया गया था। इस हेतु कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन निलंबित पटवारी नहीं मिला। निलंबित पटवारी ने दो साल तक नए पटवारी को न तो दस्तावेज उपलब्ध कराए और न ही चार्ज सौंपा।शासकीय दस्तावेज जमा न कर अमानत में खयानत संबंधी शिकायती आवेदन तहसीलदार पुष्पराज पात्र ने कोतवाली थाना में दिया था। इस पर उप पुलिस महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निवेदिता पॉल के मार्गदर्शन में कोतवाली पुलिस ने आरोपी पटवारी प्रेमकांत पांडे के भादंवि की धारा 409 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले की जांच शुरू की। नगर पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के पर्यवेक्षण तथा कोतवाली थाना प्रभारी अमित शुक्ला के नेतृत्व में चल रही जांच के दौरान आरोपी पटवारी प्रेमकांत पांडे को उसके निवास से हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ में प्रेमकांत पांडे ने स्वीकार किया कि उसने जानबूझकर महत्वपूर्ण शासकीय दस्तावेजों को अपने पास अवैध रूप से रखा था। उसके कब्जे से सारे दस्तावेज बरामद कर लिए गए हैं। आरोपी पटवारी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। इस प्रकरण को सुलझाने में
निरीक्षक अमित शुक्ल, उप निरीक्षक संजय वट्टी, सहायक उप निरीक्षक नीलांबर नाग, दिनेश उसेंडी, मीना यादव, आरक्षक युवराज सिंह ठाकुर, मिथलेश सिंह व आशीष ठाकुर ने अहम भूमिका निभाई।