सम्मान निधि वापसी के लिए दबाव किसानों का अपमान : बघेल

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  • खरीफ की बोनी के पूर्व नोटिस भेज किसानों को परेशान कर रही केंद्र सरकार : लखेश्वर बघेल

बकावंड क्षेत्रीय विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल किसान सम्मान निधि के नाम पर किसानों के खातों में रकम भेजकर अपनी पीठ खुद थपथपाने वाली केंद्र की भाजपा सरकार अब इस रकम की वसूली के लिए नोटिस भेजकर किसानों का अपमान कर रही है। बघेल ने कहा है कि खरीफ की बोनी के वक्त किसानों को पैसे की सर्वाधिक आवश्यकता होती है, ऐसे समय में किसानों से सम्मान निधि वापस मांगकर मोदी सरकार उन्हें परेशान ही नहीं बल्कि उनका अपमान भी कर रही है। लखेश्वर बघेल ने कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने पहले किसानों के खाते में पैसे डाल उसे किसान सम्मान निधि का नाम दिया और अब उन्हें अपात्र ठहराते हुए रकम की वसूली के लिए राजस्व न्यायालय के जरिए नोटिस भेजा जा रहा है। बघेल ने कहा है कि अधिकांश किसानों ने बैंक खाते से राशि का आहरण कर उसे खर्च भी कर दिया है। ऐसे में केंद्र को रकम लौटाने के लिए साहूकारों से कर्ज लेना पड़ेगा। बस्तर विधायक ने कहा कि शासन की योजना का लाभ पात्र लोगों को ही मिलता है। अपात्रों को यदि सरकारी योजना का लाभ मिलता है तो कहीं न कहीं इसके लिए सिस्टम दोषी है जो अपना काम सही ढंग से नहीं कर रही है या रिकार्ड अपडेट नहीं कर रही है। बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही किसानों का कर्ज महज एक घंटे में माफ कर दिया। पूरे देश में सबसे ज्यादा 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी छत्तीसगढ़ में की जा रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत हमारी कांग्रेस सरकार दीगर फसल लेने पर किसानों को 9हजार रुपए प्रति एकड़ के मान से लाभान्वित कर रही है। वहीं कृषि मजदूरों को भी इस योजना के तहत लाभान्वित कर कृषि से जुड़ी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का काम किया जा रहा है। इसके उलट केंद्र की भाजपा सरकार किसानों की कमाई दोगुनी करने के झूठे वायदे और संकल्प के साथ सत्ता में आई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि के क्षेत्र में तीन काले कानून लाकर पर्दे के पीछे पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने किसानों की पीठ पर खंजर घोपने का काम किया गया। किसानों के लंबे संघर्ष के बाद एक नहीं दो नहीं बल्कि 650 से अधिक मौतों के बाद प्रधानमंत्री जागे और उन्हें तीनों काले कानून वापस लेने पड़े। इससे साबित होता है कि केंद्र मोदी सरकार किसान विरोधी है।

बस्तर तहसील में 1698 किसानों को नोटिस

बघेल ने कहा है कि किसान सम्मान निधि के नाम पर केंद्र सरकार किसानों के खाते में महज तीन-चार हजार की मामूली रकम ही डाल रही है। यह रकम भी न जाने क्यों कभी कम तो कभी ज्यादा मिलती है।साफ शब्दों में कहें तो इसमें ढेरों विसंगतियां और अनियमितता है किसानों के खाते में पहले तो रकम डाल कर उनका सम्मान करने की वाहवाही बटोरी गई और अब उन्हें अपात्र ठहरा कर रकम वापस मांगी जा रही है बस्तर तहसील के 1698 किसानों को नोटिस भेज किसान सम्मान निधि के नाम पर प्राप्त राशि को तहसील न्यायालय में पेश होकर जमा करने कहा गया है। यह किसानों के साथ सरासर अन्याय ही नहीं, उनका अपमान भी है और इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार केंद्र में बैठी भाजपा सरकार है।