देर रात तक विधायक जैन को मिलती रही जन्मदिन की बधाई

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शहर और गांवों के हजारों नागरिक पहुंचे रेखचंद को शुभकामनाएं देने == सांसद, पूर्व विधायक, मेयर, अध्यक्ष ने भी दी शुभकामनाएं

जगदलपुर रविवार 11 जून की तिथि शहर के लिए ऐतिहासिक बन गई, जब अपने लाड़ले विधायक रेखचंद जैन को बधाई देने हजारों लोगों का हुजूम उमड़ा रहा। क्या गांव, क्या शहर, क्या कांग्रेस, क्या भाजपा, क्या बच्चे, क्या नौजवान, सभी एक ही ख्वाहिश लेकर सुबह 11 बजे से नगर के वीर सावरकर भवन की ओर कूच कर रहे थे कि वे संसदीय सचिव व जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन को जन्मदिन की बधाई दे आएं।

श्जैन के परिजन, साथी और उनके शुभचिंतक भी सुबह से डटे रहे। कोई प्रांगण की साफ-सफाई कराने में व्यस्त था, तो कोई खाना- पानी की व्यवस्था करने में डटा था। रविवार सुबह दंतेश्वरी माता मंदिर से पूजा करने के पश्चात जैसे ही विधायक रेखचंद जैन कार्यक्रम स्थल पहुंचे, उन्हें बधाई व शुभकामनाएं देने की लोगों में होड़ मच गई। गांव से लेकर शहर तक के हजारों कांग्रेस पदाधिकारी, कार्यकर्ता, संघ- संगठनों तथा समाजों के पदाधिकारियों ने रेखचंद जैन को बुके भेंटकर शुभकामनाएं दी। कई समाजों – संगठनों के पदाधिकारियों ने जैन से केक भी कटवाया। सभी उम्र के लोगों के बीच जैन की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कई लोगों ने उन्हें उनका तैल चित्र स्वयं बनाकर भेंट किया।

बीच-बीच में सबका खयाल रखते भी जैन दिखे। जैन कुछ दिव्यांगजनों की बधाई स्वीकार करने स्टेज से उतरकर भवन के मुख्य द्वार तक गए। हालांकि उन्होंने अपना जन्म दिवस हमेशा की तरह सादगीपूर्ण तरीके से मनाने की अपील कर रखी थी, लेकिन अपने मित्रों एवं शुभचिंतकों द्वारा आयोजन करने के सुझाव को अंततः इस शर्त पर स्वीकार किया कि होर्डिँग व फ्लैक्स लगाने की कवायद न की जाए। बावजूद इसके उनके समर्थकों ने आयोजन स्थल को सजाने में कोई कोर- कसर नहीं छोड़ी थी। श्री जैन को बधाई देने जो प्रमुख नेता पहुंचे थे, उनमें बस्तर सांसद दीपक बैज, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष व बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल, जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना, छग क्रेडा अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, इंद्रावती विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, महापौर सफिरा साहू, नगर निगम अध्यक्ष कविता साहू आदि शामिल थे। इनके अलावा सर्व आदिवासी समाज, बस्तर परिवहन संघ, अंजुमन इस्लामिया कमेटी, बचेका समेत दर्जनों सामाजिक, धार्मिक व राजनैतिक संगठनों के पदाधिकारी- कार्यकर्ता मौजूद थे। कर्मचारी संगठनों के हजारों पदाधिकारी भी आए थे।