बादल सीएम भूपेश बघेल की दूरगामी सोच का परिणाम : जैन

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  • समर कैंप के समापन समारोह में पहुंचे संसदीय सचिव रेखचंद जैन

जगदलपुर बस्तर एकेडमी ऑफ डांस आर्ट एंड लिटरेचर ( बादल ) की स्थापना छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरगामी सोच का परिणाम है। जनजातीय बाहुल्य बस्तर की पहचान समूचे विश्व में है। विभिन्न जातियों में प्रचलित परंपराओं, रीति-रिवाजों तथा लोककलाओं और लोक आस्था के संरक्षण की पहल सीएम के नेतृत्व व मार्गदर्शन में किया जा रहा है। समर कैंप का आयोजन इसी की कड़ी है।उक्त उदगार संसदीय सचिव एवं जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन ने बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लिटरेचर द्वारा आयोजित समर कैंप के समापन समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से व्यक्त किए।

जैन ने अपने स्कूली जीवन को याद करते हुए अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि हमारे बचपन के दिनों में हम व हमारे दौर के सारे बच्चे गर्मी की छुट्टियों में अपने नाना- मामा के यहां चले जाते थे। क्योंकि उस समय ऐसा कोई भी आयोजन नहीं होता था, लेकिन इस साल समर कैंप के माध्यम से कला, संस्कृति व बोली- भाषा का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उन्होंने विश्वास जताया कि यह शानदार पहल आगामी वर्षों में भी जारी रहेगी। श्री जैन ने समाज प्रमुखों के योगदान की भी सराहना की। कार्यक्रम को पार्षद सूर्या पाणि, हल्बा समाज के जितेंद्र शार्दुल तथा अन्य लोगों ने भी संबोधित किया। संस्था प्रभारी अधिकारी पूर्णिमा सरोज ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। समापन अवसर पर गौरनाथ नाग, वरिष्ठ पत्रकार संतोष सिंह, सहायक आयुक्त संजय चंदेल, समाज प्रमुख लखेश्वर खुदराम, सामूराम मौर्य, हरिश्चंद्र नाग, सदाराम समरथ, त्रिलोकी प्रभुलिया, पितांबर अड़बड़िया, विद्याधर जीराम, पूनम गुप्ता, जयंती बघेल, दीप्ति ओगरे, योगेश साहनी, नीलूराम कोर्राम, नुपुर दास, विशाल ठाकुर, विनीता पांडे, स्मृति पाढ़ी, सचिन लेवी पन्ना, दीपेश ध्रुव, दीपक कश्यप, प्रेरणा नाम, नेत्रकांत पाणीग्रही, लिबरु सोढ़ी समेत प्रशिक्षणार्थी, उनके अभिभावक व अन्य लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यक्रम संचालन भरत गंगादित्य व हितप्रिता ठाकुर ने किया। समापन समारोह में विविध विधाओं के प्रशिक्षणार्थियों ने अनेक मनमोहक प्रस्तुतियां दीं।