अब उद्यमशीलता की नई ईबारत लिखेगी बस्तर की मातृशक्ति

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  • 1182 स्व सहायता समूहों को दिए गए 28 करोड़ 36 लाख के ऋण
  • उद्यमिता के माध्यम से महिलाएं परिवार को बनाएं सशक्त: लखमा
  • पहले जहां में बारुद की गंध थी, अब इसी बस्तर काॅफी और पपीते से महक रहा – दीपक बैज

जगदलपुर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े बस्तर जिले के 1182 स्व सहायता समूहों को बैंक लिंकेज शिविर में 28 करोड़ 36 लाख 80 हजार रुपए के ऋण वितरित किए गए।बुधवार 14 जून को पं. श्यामाप्रसाद मुखर्जी सभागार में आयोजित ऋण वितरण महा शिविर में उद्योग मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि बस्तर में परंपरागत रुप से भंडारगृह की चाबी महिलाओं के हाथों में ही होती है, क्योंकि वे अधिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करती हैं। महिलाओं के इसी स्वभाव को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की जिम्मेदारी महिलाओं के हाथों में सौंपी है। गांव- गांव में बने गौठान और ग्रामीण औद्योगिक पार्कों के माध्यम से आजीविकामूलक कार्य कर यह महिलाएं अपने परिवार की आर्थिक स्थिति के साथ ही ग्रामीण और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करने का कार्य भी भलीभांति कर रही हैं।मंत्री लखमा ने कहा कि पहले ऋण प्राप्त करना आसान कार्य नहीं था, किंतु अब स्वसहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को बहुत ही कम ब्याज पर आसानी से ऋण प्राप्त हो जाता है। पहले बैंकों से ऋण के लिए जमानतदार के साथ ही बहुत सी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती थी। इससे तंग आकर लोग साहूकारों के पास अपनी संपत्ति गिरवी रखकर ऊंची ब्याज दर पर ऋण लेने मजबूर हो जाते थे। हमारी सरकार ने महिलाओं पर भरोसा करते हुए आसानी से ऋण उपलब्ध कराना शुरू किया है। मंत्री श्री लखमा ने महिलाओं से अपील की कि इस राशि से अपना व्यवसाय करें और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाएं। मंत्री लखमा ने कहा कि आपकी उद्यमिता के लिए सरकार ने गौठान और ग्रामीण औद्योगिक पार्कों का निर्माण किया है, जहां आवश्यक अधोसंरचनाएं और संसाधन आसानी से उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि आपके द्वारा तैयार उत्पादों के विक्रय के लिए भी किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है।

महिलाएं ला रहीं बस्तर में बदलाव : बैज

बस्तर के सांसद दीपक बैज ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश की जनता के पास धन रहेगा,तब ही प्रदेश आर्थिक तौर पर मजबूत होगा। स्वसहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के हाथों को मजबूत करने का कार्य मुख्यमंत्री बघेल द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वसहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के कारण बस्तर में तेजी से बदलाव दिख रहा है। पहले जहां यहां की हवा में बारुद की गंध समाई रहती थी, अब यही बस्तर काॅफी और पपीते की सुगंध से महक रहा है। अब बस्तर के कोलेंग जैसे अतिसंवेदनशील क्षेत्र में भी स्व सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं काॅफी की खेती कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उद्योगपति व्यवसाय के लिए ऋण प्राप्त करते हैं, वैसे ही अब महिलाओं को भी यह ऋण बहुत ही आसानी से उपलब्ध कराने का कार्य छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है। महिलाएं भी व्यवसाय का कार्य अत्यंत निपुणता के साथ कर रही हैं, जिससे परिवार के मुखिया पर निर्भरता भी समाप्त हो रही है।

यह बस्तर के लिए सौभाग्य का दिन : जैन

संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा कि यह आज बस्तर के लिए सौभाग्य का दिन है कि बस्तर की महिलाओं को उद्यमिता के लिए 28 करोड़ रुपए की राशि बहुत ही आसानी के साथ प्राप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि बस्तर अपने वनोपज और विविध प्रकार के फसलों के लिए जाना जाता है। पहले यह वनोपज और फसल बिचैलियों द्वारा औने-पौने दाम पर खरीद ली जाती थी। वहीं कई बार कम दाम मिलने के कारण यहां के लोग वनोपजों को सड़कों पर फेंककर चले जाते थे, किंतु स्वसहायता समूहों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर वनोपजों की खरीदी के कारण अब स्थिति बदली है। इससे जहां वनोपज संग्राहकों को अच्छा दाम मिल रहा है, वहीं स्वसहायता समूह की सदस्याओं को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज के इस ऋण वितरण कार्यक्रम से अन्य महिला समूहों को भी आजीविका मूलक कार्यों के लिए अवसर प्राप्त होगा।

लक्ष्य के करीब है बस्तर : कलेक्टर

कलेक्टर विजय दयाराम के ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा स्व सहायता समूहों की महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से सशक्त करने की मंशा के अनुसार जिले में 70 फीसदी लक्ष्य की प्राप्ति कर ली गई है। इन महिलाओं को गौठान तथा ग्रामीण औद्योगिक पार्कों में विभिन्न आजीविका मूलक कार्यों के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इस अवसर पर कोडे़नार ग्रामीण औद्योगिक पार्क में मिलेट से तैयार उत्पादों की लांचिंग की गई। इसके साथ ही हर्राकोडेर जैसे अत्यंत दुर्गम क्षेत्र में बुजुर्ग, दिव्यांग, श्रमिक सहित निर्धन वर्ग की सेवा का अवसर प्रदान करने के लिए बीसी सखी संतोषी ठाकुर द्वारा शासन-प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए मंत्री श्री लखमा को पुष्पगुच्छ भेंट किया गया। हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, चित्रकोट के विधायक राजमन बेंजाम, नगर निगम सभापति कविता साहू ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रकाश सर्वे, अनुविभागीय दंडाधिकारी नंदकुमार चौबे, नगर निगम आयुक्त केएस पैकरा सहित जनप्रतिनिधि एवं स्व सहायता समूह की सदस्याएं उपस्थित थे।