- एनपीएस, ओपीएस विकल्प चयन के नाम रोकी जा रही है तनख्वाह
- स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
जगदलपुर छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की बस्तर जिला इकाई के पदाधिकारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि एनपीएस, ओपीएस विकल्प चयन के अभाव में कर्मचारियों का वेतन न रोका जाए। संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं बस्तर जिला अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह परिहार ने कहा है कि बस्तर जिले में विभिन्न विभागों के आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा इस माह की 24 तारीख तक एनपीएस, ओपीएस विकल्प चयन के अभाव में अधिकारियों कर्मचारियों के फरवरी माह का वेतन रोकने की कार्यवाही की जा रही है। वेतन रोकने पर कई कर्मचारियों का जिनका बैंक लोन, होम लोन एवं कई प्रकार के अन्य लोन जो कर्मचारी अपने पारिवारिक जरूरतों के कारण लेते हैं और लोन सही समय पर भुगतान न कर पाने पर उनको एकमुश्त ब्याज अदा करना पड़ता है, जो कि अनुचित है। अन्य जिलों के कलेक्टरों द्वारा वेतन न रोकने के आदेश जारी किए गए हैं।सभी कर्मचारियों का वेतन ही एक मात्र सहारा है। सही समय पर वेतन मिलने से बैंक लोन, होम लोन एवं अन्य लोन अदा करने और जीविका निर्वहन में आसानी होती है। संघ ने कलेक्टर बस्तर से आग्रह किया है कि अधिकारी – कर्मचारियों का वेतन एनपीएस व ओपीएस विकल्प चयन के अभाव में वेतन न रोका जाए। ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में संघ के संभागीय अध्यक्ष अनिल बड़कस, उपाध्यक्ष रूपेंद्र सिंह, जिला संयोजक नेत्र प्रकोष्ठ हनुमंत राव, सचिव नीरज कुमार शामिल थे।