वसुंधरा के कल्याण के लिए सभी को करना होगा चिंतन मनन

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  • कवियों ने दिया कविताओं से दिया पर्यावरण बचाने का संदेश
  • पर्यावरण और प्रकृति पर रोटरी काव्य मंच की काव्य गोष्ठी


रायपुर रोटरी काव्य मंच द्वारा पर्यावरण बचाएं और प्रकृति के प्रति प्रेम जताएं विषय पर 144वीं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। पूरे भारत से आए 41 कवियों और कवियात्रियों ने इस ज्वलंत विषय पर अपनी स्वरचित कविताओं से पर्यावरण को हर हाल में बचाने की पुरजोर अपील की।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. बनवारीलाल जाजोदिया यथार्थ ने चिंता जताते हुए कहा कि वसुंधरा के कल्याण के लिए समय रहते चिंतन मनन करना ही होगा। सिर्फ बातें करने से काम नहीं चलेगा। जमीनी स्तर पर उतर कर पेड़ पौधों को संवारना, नए पेड़ पौधे लगाना, उनकी देखभाल करना हम सबकी जिम्मेदारी है। ताकि वायु प्रदूषण से निजात पाई जा सके। बड़ी – बड़ी फैक्ट्रियों से जहरीली गैस हवा में घुल रही है। उस गैस को हवा घुलने देने की बजाय वहीं खत्म कर दी जाए, ताकि आसपास की गरीब बस्तियों और झोपड़पट्टी के गरीब मजदूर स्वस्थ्य रहें। वैसे ही इन्हीं फैक्ट्रियों से निकलने वाला पानी नालों के माध्यम से नदियों में समाहित हो नदियों के पानी को प्रभावित कर रहा है।जहरीला पानी पीने के लिए आसपास की गरीब बस्तियों को मजबूर होना पड़ रहा है। यह नई बीमारियों को जन्म दे रहा है। इन सबके लिए स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभाग को संज्ञान लेना होगा। काव्य गोष्ठी के मुख्य अतिथि बिलासपुर निवासी फिल्मी कथा लेखक, प्रोड्यूसर व एक्टर डॉ. सुनील दत्त मिश्रा थे। डॉ. मिश्रा ने अपने अनुभव साझा करते कहा कि वनों के विनाश से गर्मी बहुत बढ़ गई है। ग्लोबल वार्मिंग हार्ड होती जारही है। जंगली जानवर पालन पोषण की परेशानी की वजह से मानवी शिकार के आदि होते जारहे हैं। इसे हमें रोकना होगा।पहाड़ों की छाती चीर चीरकर सड़कें बनाई जा रही हैं। उन सड़कों पर चलने वाले वाहनों से धुआं तो उड़ेगा और आसपास की जीवन दायिनी वायु को दूषित करेगा ही। हमारी यूनिट के कलाकारों ने पौधे बहुत लगाए और उनको बच्चों की तरह सहेजकर रखा। बिलासपुर के आसपास का इलाका हरियाली से आज लहलहा रहा है। इस मानवीय संवेदना के विषय पर काव्य गोष्ठी आयोजित करने हेतु और मुझे मुख्य अथिति का सुअवसर देने के लिए संस्था के अध्यक्ष डॉ. जाजोदिया और उनकी अनुशासित टीम का मैं बहुत आभारी हूं।
मां सरस्वती की स्थापना, दीप प्रज्वलन कर डॉ. स्वाति सिंह ने सरस्वती वंदना के जरिए काव्य गोष्ठी शुभारंभ किया और अतिथि परिचय अपने अनूठे अंदाज में दिया। सम्मान पत्र का वाचन रोटेरियन अशोक द्विवेदी ने किया। स्वागत गीत शोभारानी तिवारी ने गाया और मंच संचालन भी किया। काव्य पाठ रानी नारंग, नीति अग्निहोत्री, शोभाजी, संतोष तोषनीवाल, शेष नारायण चौहान बैंगलोर, राजकुमार हांडा, स्नेह नीमा, डॉ. अशोक गर्ग, प्रो. शुभ कुमार मधुबनी, डॉ. राज गोस्वामी, डॉ. अरविंद श्रीवास्तव, मनीराम शर्मा, पूर्णचंद्र शर्मा सभी दतिया, जयप्रकाश अग्रवाल काठमांडू नेपाल. डॉ. जवाहर गर्ग, डॉ. मनोहर गोरे, शिशिर देसाई, हुकुमचंद कटारिया सनावद से रोटेरियन मंजू पोद्दार कलकता, मीनाकुमारी परिहार बिहार, दिनेंद्र दास कबीर आश्रम, निर्मल सिंघल, डॉ. राजेंद्र खरे, डॉ. बनवारी लाल जाजोदिया इंदौर, शिरोमणि माथुर दल्ली राजहरा, डॉ. रामस्वरूप साहू मुंबई, प्रो. डॉ. अजीत कुमार जैन और डॉ,विजयलक्ष्मी अनु आगरा, चंद्रकला जैन चंडीगढ़, हंसा मेहता इंदौर, डॉ. नवीन नाहर देवास, डॉ. अशोक आकाश बालोद, अनिल वर्मा अलीगढ़, डॉ. सुनील दत्त मिश्रा बिलासपुर, डॉ. बिनोद हसौडा दरभंगा, रोटेरियन महेंद्र शर्माइंदौर, डॉ. ललित सिंह ठाकुर छत्तीसगढ़ ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ. राजेंद्र खरे ने किया। राष्ट्रगान से काव्यगोष्ठी का समापन हुआ।