बस्तर गोंचा में नेत्रोत्सव पूजा विधान का हुआ आयोजन

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को पदेन पाढ़ी-पाणीग्रही ने संपन्न करवाया भव्य पूजा विधान

जगदलपुर बस्तर गोंचा पर्व में तय कार्यक्रम के अनुसार 5 से 18 जून तक जगन्नाथ स्वामी के अनसर काल अवधि के बाद 19 जून को भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा एवं बलभद्र स्वामी के विग्रहों को श्रीमंदिर के गर्भगृह के सामने भक्तों के दर्शनार्थ स्थापित किया गया। 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के पदेन पाढ़ी-पाणीग्रही द्वारा परंपरानुसार नेत्रोत्सव पूजा विधान संपन्न करवाया गया। पदेन पाणीग्रही रधाकांत पाणीग्रही ने बताया कि नेत्रोत्सव पूजा विधान की परंपरा का निर्वहन शताब्दियों से हमारे परिवार द्वारा किया जा रहा है। नेत्रोत्सव पूजा की परंपरा अनुसार भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा एवं बलभद्र के विग्रहों की साज-श्रृंगार के साथ विधि-विधान से पूजन-हवन के साथ संपन्न किया जाता है। अनसर काल अवधि के बाद भगवान को आज विशेष भोग का अर्पण किया गया। इसका अंश श्रृद्धालुओं में वितरित किया गया। 15 दिनों के बाद भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा एवं बलभद्र स्वामी के दर्शन एवं भोग प्रसाद का विशेष महत्व होता है।

आज निकलेगी रथयात्रा

20 जून को भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा एवं बलभद्र स्वामी के 22 विग्रहों को रथारूढ़ कर रथयात्रा होगी।