आदिवासी हितैषी होने का ढोंग ढकोसला न करे भाजपा : जावेद

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  • जिस परिवार ने किसी आदिवासी नेता को आगे बढ़ने नहीं दिया वह कर रहा आदिवासी हित की बात : खान

जगदलपुर युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जावेद खान ने परिवारवाद को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि भाजपा परिवारवाद को लेकर अन्य दलों पर तंज कसती रहती है, परंतु वह कभी अपने गिरेबान में झांक कर नहीं देखती कि उसकी छलनी में कितने छेद हैं। भाजपा के नेताओं को असल परिवारवाद देखना हो, तो उन्हें बस्तर आकर देखना चाहिए कि किस तरह सालों से एक ही परिवार बस्तर भाजपा की राजनीति का धुरी बना बैठा है। यह परिवार न खुद आगे बढ़ पा रहा है और न ही बस्तर के अन्य आदिवासी भाजपा नेताओं को आगे बढ़ने देता है।अभा युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता, एआईसीसी के बस्तर लोकसभा क्षेत्र एलडीएम कोआर्डिनेटर जावेद खान ने भाजपा नेता केदार कश्यप के बयान पर पलटवार करते हुए यह तीखी प्रतिक्रिया दी है। जावेद ने केदार कश्यप के बयान पर कहा है कि कांग्रेस में चल रहे आंतरिक संगठनात्मक क्रियाकलापों पर राजनीति करने वाले वह होते कौन हैं ? कांग्रेस की राजनीति को आदिवासी हितों से जोड़कर वह अपनी जातिवादी मानसिकता को उजागर कर रहे हैं। यदि उन्हें आदिवासियों की इतनी ही फिक्र है, तो जब विश्व आदिवासी दिवस के दिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे विष्णुदेव साय को हटाकर भाजपा ने अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था तब उन्होंने चुप्पी क्यों साध रखी थी? क्या यह आदिवासियों का अपमान नहीं था, जो विश्व आदिवासी दिवस के दिन ही विष्णुदेव साय को हटाकर भाजपा ने अपनी आदिवासी विरोधी विचारधारा को जगजाहिर किया था। जावेद खान ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी एक लोकतांत्रिक संगठन है, जहां हर एक को अपनी बात लोकतांत्रिक तरीके से रखने की पूर्ण स्वतंत्रता है। कांग्रेस पार्टी के सारे कार्य कांग्रेस वर्किंग कमेटी के अधीन ही होते हैं। भाजपा में जिस प्रकार से बाहरी शक्तियों का दबाव संगठन में होता है, वैसी कोई शक्ति कांग्रेस के लिए काम नहीं करती। इस बात भी केदार कश्यप को समझनी चाहिए। जावेद ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेता परिवारवाद पर डींगे हांकते हैं। आज सबसे ज्यादा परिवारवाद की राजनीति से भाजपा ही ग्रसित है। यदि भाजपा को परिवारवाद का जीता जागता उदाहरण देखना हो और किस तरह से एक परिवार पिछले कई वर्षों से अन्य आदिवासियों नेताओं का शोषण कर उन पर आधिपत्य जमाए बैठा है यह देखना है तो भाजपा के शीर्ष नेताओं को बस्तर आकर देखना चाहिए कि किस तरह एक परिवार राजनीति में खुद तो आगे बढ़ नहीं पा रहा है और दूसरों को भी आगे बढ़ने नहीं दे रहा है। आज बस्तर में भाजपा मुद्दाविहीन हो चुकी है और पड़ोसी के घर में ताक झांक कर समय व्यतीत करने को मजबूर है। खान ने कहा है कि कांग्रेस ने सदैव आदिवासियों के हित में कार्य किया, बस्तर के आदिवासियों को आगे बढ़ाया उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी। इसका उदाहरण हैं सांसद दीपक बैज जो आज आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, राज्यसभा से सांसद और छत्तीसगढ़ महिला कांग्रेस की अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम हैं, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम हैं। बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा को भी आगे बढ़ाने का कार्य कांग्रेस पार्टी ने किया था। असल में बस्तर के कांग्रेसी आदिवासी नेताओं की बढ़ती लोकप्रियता को पचा पाने में असमर्थ भाजपा नेता केदार कश्यप इस तरह की बयानबाजी करते हैं।