बाजार में शेड निर्माण के नाम पर सजाया भ्रष्टाचार का बाजार

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  • डीएमएफटी मद से मिले 37 लाख रुपए की हुई जमकर बंदरबांट
  • ग्रामीणों को रोजगार देने के बजाय सरपंच ने ठेकेदार से कराया काम

बकावंड ब्लॉक मुख्यालय बकावंड में अधिकारियों की आंखों के सामने भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला गया और अधिकारी मुंह मोड़े बैठे रहे। बाजार में शेड निर्माण के नाम पर भ्रष्टाचार का बाजार सजाते हुए जिला खनिज निधि न्यास (डीएमएफटी) से प्राप्त रकम की बंदरबांट कर ली गई। बकावंड ब्लॉक मुख्यालय के बाजार में शेड निर्माण के लिए जिला खनिज निधि न्यास से दो बार में कुल 37 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं।निर्माण गुणवत्ता का जरा भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। यह काम ग्राम पंचायत बकावंड के माध्यम से कराया जा रहा है। सरपंच और पंचायत सचिव ने स्थानीय मजदूरों और राजमिस्त्रियों को सीधे काम न देकर पूरा निर्माण कार्य कराने की जिम्मेदारी एक ठेकेदार को दे रखी है। ठेकेदार ने भी यहां के मजदूरों को काम पर नहीं रखा। वहीं जो मजदूर लगाए गए, उन्हें भी बहुत ही कम मजदूरी दी गई है। ग्रामीणों का कहना है कि घटिया सामग्री का उपयोग किए जाने से शेड ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएगा। उसके चंद दिनों में ही क्षतिग्रस्त होकर ढह जाने की संभावना है। ऐसे में बड़ी गंभीर घटना भी हो सकती है।ग्रामीणों ने कहा है कि बकावंड के सरपंच और सचिव ने कमीशन खाने के फेर में ठेकेदार के माध्यम से घटिया शेड निर्माण कराया है। अनेक ग्रामीणों और ग्राम पंचायत के माध्यम से सन 2020 से लेकर अब तक कराए गए सारे कार्यों की जांच कराई जाने पर करोड़ों रुपयों की गड़बड़ी सामने आएगी। 15वें वित्त, मूलभूत मद, बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण मद समेत अन्य मदों से विभिन्न कार्यों के लिए स्वीकृत राशि में भारी गड़बड़ियां हुई हैं। विभागीय जिम्मेदार अधिकारी से शिकायत करने पर वे जांच के लिए डगमगा रहे हैं।जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कहने को तो एसडीओ को निर्माण की जांच के लिए निर्देशित कर दिया है, मगर एसडीओ साहब कहते हैं कि बड़े बड़े कार्यों में छोटी मोटी गलतियां तो होती रहती हैं। इन पर ध्यान नहीं देना चाहिए। इससे साफ जाहिर होता है कि भ्रष्टाचार के इस खेल में नीचे से ऊपर तक सब मिले हुए हैं।*वर्सन**

दे दिया है जांच का आदेश

जनपद पंचायत के सीईओ एसएस मंडावी का कहना है कि मैं आपको दो-तीन दिन में बता दूंगा कि जांच में क्या खामियां मिली हैं। मैंने एसडीओ ठाकुर को जांच के लिए कह दिया है। ठाकुर ने जांच रिपोर्ट अभी तक मेरे पास नहीं भेजी है।