कई माह पहले से तय हो गया था बैज का पीसीसी अध्यक्ष बनना

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  • प्रियंका गांधी के जगदलपुर प्रवास से ठीक पहले दिल्ली में भूपेश बघेल और दीपक बैज के बीच हुई थी अहम बैठक
  • विधानसभा में सरकार को घेरने के चक्कर में निपट गए मोहन मरकाम
  • अर्जुन झा

जगदलपुर बस्तर के युवा सांसद दीपक बैज को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की रणनीति कई माह पहले ही तैयार कर ली गई थी। निवर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरने के फेर में निपट गए हैं। विधानसभा में डीएमएफटी की रकम की बंदरबांट का आरोप लगाना मरकाम को भारी पड़ गया। उसी दिन से मोहन मरकाम को अध्यक्ष पद से बेदखल किए जाने और बस्तर के युवा आदिवासी सांसद दीपक बैज को संगठन की बागडोर सौंपे जाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी। वैसे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का यह फैसला पार्टी को छत्तीसगढ़ में नया आयाम देने वाला साबित होगा।

सांसद दीपक बैज एक ऊर्जावान और हमेशा सक्रिय रहने वाले जनप्रतिनिधि हैं। संसद के सत्रों के दौरान बैज सदैव मुखर रहकर छत्तीसगढ़ और बस्तर के हित में आवाज उठाते रहते हैं। इसके साथ ही वे संसदीय क्षेत्र का दौरा कर नागरिकों से भी सतत संपर्क बनाए रखते हैं। उनकी लोकप्रियता समाज के सभी वर्गों के बीच बराबर है। मिलनसार, सहज और निर्मल स्वभाव वाले दीपक बैज पार्टी संगठन के कार्यों, सभा, सम्मेलनों और केंद्र सरकार के खिलाफ किए जाने वाले धरना, प्रदर्शनों में बराबर भागीदारी देते आए हैं। नई दिल्ली में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों द्वारा आयोजित आंदोलनों में दीपक बैज बढ़ चढ़कर भाग लेते रहे हैं। राष्ट्रव्यापी आंदोलनों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दूत बनकर छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते अक्सर देखे गए हैं। अभा कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा के सानिध्य में जगदलपुर में आयोजित भरोसे का सम्मेलन को ऐतिहासिक और उम्मीद से भी ज्यादा कामयाब बनाने में सांसद दीपक बैज ने अपने सहयोगी और अपनी ही तरह हमेशा सक्रिय रहने वाले जगदलपुर के विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई थी। इस सम्मेलन की अपार सफलता से प्रियंका गांधी भी बेहद प्रभावित नजर आईं थीं। इस आयोजन के कुछ ही दिन पहले प्रियंका गांधी के प्रवास को लेकर जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नई दिल्ली गए थे, तब वहां भूपेश बघेल और दीपक बैज के बीच लगभग बीस मिनट तक गुप्त मंत्रणा हुई थी। तभी से कयास लगाया जा रहा tha कि श्री बैज को संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है। इस कयास के पीछे मुख्य कारण पीसीसी अध्यक्ष रहते कोंडागांव के विधायक की हैसियत से मोहन मरकाम द्वारा विधानसभा में डीएमएफटी की रकम में गड़बड़ी का मामला उठाकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़े कर देना ही रहा है।

आदिवासी समाज को साध लिया कांग्रेस ने

निवर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम और नव मनोनीत अध्यक्ष दीपक बैज दोनों ही आदिवासी समुदाय से हैं, लेकिन अपनी बिरादरी के बीच सक्रियता और लोकप्रियता के मामले में दीपक बैज बीस ही साबित होते हैं। दीपक बैज आदिवासी कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। मध्यप्रदेश के सीधी जिले में एक आदिवासी युवक पर भाजपा के एक कार्यकर्त्ता द्वारा पेशाब किए जाने के मामले पर छत्तीसगढ़ में सबसे पहले दीपक बैज ने ही मोर्चा खोला था। उन्होंने आदिवासी कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय बैठक में पेशाब कांड को पुरजोर ढंग से इसकी मुखालफत करने का सुझाव रखा था, जिसे तुरंत स्वीकार करते हुए देशभर में धारना प्रदर्शन की रणनीति बनाई गई। यही नहीं आदिवासी समुदाय को एकजुट करने तथा समुदाय के संस्कारों, संस्कृति, पूजा पद्धति, परंपराओं के संरक्षण – संवर्धन की योजनाएं बनाने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को श्री बैज सलाह देते रहे हैं। योजनाएं लागू हुईं और इनके परिणाम स्वरूप आदिवासी समुदाय में कांग्रेस के प्रति विश्वास और भी बढ़ गया है। इस तरह दीपक बैज को पीसीसी अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने संपूर्ण आदिवासी बिरादरी को साध लिया है।

सभी विधायकों से है बेहतरीन तालमेल

सांसद दीपक बैज का बस्तर के सभी विधायकों के साथ बेहतरीन तालमेल है। वे सभी विधायकों को साथ लेकर संभाग के विकास में लगातार लगे रहते हैं। बस्तर संभाग के सभी विधायकों से उनकी अच्छी तालमेल तो है ही, एकमात्र अनारक्षित सीट जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन के साथ भी उनकी बेहतरीन जुगलबंदी हमेशा देखने को मिलती है। कोंटा सुकमा के विधायक एवं केबिनेट मंत्री कवासी लखमा, बस्तर के विधायक एवं आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, चित्रकोट के विधायक राजमन बेंजाम, भानुप्रतापपुर की विधायक सावित्री मंडावी, नारायणपुर के विधायक एवं छ्ग हस्तशिल्प विकास बोर्ड अध्यक्ष चंदन कश्यप, बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी, दंतेवाड़ा की विधायक देववती कर्मा, अंतागढ़ के विधायक अनूप नाग, कांकेर के विधायक एवं संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, केशकाल के विधायक संतराम नेताम के साथ उनके संबंध बड़े ही अच्छे हैं। यही नहीं कोंडागांव के विधायक एवं निवर्तमान अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ भी दीपक बैज के अच्छे ताल्लुकात हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के सभी आदिवासी विधायकों के बीच भी दीपक बैज खासे लोकप्रिय हैं।

छात्र राजनीति से शुरू हुआ सियासी सफर

दीपक बैज का सियासी सफर छात्र राजनीति से शुरू हुआ और अपनी मेहनततथा कर्मनिष्ठा की बदौलत आज वे इस मुकाम तक जा पहुंचे हैं। दीपक बैज सामान्य एवं मध्यम आय वर्गीय आदिवासी परिवार से आते हैं। उन्होंने हाई एवं हायर सेकंडरी से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई छात्रावास में अपनी ही तरह के आदिवासी विद्यार्थियों के संग रहकर पूरी की है। वे पढ़ाई के दौरान छात्रावासी छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे तथा आदिवासी विद्यार्थियों की भलाई और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे। नेतृत्व क्षमता उनमें छात्र जीवन से ही रही है। लिहाजा कांग्रेस ने उन्हें हाथों हाथ ले लिया। उन्हें कांग्रेस टिकट देकर चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया। इस चुनाव में दीपक बैज ने बड़ी जीत हासिल की। विधायक की पारी सफलता पूर्वक खेलने के बाद कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में उतार दिया। 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने बैज को बस्तर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया। मोदी लहर के बावजूद इस चुनाव में भी दीपक बैज ने बस्तर में कांग्रेस का झंडा गाड़ते हुए भारी अंतर से जीत दर्ज कराई। इसके बाद तो ‘दीपक’ के प्रकाश से समूचा बस्तर आलोकित होने लगा। जिले में कांग्रेस का डंका बजने लगा और सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हो गया।

गृहग्राम उसरीबेड़ा में जश्न का माहौल

नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का गृहग्राम बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक में स्थित गांव उसरीबेड़ा है। देर शाम जैसे ही बैज को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की खबर आई, जगदलपुर और उसरीबेड़ा ने जश्न का माहौल बन गया। उसरीबेड़ा के युवाओं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर आतिशबाजी की और खुशियां मनाईं। गांव में जश्न का माहौल देर रात तक चलता रहा। वहां निवासरत दीपक बैज के परिजनों को बधाई देने लोगों की भीड़ उमड़ती रही। वहीं जगदलपुर स्थित कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में भी नेताओं और कार्यकर्त्ताओं का मजमा लग गया। कार्यकर्त्ताओं ने आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया। जगदलपुर स्थित बैज के निवास में महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाओं ने दीपक बैज की धर्मपत्नी पूनम बैज का मुंह मीठा कराकर उन्हें बधाई दी।