- बनियागांव समिति में किए गए फर्जीवाड़े पर विधायक चंदन कश्यप लाएंगे ध्यानाकर्षण सूचना
जगदलपुर बनियागांव वनोपज समिति में साल बीज खरीदी के नाम पर किए गए लाखों रु. के फर्जीवाड़े की गूंज विधानसभा में सुनाई देगी। नारायणपुर के विधायक विधानसभा के मानसून सत्र में इस मुद्दे कोउठाने वाले हैं। कश्यप इस बड़े घपले में समिति के प्रबंधक मात्र को बलि का बकरा बनाकर बड़े अधिकारियों को बचाने की कोशिश की गई है। विधायक श्री कश्यप मामले में लिप्त हर स्तर के अधिकारी – कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग सदन में वन मंत्री से करेंगे। वनोपज खरीदी की आड़ में लाखों रूपयों की घपलेबाजी के इस मामले में दो जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने के लिए वन विभाग में बड़ा खेल हुआ है। बनियागांव वनोपज समिति के प्रबंधक भर को इस मामले में कसूरवार ठहराते हुए उसे बर्खास्त कर दिया गया है। जिन अधिकारियों ने इस बड़ी गड़बड़ी को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई है, उन पर आंच तक नहीं आने दी गई।जगदलपुर वन वृत्त के भानपुरी रेंज अंतर्गत बनियागांव वनोपज समिति में वर्ष 2021 के दौरान साल बीज की खरीदी ही नहीं की गई और विभागीय दस्तावेजों में फर्जी खरीदी दर्शाकर 50 लाख रु. की अफरा तफरी कर दी गई। इस रकम की बंदरबांट पोषक अधिकारी, जिला वनोपज सहकारी यूनियन के प्रबंध संचालक तथा अन्य अधिकारियों ने कर ली। जब मामला उजागर हो गया तब अधिकारियों ने रिकवरी से बचने और अपनी खाल बचाने के लिए एक व्यापारी द्वारा कोल्ड स्टोरेज में 2021 में रखवाए गए साल बीज को वर्ष 2022 – 23 में समिति के माध्यम से क्रय कर भंडारित किया जाना दर्शा दिया। इसी लाट से साल बीज की कुछ मात्रा को बेचकर उसके एवज में प्राप्त रकम को प्रबंधक से वसूली गई रकम बताते हुए राज्य स्तर के अफसरों को जानकारी भेजी गई है। इस मामले में कोल्ड स्टोरेज के प्रबंधक की भी भूमिका संदिग्ध है, जिसने वन अधिकारियों के दबाव अथवा प्रलोभन में आकर झूठी रिपोर्ट दी है।बनियागांव वनोपज समिति के प्रबंधक के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई 4 माह पहले ही की जा चुकी है, लेकिन इस घालमेल में बराबर की भूमिका निभाने वाले दो पोषक अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बनियागांव समिति द्वारा काजू एवं सालबीज खरीदी में अनियमितता का मामला मुख्यमंत्री तक भी पहुंच चुका है। विभाग के बड़े अधिकारी बस्तर जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित के प्रबंध संचालक और दो पोषक अधिकारियों को बचाने में जुटे हैं। चर्चा है कि प्रबंध संचालक के इशारे पर ही इस घपले को अंजाम अधिकारियों ने मिलकर दिया है और ठीकरा वनोपज समिति प्रबंधक पर फोड़ा है। मामले की निष्पक्ष और बारीकी से जांच कराई जाएगी, तो समिति प्रबंधक, दो पोषक अधिकारी, वन मंडलाधिकारी, कोल्ड स्टोरेज मैनेजर और कुछ अन्य अधिकारियों की भी संलिप्तता उजागर हो जाएगी। बनियागांव वनोपज समिति के बर्खास्त प्रबंधक ने मुख्यमंत्री की जन चौपाल में मामले की शिकायत दर्ज कराई है। उसका कहना है कि जांच के नाम पर महज खानापूर्ति कर एकपक्षीय कार्रवाई की गई है और जो अधिकारी मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं, उन्हें बचाया जा रहा है। अब विधायक चंदन कश्यप द्वारा विधानसभा में इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद बड़े अधिकारियों पर भी गाज गिरने की संभावना है।