- माहरा समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने का बिल लोकसभा में पारित
जगदलपुर प्रदेश में निवासरत माहरा समुदाय के लाखों लोगों की वर्षों पुरानी आस और बस्तर सांसद दीपक बैज की मेहनत आज फलीभूत हो गई। इस जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा देने संबंधी विधेयक मंगलवार 1 अगस्त को अंततः लोकसभा में पारित हो गया। सांसद दीपक बैज ने फोन से इस संवाददाता को यह जानकारी दी।आज लोकसभा में बस्तर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में निवासरत माहरा जाति को बड़ी राहत सांसद दीपक बैज की पहल पर मिल गई है। इस जाति को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने हेतु लोकसभा में विधेयक पास हो गया। विधेयक अब राजयसभा में जाएगा, जहां से पारित होने के बाद अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र में होगा। इसके बाद माहरा जाति को अनुसूचित जाति की मान्यता कानूनी रूप से मिल जाएगी। सांसद बैज ने इस बड़ी सफलता के लिए माहरा समाज के लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। उल्लेखनीय है कि बस्तर संभाग में माहरा समुदाय के लाखों सदस्य हैं। ये लोग वर्षों से अपनी जाति को अनुसूचित जाति अथवा जनजाति में शामिल करने की मांग करते आ रहे थे। इस मसले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी विशेष पहल करते हुए विधानसभा में प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र सरकार के पास भेजा था। इसके साथ ही सांसद दीपक बैज ने अपने साथ माहरा समाज के संभागीय अध्यक्ष सामू कश्यप, महासचिव बुधराम कश्यप, संरक्षक श्रीराम नाग, कर्मचारी अधिकारी प्रकोष्ठ के संभागीय अध्यक्ष रविंद्र नागवंशी आदि को नई दिल्ली ले जाकर सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री, अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष व अधिकारियों, संसदीय कार्य मंत्री से उनकी मुलाकात कराई थी। इस तरह संबंधित फाइल को एक मंत्रालय से दूसरे मंत्रालय में आगे बढ़वाते हुए बैज ने इसे बिल के रूप में पास कराने में कामयाबी हासिल कर ही ली। इस आशय की खबर मिलते ही बस्तर संभाग में रह रहे माहरा समुदाय के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। समुदाय के लोगों ने आतिशबाजी कर और एक दूसरे का मुंह मीठा कराकर खुशी मनाई।
रंग लाई मुख्यमंत्री बघेल व सांसद बैज की पहल
इस बड़ी उपलब्धि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सांसद दीपक बैज के जिला प्रतिनिधि सुशील मौर्य ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में निवासरत माहरा जाति के लोगों को इंसाफ दिलाने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और बस्तर के सांसद दीपक बैज ने कोई कसर बाकी नहीं रखी थी। अंततः इन दोनों नेताओं की मेहनत रंग ले ही आई। उन्होंने इस जाति को अनुसूचित जाति जनजाति की सूची में शामिल कराकर उसे आरक्षण और दूसरी सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई है। सुशील मौर्य ने कहा है कि बस्तर संभाग में माहरा, जाति के लोग हजारों की तादाद में निवासरत हैं। इस जाति के लोग आर्थिक, शैक्षणिक और राजनैतिक रूप से बहुत ज्यादा पिछड़े हुए हैं। वे माहरा जाति को अनुसूचित जाति जनजाति का दर्जा देने की मांग वर्षों से कर रहे हैं। बस्तर के सांसद दीपक बैज इसके लिए लंबे समय से ठोस पहल करते आ रहे हैं। बैज के साथ माहरा जाति के बड़े प्रतिनिधि कई बार केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रियों और विभागों के उच्च अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं। बैज की पहल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मुद्दे पर विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर बहुत पहले ही केंद्र सरकार के पास भेज चुके थे। सांसद बैज के नेतृत्व में दिल्ली गए माहरा समाज के प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार से मुलाकात कर उनसे लगभग बीस मिनट तक चर्चा की थी। श्री बैज ने मंत्री को समाज के साथ होती आई नाइंसाफी से अवगत कराते हुए माहरा समुदाय को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी हेतु केबिनेट में पेश करने का आग्रह किया था। मंत्री सिंह ने इसे गंभीरता से लिया था।सुशील मौर्य ने कहा है कि सांसद बैज इस मुद्दे को लोकसभा में भी मुखरता के साथ उठा चुके हैं। बैज की सतत सक्रियता के कारण ही अब माहरा जाति को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त हो सका है। सुशील मौर्य ने कहा है कि अब माहरा जाति के लोगों को भी सरकारी नौकरियों और राजनीति में आरक्षण तथा अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। सांसद प्रतिनिधि सुशील मौर्य ने बताया कि सांसद बैज के प्रयासों से अब तक छत्तीसगढ़ की बारह जातियों को अनुसूचित जाति जनजाति का दर्जा मिल चुका है। इसके लिए मौर्य ने इस समुदाय के लोगों को बधाई देते हुए समाज को इंसाफ दिलाने के लिए सांसद बैज के प्रति आभार व्यक्त किया है।सांसद प्रतिनिधि सुशील मौर्य ने कहा है कि सांसद दीपक बैज शुरू से बस्तर के हक के लिए लड़ते आ रहे हैं। संसद के सत्रों के दौरान लोकसभा में बैज की सक्रियता हमेशा परिलक्षित होती है। वे जगदलपुर रेलवे स्टेशन में सुविधाओं के विस्तार, वाशिंग लाइन का मुद्दा उठा चुके हैं और इसमें उन्हें बड़ी कामयाबी भी मिली है।