बोर न करने पर 30 हज़ार की क्षतिपूर्ति और 10 हज़ार का जुर्माना

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  • क्षतिपूर्ति देगा और जुर्माना भरेगा बोरवेल संचालक
  • जिला उपभोक्ता आयोग जगदलपुर का आदेश

जगदलपुर जिला उपभोक्ता आयोग जगदलपुर द्वारा 3 अगस्त को एक प्रकरण में आवेदक द्वारा प्रदान की गई राशि 30 हजार वापस करने, उस पर 7 प्रतिशत ब्याज देने और 10हज़ार का जुर्माना अदा करने तथा वाद व्यय के 3000 अदा करने का आदेश पारित किया। प्रकरण के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि जगदलपुर निवासी चंद्रशेखर ठाकुर ने अपने रविंद्र नाथ टैगोर वार्ड स्थित रिहायशी मकान में बोर करवाने हेतु अरुण बोरवेल्स के संचालक से संपर्क कर बोरवेल उत्खनन को कहा था। जिस पर उसके द्वारा नगर पालिका से परमिशन के नाम परb3000 की राशि एवं बोरवेल खनन हेतु 30 हजार की राशि प्राप्त की गई थी। बोरवेल संचालक के आश्वासन पर चंद्रशेखर ठाकुर ने अपना पुराना रिहायशी मकान भी तुड़वा दिया था, लेकिन बोरवेल संचालक द्वारा उक्त स्थान पर बोर खनन नहीं किया गया। इससे क्षुब्ध होकर आवेदक द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने यह माना है कि अरुण बोरवेल्स के संचालक द्वारा आवेदक के मकान में अग्रिम राशि प्राप्त करने के पश्चात भी बोर नहीं किया गया, जो कि सेवा में कमी एवं व्यवसायिक कदाचरण की श्रेणी में आता है। आयोग द्वारा बोरवेल संचालक को जुर्माने से दंडित किया गया है। जिला उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष सुजाता जसवाल, सदस्य आलोक कुमार दुबे और सीमा गोलछा की संयुक्त खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया है।