झीरम के चश्मदीद मलकीत सिंह से मिलकर यादों में खो गईं प्रियंका

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(अर्जुन झा)

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रवास पर आईं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को महिला समृद्धि सम्मेलन के बाद विदाई के समय प्रदेश कांग्रेस महासचिव ( संगठन व प्रशासन) मलकीत सिंह गैदू का परिचित कराते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद दीपक बैज ने बताया कि वे 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हुए झीरम हमले के चश्मदीद हैं तो प्रियंका की आंखों में संवेदना भर आई। उनके स्मृतिपटल में वह दृश्य कौंध गया जब भाजपा को सत्ता से उखाड़ने के लिए तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के नेतृत्व में चल रही परिवर्तन यात्रा पर बस्तर के दरभा इलाके में झीरम घाटी में ऐसा हमला हुआ था कि कांग्रेस नेताओं की पूरी एक पीढ़ी शहीद हो गई। प्रियंका को वह मंजर याद आ गया, जब कांग्रेस ने आजाद भारत में लोकतंत्र के लिए इतनी बड़ी कुर्बानी दी। झीरम कांग्रेस के लिए वह अध्याय है, जिसे वह एक क्षण भी विस्मृत नहीं कर सकती। उस शहादत की गाथा के प्रत्यक्षदर्शी मलकीत सिंह गैदू से मुलाकात होने पर प्रियंका की आंखें नम होना स्वाभाविक ही था। उन्होंने गैदू से उस बर्बर कांड पर करीब बीस से पच्चीस मिनट तक बात की। शहीदों का स्मरण किया। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के संघर्ष की दास्तान, कांग्रेस नेताओं के अदम्य साहस की आँखोंदेखी से प्रियंका संवेदनशील हो गईं। गौरतलब है कि कांग्रेस के महासचिव (संगठन व प्रशासन) मलकीत सिंह गैदू कांग्रेस के संघर्ष काल के बहादुर सिपाही हैं। उन्होंने भी झीरम में कांग्रेस के लिए जान की बाजी लगाई थी। वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस के लिए समर्पित रहे और आज प्रदेश कांग्रेस के कमांडर सांसद दीपक बैज की परछाई बनकर कांग्रेस संगठन की सेवा में तत्पर हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस के लिए कर्म करते रहना उनका धर्म है। प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के संगठन नेतृत्व में पुनः कांग्रेस की ऐतिहासिक बहुमत से सरकार बनाने के लिए काम कर रहे हैं और संगठन ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसका निर्वहन कर रहे हैं। संघर्ष ही जीवन है और कांग्रेस का हर एक सिपाही संघर्षशील है।