जर्जर पंचायत भवन में कैसे रखें विकास की बुनियाद

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  • बगैर कॉलम और मजबूत नींव के बने वर्षो पुराने भवन की हालत हो गई है खस्ता
  • पंचायत के कामकाज और बैठकें बाहर निपटाने की मजबूरी

अर्जुन झा

बकावंड बगैर कॉलम और बिना मजबूत नींव के बनाए गए वर्षों पुराने ग्राम पंचायत भवन की हालत काफी जर्जर हो चली है। पंचायत का कामकाज और ग्रामसभा बैठक का आयोजन बाहर खुले आसमान तले करना पड़ रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि गांव का विकास और ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण किस हद तक हो पाता होगा ? यह राम कहानी ग्राम पंचायत मोहलई की है। ग्रामीण और पंचायत प्रतिनिधि शिकायत करते – करते थक चुके हैं, मगर जिम्मेदार अधिकारी कोई ध्यान ही नहीं दे रहे हैं।

बकावंड ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत मोहलई का पंचायत भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। यह भवन दशकों पहले बना था। निर्माण के समय न कॉलम खड़ा किया गया, न ही नींव को मजबूत बनाया गया। प्लास्टर और छत ढलाई में भी जमकर लापरवाही बरती गई थी। नतीजतन भवन खंडहर में तब्दील होता जा रहा है और हिलने भी लगा है। पंचायत भवन की छत और दीवारों का प्लास्टर उधड़ रहा है। छत की छड़ें बाहर निकल आई हैं। दरकी हुई छत से बरसात का पानी टपकता है और दीवारों में सीलन भी आ जाती है। बारिश के मौसम में इस भवन के अंदर पल भर भी बैठा नहीं जा सकता। जब बरसात हो रही होती है, तब ग्राम पंचायत व ग्रामसभा की बैठक किसी अन्य जगह पर आयोजित करनी पड़ती है। सूखे मौसम में भी पंचायत भवन के अंदर बैठकर ग्राम पंचायत का कामकाज निपटाना आसान काम नहीं होता। खतरे का साया हर पल मंडराते रहता है। भवन कब धाराशयी हो जाए, कहा नहीं जा सकता। इस डर के कारण ग्राम पंचायत के सरपंच, पंच और कर्मचारी वहां घुसने का साहस नहीं जुटा पाते। भयभीत पंच सरपंच और कर्मचारी ग्रामीणों के घरों के आंगन में बैठकर सारा काम निपटाते हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंचायत के नुमाइंदे ग्राम विकास को किस तरह और किस हद तक अंजाम दे पाते होंगे ?

विधायक को दे चुके हैं कई आवेदन

पंचायत भवन की मरम्मत और नव निर्माण पर क्षेत्र के चुने हुए जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारी जरा भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। क्षेत्रीय विधायक लखेश्वर बघेल को कई बार पंचायत भवन निर्माण के लिए आवेदन दिया जा चुका है।बावजूद वे ग्रामीणों की मांग को नजरअंदाज करते आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि विधायक श्री बघेल पर विश्वास करके हमने उन्हें अपना विधायक चुना है, लेकिन हमारी एक भी मांग को वे पूरा नहीं कर पाए हैं। ग्रामीण श्री बघेल से खासे नाराज हैं।

जनपद सीईओ नहीं दे रहे हैं ध्यान

मजबूरी में ग्रामसभा बैठक व पंचायत की मीटिंग पंचायत भवन के बाहर की जा रही है। अभी बरसात के दिनों में बाहर बैठक करने में ग्रामीणों और सरपंच पंचों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। सरपंच बीरनाथ ने जनपद पंचायत बकावंड के सीईओ को कई बार आवेदन भवन की दशा से अवगत करा चुके हैं, लेकिन ग्राम पंचायत भवन के लिए कुछ भी आज तक नहीं हुआ है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग (आरईएस) के अधिकारियों से भी इस बाबत फरियाद की जा चुकी है, मगर वे भी कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। बताया गया है कि नया भवन बनाने के लिए आरईएस की ओर जनपद पंचायत में प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव पर आज तक विचार नहीं किया जा सका है।