अब गोठानों में ही होगा पशुओं का उपचार और गर्भधान

0
52
  •  जगदलपुर और दरभा ब्लॉकों के लिए विधायक जैन ने की मोबाईल यूनिट रवाना

जगदलपुर संभागीय पशु चिकित्सालय जगदलपुर परिसर से पशुधन विकास विभाग के सर्व सुविधायुक्त एंबुलेंस को जगदलपुर एवं दरभा विकासखंडों के लिए छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव एवं जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना के तहत जिले के गोठनों में पशु संबंधित विभिन्न गतिविधियां संचालित है। पशु चिकित्सा विभाग जिला बस्तर के संयुक्त संचालक डॉ. देवेंद्र कुमार नेताम ने इस योजना के संबंध में बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से जिले के प्रत्येक विकासखंड में एक मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई की स्थापना की गई है। हर विकासखंड हेतु एक सर्व सुविधायुक्त उपलब्ध एंबुलेंस वाहन में एक पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, एक सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी एवं एक वाहन परिचालक कम हेल्पर की नियुक्ति की गई है|

मोबाइल वाहन में पशु चिकित्सा संबंधी सभी जरूरी उपकरण, उपचार हेतु औषधि प्रतिबंधात्मक टीका द्रव्य, कृत्रिम गर्भाधान हेतु कंटेनर एवं अन्य उपकरण, रोग अन्वेषण हेतु रक्त पट्टी एवं गोबर की जांच आदि की सुविधा है। हर वाहन में एक बड़ी टीवी स्क्रीन भी लगाई गई है, जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन की विभिन्न विभागीय योजनाओं की जानकारी ग्रामीण पशु पालकों को दिखाई एवं सुनाई जाएगी। यह मोबाइल गाड़ी स्थानीय पशु चिकित्सा संस्थानों में पदस्थ अमले के साथ समन्वय स्थापित करते हुए हर दिन प्रत्येक विकासखंड के दो गोठानों में निर्धारित रोस्टर अनुसार शिविर आयोजित करेगा। शिविर में पशु उपचार, बधियाकरण, संक्रामक बीमारियों के बचाव हेतु टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान कार्य, डीटीकिंग, डिवर्मिंग, विभागीय व्यक्ति मूलक योजनाओं का प्रचार प्रसार कार्य प्रातः 8 बजे से शाम 4 बजे करेगी। प्रत्येक सप्ताह एक दिन रोस्टर के अनुसार अवकाश रहेगा।

जीपीएस ट्रेकिंग की सुविधा भी
हर वाहन में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम भी लगा हुआ है, जिससे राज्य स्तर पर एम्बुलेंस का लोकेशन रियल टाइम भी देखा जा सकेगा। इसके साथ ही राज्य स्तर पर एक कॉल सेंटर भी संचालित होगा, जिसमें तीन वेटरनरी डॉक्टर एवं 10 कॉल एग्जीक्यूटिव तैनात होंगे। यह कॉल सेंटर प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक संचालित होगा। इसका की टोल फ्री नंबर 1962 है। पशु पालक इस नंबर पर कॉल करके पशु चिकित्सा संस्थान से अपनी समस्या का समाधान एवं परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। प्रदेश के समस्त चिकित्सा संस्थानों में पदस्थ वेटरनरी डॉक्टर, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के साथ-साथ सभी प्राइवेट कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता कॉल सेंटर के सॉफ्टवेयर में मैप्ड किया जाएंगे। मोबाइल वेटरनरी यूनिट के उद्घाटन कार्यक्रम में संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं जिला बस्तर डॉ. देवेंद्र कुमार नेताम, संभागीय पशु चिकित्सालय के डॉ. विवेक नायक, डॉ. गीतिका ध्रुव, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी केआर कश्यप, मुकेश तिवारी, सुनील भटनागर, मंजू सारथी एवं संयुक्त संचालक कार्यालय के सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी राकेश कुमार दुबे एवं अन्य फील्ड के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।