भंजदेव और कश्यप को याद कर क्या संदेश दे गए मोदी

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  • सभा में महाराज प्रवीरचंद्र भंजदेव और बलिराम कश्यप का पीएम ने किया स्मरण
  • इन दोनों हस्तियों के प्रति गहरी आस्था है बस्तर के लोगों में

अर्जुन झा

जगदलपुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सभा में बस्तर रियासत के शासक रहे दिवंगत प्रवीरचंद्र भंजदेव और स्व. बलिराम कश्यप का स्मरण कर बस्तर की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। इसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। इसे सियासी नफा नुकसान से भी जोड़कर देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने बस्तरवासियों की नब्ज समझने के बाद ही इन दोनों हस्तियों का जिक्र किया है और ऐसा करके उन्होंने आम बस्तरिहा मतदाताओं को साधने की अच्छी कोशिश की है। श्री मोदी के मंच पर महाराज प्रवीरचंद्र भंजदेव के कुल दीपक कमलचंद्र भंजदेव भी मौजूद थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जगदलपुर से विदा हुए 72 घंटे से भी ज्यादा का वक्त गुजर चुका है, मगर उनके द्वारा कही गई कुछ बातों का जिक्र अभी भी बस्तर में हो रहा है। लोग उनके भाषण में सामने आई बातों का तरह तरह से अर्थ निकाल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 अक्टूबर को जगदलपुर आए थे। उन्होंने यहां नगरनार स्टील प्लांट का लोकार्पण समेत करीब 27 हजार करोड़ रु. के विभिन्न कार्यों का शिलान्यास और लालबाग मैदान पर बड़ी जनसभा को संबोधित किया था। श्री मोदी ने बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी का जयकारा लगाते हुए बस्तरवासियों का अभिवादन जय जोहार कहकर किया था। प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के जिस अंश की चर्चा बस्तर में अब तक हो रही है, वह है – बस्तर के दिवंगत महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव और दिवंगत भाजपा ने बलिराम कश्यप का स्मरण। श्री मोदी ने महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव को बस्तर का सच्चा माटीपुत्र बताते हुए कहा की श्री भंजदेव बस्तर और यहां के आदिवासियों की संस्कृति, परंपराओं के संरक्षण के लिए सदैव संघर्षरत रहे। वे बस्तर की आन बान और शान थे। श्री मोदी ने स्व. बलिराम कश्यप के साथ काम करने के अनुभव साझा करते हुए कहा था कि श्री कश्यप बस्तर के जल जंगल और जमीन तथा आदिवासियों के हितों की सुरक्षा के लिए आजीवन काम करते रहे। बस्तर के विकास में स्व. बलिराम कश्यप का अमूल्य योगदान रहा है। वे बस्तर में संघ और संगठन के संस्थापकों में से एक थे। नरेंद्र मोदी ने एक स्वयं सेवक के रूप में अपने द्वारा बस्तर संभाग में बिताए गए समय का भी जिक्र किया और कहा कि बस्तर से मेरा पुराना नाता रहा है। प्रधानमंत्री की इन बातों ने निश्चित रूप से बस्तर के एक बड़े तबके को प्रभावित किया है। महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव को बस्तर के लोग आज भी देवतुल्य मानते हैं और बस्तर राज परिवार के प्रति गहरी आस्था रखते हैं।  मोदी ने उनका जिक्र कर आम बस्तरिहा के दिल में अपने लिए जगह बनाने की अच्छी कोशिश की है। प्रवीरचंद्र भंजदेव पर मोदी द्वारा कही गई बातों को सुन मंच पर आसीन बस्तर राजवंश के कमलचंद्र भंजदेव भावविव्हल हो उठे थे। उनके चेहरे पर उनकी भावना साफ झलक रही थी। वहीं बलिराम कश्यप के भी योगदान को बस्तरवासी कभी भूल नहीं सकते। मोदी ने श्री कश्यप की तारीफ कर यहां के लोगों का दिल जीत लिया है। आमजन के बीच बलिराम कश्यप की छवि विकास पुरुष के रूप में है। इस तरह  मोदी ने दिवंगत प्रवीरचंद्र भंजदेव और बलिराम कश्यप की चर्चा कर बस्तर के लोगों की नब्ज पर हाथ रख दिया है।यह अलग बात है कि श्री मोदी के ये बोल भाजपा का वोट बैंक बढ़ाने में किस हद तक सहायक होंगे? वैसे बस्तर की राजनीति के जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने यहां के लोगों के दिलों की गहराई में जा बसने का अच्छा उपक्रम किया है और भाजपा को इसका फायदा भी होगा।

महफिल तो ‘युवराज’ ने लूट ली !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में दर्जनभर से अधिक बार प्रवीरचंद्र भंजदेव का जिक्र किया। मंच पर बैठे बस्तर राजवंश के कुल दीपक कमलचंद्र भंजदेव मोदी की बातें सुन बेहद भावुक हो उठे थे। उनके दिल में उठी लहर की झलक उनके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी। इतने बड़े नेता के मुंह से अपने पूर्वज का गुणगान सुनना वास्तव में गर्व की बात है। श्री मोदी ने जब – जब प्रवीरचंद्र भंजदेव और बलिराम कश्यप का जिक्र किया, तब – तब सभा स्थल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता था और कमलचंद्र भंजदेव का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता था। मोदी बस्तर राजमहल में भी गए। वहां उन्होंने बस्तर राज परिवार के सदस्यों के संग कुछ पल बिताए। राजनीति के पंडितों का कहना है कि वास्तव में महफिल तो युवराज कमलचंद्र भंजदेव के नाम पर हो गई। ये सियासी तजुर्बेकार कहते हैं कि जगदलपुर सीट से कमलचंद्र भंजदेव का नाम अब भाजपा प्रत्याशी के रूप में पक्का हो गया है। अब आगे देखना होगा कि राज परिवार के ‘कमल’ भाजपा के कमल को मुरझाने से बचाने में किस हद तक सफल हो पाएंगे।