कांकेर – शहीद महेन्द्र कर्मा विश्व विद्यालय बस्तर से ”हल्बा जनजाति का सामाजिक सांस्कृतिक एवं एैतिहासिक अध्ययन- विशेष रियासत कालीन गैंदसिंह के संदर्भ में 1818 से 1948 तक” विषय में भानुप्रतापपुर की सुधा प्रीतम खापर्डे ने डॉक्टरेट (PhD) उपाधि हासिल की है । इस अद्वितीय यात्रा के दौरान हल्बा जाति की सांस्कृतिक विरासत का अध्ययन, ब्रिटिश और मराठा सैन्य शक्ति का कांकेर और बस्तर रियासत में हसतक्षेप का अध्ययन करना, वीर शहीद गैंद सिंह जी की परलकोट संघर्ष में भूमिका और बस्तर क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान का अध्ययन करना, कांकेर और बस्तर रियासत के मध्यकालीन एवं बीसवी सदी के संघर्षों का अध्ययन करना, बीसवी सदी के पूर्वार्ध में बस्तर की आर्थिक- सांस्कृतिक दशा, बस्तर रियासत में परलकोट जमींदारी एवं जन विप्लव आदि के विषय में शोध किया और प्राप्त ज्ञान को विभिन्न साक्षरता स्तरों और समुदायों में बांटने का समर्थन किया है। वर्तमान में श्रीमती सुधा खापर्डे भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भीरागांव जिला कांकेर में व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं, जो कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी उत्तर बस्तर कांकेर में पदस्थ श्री प्रीतम खापर्डे, सहायक ग्रेड-02 की धर्मपत्नी हैं । उन्होने अपना शोध कार्य शोध निर्देशक स्वर्गीय डॉ. विजय कुमार बघेल, डॉ. चेतन राम पटेल, प्राचार्य शहीद गोण्डाधूर शास. महाविद्यालय कोण्डागांव के मार्गदर्शन में पूर्ण किया । श्रीमती सुधा खापर्डे ने डॉक्टरेड उपाधि हासिल कर परिवार, विद्यालय, जिले का नाम रोशन किया है। उनकी एैतिहासिक उपलब्धि के लिए श्री प्रीतम खापर्डे, वैभव खापर्डे, विदित खापर्डे, टी.आर. नोन्हारे, सविता नोन्हारे, आशीष रामटेके, हेमलता रामटेके, लावन्या बोरकर, गुंजन बोरकर, शाला परिवार एवं मित्रमंडल ने बधाई दी है ।