दीपक बैज के चित्रकोट में समय से पहले आ गया पतझड़!

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  •  कोई गा रहा है खुशी के गीत, किसी की आंखों से झर रहे हैं जुदाई के गम के आंसू =
    -अर्जुन झा-
    लोहंडीगुड़ा जलप्रपात की जलधाराएं खिलखिला रही हैं, हवाएं मदमस्त कर देने वाली बासंती सुगंध बिखेर रही हैं, अमराई में कोयल गा रही है, टेसू के फूल खिल उठे हैं, कमल की बगिया उजाड़ होती जा रही है, चित्रकोट क्षेत्र में समय से पहले ही पतझड़ का मौसम आ गया है।
    जी हां ! ये बात बिल्कुल सौ फीसद सच है। यहां हम एक बरस के मौसम चार, पतझड़, सावन, बसंत, बहार वाले मौसम की बात नहीं कर रहे हैं। यहां बात हो रही है चुनावी मौसम की, जिसने एक राजनैतिक दल के लिए पतझड़ और एक दल के लिए मनभावन बसंत सा बयार बहा दिया है। चित्रकोट विधानसभा सीट बस्तर संभाग की हाई प्रोफाईल सीटों में पहले नंबर पर है। इस सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद दीपक बैज चुनाव लड़ रहे हैं। संभाग की दूसरी हाई प्रोफाईल विधानसभा सीट सुकमा है, जहां प्रदेश के उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ताल ठोंक रहे हैं। तीसरी हाई प्रोफाईल सीट नारायणपुर से भाजपा सरकार में शिक्षा मंत्री रहे केदार कश्यप की और चौथी हाई प्रोफाईल सीट कोंडागांव से पूर्व मंत्री लता उसेंडी और कांग्रेस सरकार में मंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। चित्रकोट में इन दिनों चुनावी गर्माहट कुछ ज्यादा महसूस की जा रही है, लेकिन इस गर्माहट में भी कांग्रेस को शीतलता का अहसास हो रहा है। वह इसलिए क्योंकि वहां भाजपा के लिए पतझड़ का दौर चल रहा है। भाजपाई पेड़ के पत्ते तेजी से झर रहे हैं और कांग्रेस के आंगन की शोभा बन रहे हैं। अब तक भाजपा के हजारों कार्यकर्त्ता कांग्रेस के अंगने में नृत्य करते हुए झुलसी हुई भाजपा के जले पर नमक छिड़क रहे हैं। कांग्रेस की बासंती बयार में सिर्फ भाजपाई पेड़ ही ठूठ में तब्दील नहीं हुआ है, बल्कि जोगी कांग्रेस और माकपा जैसे पौधों का भी वैसा ही हश्र हुआ है। इन दोनों दलों के भी सैकड़ों कार्यकर्त्ता कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज के पक्ष में खड़े हो गए हैं। इस तरह चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में दीपक बैज की संगीत लहरी ऐसी समा बांध रही है कि विश्वप्रसिद्ध जलप्रपात की जलधारा भी सुर में सुर मिलाती प्रतीत हो रही है।