इस मिथक को तोड़कर रख देंगी मंत्री अनिला भेंड़िया

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  • अभिशप्त माना जाता रहा है छ्ग के महिला एवं बाल विकास मंत्री पद को
  • चुनाव जीतकर अभिशाप मुक्त करेंगी अनिला पद को

अर्जुन झा

दल्लीराजहरा छत्तीसगढ़ शासन के महिला एवं बाल विकास मंत्री पद के बारे में चले आ रहे मिथक को मौजूदा महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया तोड़ने वाली हैं। यह मंत्री पद अभिशप्त माना जाता रहा है, लेकिन अनिला भेंड़िया चुनाव जीतकर उसे अभिशाप मुक्त करने वाली हैं।

सियासी गालियारे में एक किवदंती चली आ रही है कि छत्तीसगढ़ शासन का महिला एवं बाल विकास मंत्री पद अभिशप्त है। इस विभाग की जिम्मेदारी सम्हालने का मौका एक बार जिस विधायक को मिल जाता है, वह दोबारा या तो चुनाव नहीं जीत पाता या फिर दूसरी बार प्रत्याशी ही नहीं बनाया जाता। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से 2018 तक के इतिहास पर नजर डालें तो, सारे घटनाक्रम इस मिथक को पुष्ट करते प्रतीत होते हैं। अभी तक जितनी भी महिला विधायक महिला एवं बाल विकास मंत्री पद की जिम्मेदारी सम्हालती आई हैं, उनके साथ कोई न कोई अनहोनी हुई ही है। मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य के अस्तित्व में आने के बाद इस राज्य की पहली महिला एवं बाल विकास मंत्री होने का गौरव खैरागढ़ राजघराने की बड़ी बहू गीतादेवी सिंह को मिला था। 2003 के आम चुनाव में गीतादेवी सिंह को हार का सामना करना पड़ा था। 2003 के चुनाव के बाद राज्य में भारतीय जनता पार्टी की पहली सरकार बनी। तब रेणुका सिंह को महिला एवं बाल विकास मंत्री पद की जिम्मेदारी मिली। 2008 के आम चुनाव में रेणुका सिंह को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा उस समय दूसरी बार सत्तासीन हुई और बस्तर संभाग की कोंडागांव सीट से जीतकर आईं युवा विधायक लता उसेंडी को महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया। वे दो बार विधायक चुनी गईं थीं, लेकिन 2013 का चुनाव लता उसेंडी हार गईं। महिला एवं बाल विकास मंत्री बनने के बाद का यह उनका पहला चुनाव था, जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। तब भी राज्य में भाजपा की ही सरकार बनी थी। जबकि इसके पहले के दो चुनाव वे आसानी से जीत गईं थीं। 2013 में दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से भाजपा टिकट पर चुनाव जीतकर आईं रामशीला साहू को डॉ. रमनसिंह सरकार मेंमहिला एवं बाल विकास मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था, लेकिन अन्य पिछले मंत्रियों की तरह दुर्भाग्य ने रामशीला साहू का भी पीछा नहीं छोड़ा।2018 में उन्हें भाजपा ने टिकट ही नहीं दिया। 2018 के आम चुनाव में छत्तीसगढ़ के मतदाताओं ने भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया। बंपर जीत के साथ कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की सत्ता की बागडोर सम्हाली। भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बनाए गए और डौण्डी लोहारा से चुनकर आईं अनिला भेंड़िया को महिला एवं बाल विकास मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। 2023 के जारी चुनाव में अनिला भेंड़िया पुनः डौण्डी लोहारा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बनाई गईं हैं।

 

शुभ ही शुभ हैं अब तक के सारे संकेत

महिला एवं बाल विकास मंत्री पद को लेकर चली आ रही किवदंती अनिला भेंड़िया के मामले में फिट बैठती नहीं दिख रही है। मंत्री पद मिलने के बाद से अब तक के अनिला भेंड़िया के परफॉरमेंस पर नजर डालें तो सारे संकेत शुभ ही शुभ लग रहे हैं। मंत्री के रूप में अनिला भेंड़िया ने अपना दायित्व बखूबी निभाया है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने उन पर पुनः भरोसा जताते हुए उन्हें डौण्डी लोहारा विधानसभा क्षेत्र की जंग में उतारा है। इस जंग में भी अनिला भेंड़िया का परफॉरमेंस बेहतरीन नजर आ रहा है। वे मतदाताओं का दिल जीतने में कामयाब हो गईं हैं। क्षेत्र के आम मतदाताओं का कहना है कि अनिला भेंड़िया इस बार अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ते हुए जीत दर्ज कराएंगी। कांग्रेस के भरोसे को कायम रखने के लिए अनिला भेंड़िया चुनावी पिच पर धुंआधार बैटिंग कर रही हैं। वे अपनी जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हैं।